सरस्वती विद्या मन्त्र
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
Sarasvati Namastubhyam Varade Kaama-Ruupinni ।
Vidya[a-A]arambham Karissyaami Siddhir-Bhavatu Me Sadaa ।
Meaning:
1: Salutations to Devi Saraswati, Who is the giver of Boons and fulfiller of Wishes,
2: O Devi, when I begin my Studies, Please bestow on me the capacity of Right Understanding, always.
अर्थ - आशीर्वाद देने और इच्छाओं को पूरा करने वाली देवी सरस्वती को नमन है, हे माँ मैं अपनी शिक्षा शुरू करने जा रहा हूँ, इसलिए मुझ पर ज्ञान और बुद्धिमत्ता की अपनी कृपा का आशीर्वाद सदैव बनाये रखना.
सरस्वति (Sarasvati): Devi Saraswati
नमस्तुभ्यं (Namastubhyam): Salutations to You
नमस् (Namas) = Bow, Obeisance, Reverential Salutation
वरदे (Varade): Giver of Boons
वर (Vara) = Boon, Gift, Valuable, Precious, Most Excellent
द (Da) = Giving, Granting
कामरूपिणि (Kaama-Ruupinni): Fulfiller of Wishes
काम (Kaama) = Desire, Wish
रूप (Ruupa) = Form, Appearance
विद्यारम्भं (Vidyaa-Aarambham): Commencement of Studies
विद्या (Vidyaa) = Knowledge, Learning
आरम्भ (Aarambha) = Beginning, Commencement
करिष्यामि (Karissyaami): When I Do
सिद्धिर्भवतु (Siddhir-Bhavatu): Please Bestow the capacity of Right Understanding
सिद्धि (Siddhi) = Accomplishment, Success, Supernatural Powers
भव (Bhava) = the Worldly Existence, the World, state of Being
मे (Me): To me
सदा (Sadaa): Always
माँ सरस्वती की स्तुति के लिए इस दिव्य सरस्वती मंत्र का विद्यार्थियों को अवश्य जाप करना चाहिए. सरस्वती विद्या मंत्र के जाप से स्मृति, अध्ययन में शक्ति और एकाग्रता में सुधार होता है.
सरस्वती विद्या मंत्र के बारे में कहा जाता है, कि यह उन छात्रों में ध्यान और याददाश्त की शक्ति को बढ़ाता है जो पढ़ने में कमजोर है, पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने या अपनी परीक्षा पास करने के लिए भी संघर्ष करते हैं. इसके अलावा विद्या मंत्र उन शिक्षार्थियों के लिए भी बेहद अच्छा है जो छोटी-मोटी शैक्षणिक कठिनाइयों का नित्य प्रतिदिन सामना कर रहे होते हैं. क्योंकि इस सरस्वती विद्यामन्त्र का उच्चारण विद्यार्थी के आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है.
जिनकी पढ़ाई में ध्यान देने की क्षमता और स्मृति शक्ति अच्छी नहीं है, उनके लिए भी इस मंत्र का उच्चारण काफी लाभकारी होता है. इस मंत्र की एक विशिष्ट लय ताल और धुन है, सरस्वती विद्या मंत्र की ध्वनि भक्त की शांति,श्रद्धा भक्ति व उत्थान की जिज्ञासा की स्थिति के साथ ही मानसिक स्थिति की अनुभूति पर भी निर्भर करती है. क्योंकि इस मंत्र का निर्माण अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई संख्यात्मक सटीकता पर आधारित है, अतः इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है.
सरस्वती विद्या मंत्र का जाप करने के निम्नलिखित विशेष लाभ है, जैसे कि नियमित रूप से सरस्वती विद्या मंत्र सरस्वति नमस्तुभ्यं का पाठ करने से पाठी का बातचीत करने का तरीका वे आफ कम्युनिकेशन बेहतर हो जाता है. इस मन्त्र के जाप से बुद्धि का विकास होता है और अध्ययन के समय ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है.
सरस्वती मां के इस दिव्य विद्या मंत्र में कन्फूजन, गलत सूचना और गलतफहमी को दूर करके सत्य से अवगत कराने की क्षमता होती है. सरस्वती मंत्र के इस जाप का जानकारी प्राप्त करने, सीखने और याद रखने में बहुत लाभ होता होता है.
पूर्ण श्रद्धा भाव से सरस्वती विद्या मंत्र का उच्चारण करने से पढाई करने वाले छात्रों की इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प को बल प्राप्त होता है. कला विधा एवं संकाय से जुड़े ज्ञानी कवियों, लेखकों और सार्वजनिक कलाकारों को सरस्वती विद्या मंत्र का जप करने से सफलता के नए शिखर पर पहुंचने में बहुत मदद मिलती है.
सरस्वती विद्या मंत्र का प्रतिबद्धता के साथ जाप करने का सर्वोत्तम समय रोज सुबह प्रातः काल होता है. इस मंत्र का जाप करने की संख्या 11, 51 या एक माला अर्थात 108 बार हो सकती है. यहां अपनी इस वीडियो में हमने भी इसका 108 टाइम्स रेपेटिशन दिया है, जिससे कि कोई भी जो माँ सरस्वती की विशेष कृपा और आशीर्वाद पाना चाहता है वह इस मन्त्र का जाप कर सकता है.
इस सरस्वती विद्या मंत्र का जाप वैसे तो कोई भी कर सकता है लेकिन विशेष रूप से छात्रों को इस मन्त्र का पाठ करना चाहिए. इस मन्त्र का जाप उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना अधिक लाभकारी होता है.
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