प्राचीन दुनिया के सात अजूबे | Top 7 Ancient Wonders of the World | Chotu Nai

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प्राचीन दुनिया के सात अजूबे

1 गीज़ा का विशाल पिरामिड, मिस्त्र
गीज़ा का विशाल पिरामिड, विशव के सात प्राचीन अजूबो में सबसे पुराना है तथा यह एक मात्र प्राचीन अजूबा है जो समय की मार सहते हुए आज भी खड़ा है। यह पिरामिड 450 फुट ऊंचा है। 43 सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा। इसका आधार 13 एकड़ में फैला है जो करीब 16 फुटबॉल मैदानों जितना है। यह 25 लाख चूनापत्थरों के खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन 2 से 30 टन के बीच है | ग्रेट पिरामिड को इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि वर्तमान तकनीक ऐसी कृति को दोहरा नहीं सकती।

2 बेबीलोन के झूलते बागीचे
हैंगिंग गार्डन्स ऑफ़ बेबीलोन का शुमार भी प्राचीन विश्व के सात अजूबों में होता है तथा यह एक मात्र प्राचीन अजूबा है जिसकी सही लोकेशन आज तक निश्चित नहीं की जा सकी | लेकिन ऐसा कहा जाता है की यह प्राचीन बेबीलोन शहर में बना था जो आज इराक में अल-हिल्लह नामक स्थान के पास है। प्राचीन ग्रंथो के आधार पर यह उद्यान यहां के राजा नबूचड्नेजार द्वितीय (Nebuchadnezzar II) ने 600 ईसा पूर्व में बनवाया था।

3. सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ, मिस्र
मिस्त्र में दुनियां का एक और अजूबा पाया जाता था जिसको सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ के नाम से जाना जाता था । समुद्री नाविकों को राह दिखाने के लिए इस प्रकाश स्तंभ का निर्माण एक छोटे से आइलैंड फराओ पर किया गया था। इसका निर्माण 280 ईस्वी पूर्व से 247 ईस्वी पूर्व के मध्य में हुआ था। यह प्राचीन विशव के अजूबों में तीसरी सबसे बड़ी संरचना थी जिसकी ऊँँचाई 393 से 450 फ़ीट के बीच मानी जाती है। 956 से 1323 के मध्य आए तीन बड़े भूकम्पों से यह इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।

4. ओलम्पिया में ज़ीउस की मूर्ति, ग्रीस
प्राचीन ओलम्पिया में स्तिथ ज़ीउस की मू्र्ति प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यो में से एक थी । इस मूर्ति का निर्माण यूनानी मूर्तिकार फ़िडी्यास ने ईसा से 432 साल पहले किया था। इस मूर्ति को यूनान के ओलम्पिया में स्थित ज़ीउस के मंदिर (Temple of Zeus, Olympia, Greece) मे स्थापित किया गया था। इस मूर्ति में जियस को बैठी हुई अवस्था में दिखाया गया था। मूर्ति की उंचाई 13 मीटर (42 फ़ीट) थी। 475 ईस्वी में लगी भयंकर आग की वजह से यह मूर्ति नष्ट हो गई थी। इसका वर्णन अब कुछ पुराने ग्रीक ग्रंथो और और तत्कालीन सिक्को पर अंकित है।

5. हैलिकारनेसस का मकबरा, तुर्की
हैलिकारनेसस में बने इस मकबरे की ऊँचाई 150 फीट थी। इसका निर्माण 623 ईसा पूर्व किया गया था। मौसोलस (Mausolus) नामक शासक के द्वारा बनवाई गई इस इमारत को उसकी याद के रुप में जाना जाता है। यह मक़बरा भी 12 वि सदी से 15 वि सदी के मध्य आए कई विनाशकारी भूकम्पों के कारण नष्ट हो गया था। यह ईमारत भी दुनिया के प्राचीन अजूबो में गिनी जाती है

6. आर्तिमिस का मंदिर, तुर्की
गीक्र देवी अर्तिमिस (Greek goddess Artemis) को समर्पित इस मंदिर को बनने में 120 साल लगे थे। इसे टेम्पल ऑफ़ डायना के नाम से भी जाना जाता है। 401 ई. में पूर्ण तबाह होने से पहले भी यह मंदिर तीन बार नष्ट हो चूका था। तीनो बार इसका पुनर्निर्माण करवाया गया था। जिसमे से एक बार सिकंदर ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था।

7. रोड्‌स के कोलोसस की मूर्ति, ग्रीस
ग्रीस (यूनान) की एक और वास्तु कला को विश्व के सात अजूबो में गिना जाता था। रोड्‌स के कोलोसस की मूर्ति करीब 300 ईसा पूर्व निर्मित हुई थी। यह राजा रोड्‌स की साइप्रस के राजा पर मिली जीत की खुशी में बनाई गई थी। नष्ट होने से पहले इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 30 मीटर थी जो इसे विश्व की सबसे बड़ी इमारत बनाती थी। 226 ईसा पूर्व में एक भूकंप की वजह से यह इमारत भी इतिहास में दफन हो गई।

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