Rajasthani Kala , Sangit and Sahitay Sansthan | 1stgrade gk class | 2ndgrade | Reet | cet2024 Part 1

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राजस्थान प्रमुख कला एवं संगीत संस्थान Rajasthani Kala , Sangit and Sahitay Sansthan | 1stgrade gk class | 2ndgrade | Reet | Part 1 | reet | 2ndgrade | 1stgrade
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प्रमुख कला एवं संगीत संस्थान :-
1. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी :-
– जोधपुर में अवस्थित
– स्थापना :- 6 जुलाई, 1957 को।
– उद्देश्य :- राज्य में सांगीतिक, नृत्य एवं नाट्य विद्याओं के प्रचार-प्रसार, संरक्षण एवं उन्नयन करने तथा उनके माध्यम से राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना।
2. राजस्थान ललित कला अकादमी :- जयपुर में 24 नवम्बर, 1957 को स्थापित अकादमी।
3. राजस्थान संगीत संस्थान :- राज्य में संगीत शिक्षा की समृद्धि के लिये राजस्थान संगीत संस्थान की स्थापना 1950 ई. में जयपुर में की गई।
4. भारतीय लोक कला मंडल :- ‘पद्‌मश्री’ देवीलाल सामर द्वारा 1952 ई. में उदयपुर में स्थापित विशिष्ट सांस्कृतिक संस्थान।
इस संस्थान में ‘कठपुतली’ को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
5. रवीन्द्र मंच :- नृत्य नाटक व संगीत कला के उत्थान हेतु 15 मार्च, 1963 को रामनिवास बाग (जयपुर) में स्थापित सोसाइटी केन्द्र।
6. जयपुर कत्थक केन्द्र :- जयपुर कत्थक घराने की प्राचीन एवं शास्त्रीय शैली को पुनर्जीवित कर उसके समुन्नयन हेतु राज्य सरकार द्वारा 1978 ई. में स्थापित केन्द्र। वर्तमान में यह संस्थान कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण एवं नृत्य शिक्षा देने का कार्य कर रहा है।
7. जवाहर कला केन्द्र :- राज्य की पारम्परिक एवं विलुप्त होती जा रही कलाओं की खोज, उनका संरक्षण एवं संवर्द्धन करने तथा कलाओं को जनाश्रयी बनाकर उनका समन्वित विकास करने के लिए अप्रैल 1993 ई. में स्थापित केन्द्र। इसके भवन के वास्तुविद ‘श्री चार्ल्स कोरिया’ थे। इस केन्द्र में नौ सभागार खण्ड हैं जिसमें मुक्ताकाशी मंच भी शामिल है। इसके केन्द्र परिसर में एक शिल्पग्राम भी है जिसमें ग्रामीण शैली की झौंपड़ियाँ भी बनायी गई हैं। केन्द्र में चाक्षुष कलाओं, संगीत एवं नृत्य थियेटर एवं प्रलेखन से संबंधित चार विभाग हैं।
8. रुपायन संस्थान :- जोधपुर जिले के बोरुन्दा गाँव में सन् 1960 में स्थापित संस्था। यह राज्य क लोक कलाओं, लोक संगीत एवं वाद्यों के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज व उन्नयन एवं लोक कलाकारों को प्रोत्साहित कर उनके विकास हेतु स्व. कोमल कोठारी एवं विजयदान देथा द्वारा समर्पित सांस्कृतिक व शैक्षणिक संस्थान है। वर्तमान में इस संस्थान का मुख्यालय जोधपुर में है। इसे राज्य एवं केन्द्रीय सरकार से विभिन्न मदों से अनुदान प्राप्त होता है।
9. पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र :- देश की लुप्त हो रही कलाओं के पुनरुत्थान करने, कलाकारों को उपयुक्त मंच उपलब्ध कराकर उनकी कला को समुन्नत करने एवं प्रचार-प्रसार हेतु भारत सरकार द्वारा स्थापित 7 क्षेत्रीय केन्द्रों में से एक। इसकी स्थापना सन् 1986 में की गयी एवं इसका कार्यक्षेत्र गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान हैं। हस्तशिल्पियों के विकास हेतु उदयपुर के निकट शिल्पग्राम भी स्थापित किया गया है।
10. राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट एंड क्राफ्टस :- जयपुर में 1876 ई. में महाराजा सवाई रामसिंह द्वारा ‘मदरसा-ए-हुनरी’ के नाम से स्थापित।
11. गुरुनानक संस्थान :- जयपुर में अवस्थित संस्थान।
12. राजस्थान विश्वविद्यालय में नाट्य विभाग की स्थापना 1977 ई. में की गई।

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