ऐड़ी मैय्या ऐड़ी देवता जागर #18 sal ke गुरू में देव विधा का ज्ञान

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देवली गांव पोस्ट लोधिया जिला अल्मोड़ा,उत्तराखंड में अल्मोड़ा शहर से 3 किमी की दूरी पर एक गांव जिस गाव की चोटी पर एक मंदिर, इस मंदिर को देवली डाना के नाम से जाना जाता है कालान्तर में बाहरी लोग डोली डाना कहने लगे है किंतु इस मंदिर का नाम देवली गांव की चोटी जिसे डाना कहते है उसी से पढ़ा देवली डाना या (दयोई डान) इस मंदिर के मुख्य देवता ऐड़ी देवता है और साथ में ऐड़ी मैय्या (काली माँ) है यह स्थान ध्यान साधना के लिए विख्यात है यहां की आबो हवा में बहुत शांति मिलती है बड़े बड़े पत्थर में बैठ के दिमाग में जो शांति मिलती है वो और कही नही मिलती, कहा जाता है इस मंदिर से माता का डोला माल गांव और देवली गाव की परिक्रमा करता है और उस डोले के साथ मैय्या के सभी वीर चलते है यह स्थान जंगल के के बीचों बीच ऊँची चोटी में है पहले यह मंदिर एक बड़े पत्थर के नीचे बना था ,एक समय की बात है डोगरा रेजिमेंट इस मंदिर के आस पास अपना युद्ध अभ्यास करने आई और अपना डेरा मंदिर के आस पास लगाया, और माता के और अन्य देवताओं के लिंग पत्थर समझ के फैक दिए, बुजर्गों द्वारा बताया गया की इस क्षेत्र में हैजा फ़ैल गया और बहुत डोगरा सैनिक इस बीमारी से मर गए, बहुत दिनों बाद गांव के लोग के समझाने पर भी डोगरा आर्मी वहा से नही हटी किंतु जब बहुत सैनिक मर गए तो रात के समय माता ने और उसके वीरो ने डोगरा रेजिमेंट को सोने नही दिया जिस स्थान पे सोते उनका सुबह कही और ही मिलना होता था कभी कभी हवा में लटका देते थे एक दिन जब सेना प्रमुख बहुत असहाय हो गए तो तब उन्हें देव शक्ति का एहसास हुआ उसी रात माता ने सपनो में आकर बताया की यह स्थान पर मेरा मंदिर है यहां से थोडा दूर हो जाओ और मैं यह बीमारी दूर कर दूंगी अगले दिन जब सेना ने अपने तम्बू हटाये तो सब ठीक हो गए यह देख के सेना ने माता के इस मंदिर का निमार्ण किया इस मंदिर के पूजारी देवली गांव के है आज यह मंदिर अपनी पहचान खो रहा है क्योंकि इस क्षेत्र में अराजकता फैली है नशेड़ी, जुवारी,लव कपल, शराबी देखने को मिलते है यह मंदिर चमत्कारों के लिए विख्यात है जो भक्त अपनी मनोकामना लेके आता है वो पूरी होती है और फिर भक्त बकरी, दूध, श्रीफल,घंटी आधी चढ़ाते है, देवली गांव माल गांव में कोई भी गाय भैस बच्चे को जन्म देती है तो उसका दूध यहां चढ़ता है फिर बाकी कार्यों में वह दूध जा सकता है देवली गांव के लोग हर साल यहां ऐड़ी पूजन करते है और बकरे की बलि देती है और उसकी प्रसादी पूरे गांव में देते है माना जाता है जिस वर्ष ऐड़ी पूजन नही होता इस वर्ष गाव में फसल नही होती और गांव में प्राकृतिक आपदा आ जाती है चैत और अश्विन नवरात्री, शिवरात्रि में यहाँ मेला लगता है और जागर का आयोजन भी किया जाता है समय समय पर भागवत कथा का भी आयोजन होता है कैंट बोर्ड में आने के कारण यहां मंदिर के निर्माण कार्य करना प्रतिबंधित है ,एक बार इस रमणीय स्थान पर जरूर आये और माता का आशीर्वाद ले जाय.    • ऐड़ी मैय्या ऐड़ी देवता जागर #18 sal ke ...  
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🚩ॐ जय ऐड़ी मैय्या🚩

चन्दन सिंह लटवाल

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