रेगिस्तान के लोगों तथा यहां पाए जाने पशु पक्षी का बेहद कठिन जनजीवन।,इंडियन डेजर्ट—Hindi**Information

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रेगिस्तान के लोगों तथा यहां पाए जाने पशु पक्षी का बेहद कठिन जनजीवन।, इंडियन डेजर्ट—Hindi***Information

राजस्थान वनस्पतियों और जीवों में समृद्ध है। राजस्थान की वनस्पतियां और जीव-जंतु सभी प्रकार की पशु प्रजातियों और वनों का समर्थन करते हैं। विश्व के सबसे लम्बे काले गले वाले सारस से लेकर क्रेन्स, भारतीय बस्टर्ड राजस्थान के पक्षी अभयारण्य में पाये जाते हैं। राजस्थान की वनस्पतियों और जीवों को पूरी तरह से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए कहा जाता है।

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चंबल नदी (हिन्दी-चम्बल) मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है| यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में राजस्थान तथा मध्य प्रदेश से होकर बहती है| यह नदी दक्षिण मोड़ को उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है | यह एक बारहमासी नदी है| इसका उद्गम स्थल मानपुर इंदौर मध्यप्रदेश है | यह दक्षिण महू शहर के, इंदौर के पास, विंध्य रेंज के मध्य प्रदेश में दक्षिण ढलान से होकर गुजरती है | चंबल और उसकी सहायक नदियां उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के नाले, जबकि इसकी सहायक नदी, बनास, जो अरावली पर्वतों से शुरू होती है इसमें मिल जाती है| चंबल, कावेरी, यमुना, सिन्धु, पहुज भरेह के पास पचनदा में, उत्तर प्रदेश राज्य में भिंड और इटावा जिले की सीमा पर शामिल पांच नदियों के संगम समाप्त होता है| श्रेणी:भारत की नदियाँ.

थार मरुस्थल जिसे ग्रेट इंडियन डेजर्ट के नाम से भी जाना जाता हैं। भारत के उत्तर पश्चिम तथा पाकिस्तान के दक्षिण पूर्व में पूर्वी सिंध प्रांत और पंजाब को कवर करता हैं। थार रेगिस्तान भारत के राजस्थान राज्य में स्थित होने के साथ साथ हरियाणा, पंजाब और कच्छ के कन्नड़ क्षेत्र में भी फैला हुआ हैं।

थार का मरुस्थल भारत के मरुस्थल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. भूगर्भ शास्त्रियों का दावा है कि थार के मरुस्थल के स्थान पर पहले विस्तृत समुद्र टेथिस सागर हुआ करता था कार्बोनिफरस व पर्मियन पीरियड में यहां पर समुद्र का अस्तित्व था.

जो जुरासिक तथा इयोसीन तक जारी रहा प्लीटोसीन युग तक आते-आते यहां पर मानव का प्रादुर्भाव होता है तथा मानवीय क्रियाकलाप कृषि अतिचारण के चलते यहां मरुस्थलीय दशाओं का विकास 10000 से 4000 ईसा पूर्व के आस पास होता है.

यहां पाई जाने वाली खारे पानी की झीलों को भी समुद्र का अवशेष माना जाता है थार का मरुस्थल विश्व के प्राचीन ग्रेट पेलिया आरक्तिक अफ्रीका मरुस्थल का पूर्वी भाग है अर्थात यह सहारा के मरुस्थल का पूर्वी भाग है.

थार का मरुस्थल भारत के 4 राज्यों गुजरात राजस्थान पंजाब तथा हरियाणा तक फैला हुआ है इसे रेगिस्तान कहा जाता है रेगिस्तान का शाब्दिक अर्थ होता है बढ़ते रहना.

पाकिस्तान में यह सिंध व पंजाब प्रांत में फैला हुआ है. थार के मरुस्थल में कुल 142 डेजर्ट ब्लॉक हैं जिनमें से 85 केवल राजस्थान में स्थित है. क्षेत्रफल की दृष्टि से थार का मरुस्थल विश्व का 17 वा बड़ा मरुस्थल है उपोषण कटिबंध क्षेत्र में इसका स्थान नवा है.

थार का मरुस्थल अरावली पर्वतमाला जो 50 सेंटीमीटर सम वर्षा रेखा भी कहलाती हैं के पश्चिम में 25 ° उत्तर से 30° उत्तरी अक्षांश तक तथा 69°30' पूर्वी देशांतर से 76 °45' पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है.

राजस्थान में इसका विस्तार 12 जिलों यथा जैसलमेर बाड़मेर बीकानेर जोधपुर जालौर पाली नागौर सीकर झुंझुनू चूरू गंगा नगर तथा हनुमानगढ़ 175000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है.

उत्तर से दक्षिण की ओर इसकी लंबाई 640 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम में इसकी चौड़ाई 300 किलोमीटर तक है राज्य के कुल क्षेत्रफल का दो तिहाई भाग थार का मरुस्थल है.

थार के मरुस्थल का ढाल उत्तर से दक्षिण दक्षिण पश्चिम की ओर है यहां वर्षा अल्प मात्रा में होती है जो लगभग 30 सेंटीमीटर है. राज्य की 40% जनसंख्या निवास करती है थार के मरुस्थल की मिट्टी रेतीली बलुई है.

जलवायु शुष्क तथा अत्यधिक विषम होने के कारण होने के कारण कभी सूखा तो कभी अतिवृष्टि का सामना भी करना पड़ता है यहां का तापमान दिन में जहां 45 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है वही रात का तापमान 10 डिग्री तथा सर्दियों में जीरो डिग्री तक भी पहुंच जाता है.

वनस्पति अल्प मात्रा में पाई जाती है वनस्पति को मरुद भिद वनस्पति नाम से जाना जाता है जिसमें सेवन दामन करङ अंजन घास केर आक फोग प्रमुख है. मरुस्थल की प्रमुख फसलें बाजरा मूंग मोठ ग्वार इत्यादि है

खनिज संसाधनों की दृष्टि से काफी संपन्न है प्रमुख रूप से कोयला प्राकृतिक गैस तथा तेल के बड़ी मात्रा में भंडार प्राप्त हुए इनके अलावा नमक जिप्सम तथा चुने पत्थर के प्राप्त भंडार भी पाए जाते हैं.

विश्व के सभी मरुस्थल में थार का मरुस्थल सर्वाधिक जनसंख्या तथा जैव विविधता वाला मरुस्थल है भारतीय विश्व का सर्वाधिक घना बसा मरुस्थल है थार के मरुस्थल को 25 सेंटीमीटर वर्षा रेखा दो भागों में विभाजित करती है.

शुष्क मरुस्थल : थार के मरुस्थल इस भाग में 25 सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय सीमा के सहारे हैं बालुका स्तूप के आधार पर इसे भी दो भागों में विभाजित किया गया है.

बालुका स्तूप युक्त क्षेत्र तथा बालुका स्तूप मुक्त क्षेत्र बालुका स्तूप मुक्त क्षेत्र में आकल वुड फॉसिल पार्क स्थित है इसके अलावा लाठी सीरीज तथा थार का घड़ा चंदन नलकूप स्थित है.

थार का मरुस्थल विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या तथा सर्वाधिक जैव विविधता वाला क्षेत्र होने के साथ ही सर्वाधिक पशुधन भी पाया जाता है भारतीय उपमहाद्वीप में ऋतु चक्र को सक्रिय रखने में मरुस्थल की अहम भूमिका रहती है.

ग्रीष्म काल में इसका तापमान अधिक होने के कारण न्यून वायुदाब विकसित होता है अतः सागरीय क्षेत्र की आद्र वायु को अपनी और करता है इससे भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा होती है जुलाई से सितंबर के बीच 50 से 70% आद्रता रहती है.

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