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Скачать или смотреть रावण के वध के बाद क्या हुआ था मंदोदरी के साथ, क्या आप जानते हैं? Mandodri Ka Kala Sach kya Hai ??

  • जाने अंजाने इतिहास
  • 2024-01-16
  • 387
रावण के वध के बाद क्या हुआ था मंदोदरी के साथ, क्या आप जानते हैं? Mandodri Ka Kala Sach kya Hai ??
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Описание к видео रावण के वध के बाद क्या हुआ था मंदोदरी के साथ, क्या आप जानते हैं? Mandodri Ka Kala Sach kya Hai ??

Hello Friends ,
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रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। रावण लंका का राजा था। रावण श्री राम के परम शत्रु थे अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) | किसी भी कृति के लिये नायक के साथ ही सशक्त खलनायक का होना अति आवश्यक है। किंचित मान्यतानुसार रावण में अनेक गुण भी थे

रावण को कई नामों से जाना जाता है। सोने की लंका के स्वामी होने के कारण रावण को लंकेश या लंकापति के नाम से जाना जाता था। दस सिर होने के कारण रावण को दशानन भी कहा जाता था।


रामायण में रावण को ऋषि विश्रवा की संतान बताया गया है लेकिन उसकी मां कैकसी क्षत्रीय राक्षस कुल की थीं. इसलिए उसे ब्रह्मराक्षस कहा जाता था. राक्षसी और क्षत्रिय दोनों गुणों के साथ वो बेहद बलशाली और बहुत बड़ा शिवभक्त था. रावण का जन्म महान ऋषि विश्रवा (वेसमुनि) और उनकी पत्नी दैत्य राजकुमारी कैकसी के घर हुआ था.
रावण के ऐसे गुण जिसके बारे में कम ही जानते हैं लोग
• रावण भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। ...
• ब्रह्मदेव के वंशज रावण के पिता ऋषि विश्रव ब्रह्मदेव के पुत्र प्रजापति पुल्सत्य के पुत्र माने जाते हैं। ...
• वेदों के ज्ञाता रावण के पिता एक ऋषि थे और माता एक राक्षसी। ...
• कुशल राजा और राजनीतिज्ञ ...
• महान संगीतकार
रावण ब्रह्मा ज्ञानी और बहु-विद्याओं का जानकार था. वह कई तरह के तंत्र, सम्मोहन, इंद्रजाल और जादू जानता था. रावण के पास ऐसा विमान भी था, जो अन्य किसी के पास नहीं था. इसलिए जब रावण मृत्युशैय्या पर पड़ा होता है तब भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण को रावण ने राजनीति और शक्ति का ज्ञान प्राप्त करने को कहते हैं.
रावण पिछले जन्म में कौन था? इसका जवाब श्रीमद्भागवत महापुराण में मिलता है. इसके प्रसंग के अनुसार, रावण-कुम्भकर्ण अपने पूर्व जन्‍म में भगवान (श्री हरि विष्णु) के वैकुंठ लोक के द्वारपाल थे. उनके नाम जय और विजय थे
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार रावण मंदोदरी के पिता मायासुर के महल में गया था. वहां मदोदरी को देख रावण उस पर मोहित हो गया. उसने मायासुर से मंदोदरी का हाथ मांगा लेकिन मायासुर ने इनकार कर दिया. क्रोध में आकर रावण मंदोदरी को शादी के लिए मजबूर करने लगा.
1. पुलस्त्य ऋषि के पुत्र और महर्षि अगस्त्य के भाई महर्षि विश्रवा ने राक्षसराज सुमाली और ताड़का की पुत्री राजकुमारी कैकसी से विवाह किया था। ...
2. रावण ने दिति के पुत्र मय की कन्या मंदोदरी से विवाह किया, जो हेमा नामक अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न हुई थी। ...
3. भगवान शिव के वरदान के कारण ही मंदोदरी का विवाह रावण से हुआ था।
मृत्यु के समय रावण की पत्नियां उससे मिलने पहुंची। मंदोदरी के अलावा रावण ने दो विवाह और किये थे जिसमें से दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी था जबकि तीसरी पत्नी की रावण ने हत्या कर दी थी
84 दिनों तक चला था भगवान श्रीराम रावण की सेनाओं के बीच युद्ध
पुराण के अनुसार, सीता ने लंका में रावण की कैद में 11 महीने और 14 दिन बिताए थे।
पौराणिक कथा के अनुसार रावण परम ज्ञानी और शक्तिशाली था. श्री राम के लिए उसे मारना बहुत मुश्किल था. विभीषण ने राम को लंकेश को मारने का तरीका बताया था. बताया था कि रावण को एक विशेष अस्त्र से नाभि पर प्रहार करके मारा जा सकता है. रावण को मारने के लिए दिव्यास्त्र का इस्तेमाल किया गया था. विभीषण ने श्रीराम को इस अस्त्र के बारे में बताया था, शास्त्रों के अनुसार ये अस्त्र ब्रह्मा ने दशानन को दिया था. इस अस्त्र को पाने के लिए हनुमान वृद्ध ब्राह्मण का रूप धारण कर मंदोदरी के कक्ष में पहुंच गए थे
उस समय मंदोदरी ने विभीषण की शरण ले और उनकी पत्नी के रूप में जीवन व्यतीत करने लगीं। हालांकि रामायण में इस बात का कहीं बहुत ज्यादा जिक्र नहीं है और कुछ लोगों का मानना यह भी है कि रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी ने मृत्यु को चुना और वो सती हो गईं।
मंदोदरी विभीषण की पत्नी बन गई क्योंकि वह एक समर्पित और सदाचारी महिला थी, जिसमें सती (वफादार) पत्नी के गुण समाहित थे।
मंदोदरी की पहचान केवल लंकापति रावण की पत्नी तक ही सीमित रही है। रावण की मृत्यु के बाद उनका अध्याय भी जैसे समाप्त कर दिया गया। प्रामाणिक ग्रंथों में मंदोदरी के बारे में बहुत कम लिखा गया है। हालांकि कई किंवदंतियां जरूर प्रचलन में रहीं।
रावण के वध के बाद मंदोदरी रणभूमि पर पहुंचती हैं। वहां पति-पुत्र के साथ-साथ अपनों के शव देखकर शोक में डूब जाती हैं। लेकिन श्रीराम उन्हें याद दिलाते हैं कि वे अब भी लंका की महारानी और बलशाली रावण की विधवा हैं। इसके बाद मंदोदरी लंका वापस लौट जाती हैं।

अद्भुत रामायण और कुछ अन्य ग्रंथों में दी गई किंवदंतियों के अनुसार पति-पुत्र के दुख में मंदोदरी खुद को महल में कैद कर लेती हैं। वे पूरी तरह से बाहरी दुनिया से संपर्क तोड़ लेती हैं। इस दौरान विभीषण लंका का राजपाट संभालते हैं।



रावण की मृत्‍यु के बाद भगवान राम ने मंदोदरी और विभीषण के विवाह का प्रस्ताव रखा. मंदोदरी ने इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद एक बार भगवान राम सीता और हनुमान के साथ मंदोदरी को समझाने गए. तब ज्योतिष की प्रकांड विद्वान मंदोदरी को महसूस हुआ कि धार्मिक, तार्किक और नैतिक तौर पर देवर विभीषण से विवाह करना गलत नहीं होगा. इसके बाद उन्‍होंने विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. हालांकि, रावण की मृत्यु के बाद पटरानी मंदोदरी के बारे में वाल्मीकि रामायण में ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन रामायण के दूसरे संस्‍करणों में इस बारे में काफी कुछ लिखा गया है
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