Freedom For Evolution | पेड़ का जड़ से अलग होना स्वतंत्रता नहीं है | Harshvardhan Jain | 7690030010

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When your success makes a noise, your flag of freedom sends a message to the whole world. If you are master at heart, you will write chapters of success and hoist the flag of success.

कर्तव्य करो, अधिकार स्वयं मिल जाएंगे। कर्म करो, फल स्वयं मिल जाएंगे। इन वाक्यों में भविष्य की झलक है, सफलता की झलक है और व्यक्तित्व की झलक है। यह जानते सभी लोग हैं, फिर भी कर्तव्य करने की लाइन में सन्नाटा छा जाता है और जहां अधिकारों की बात होती है लोगों का जमावड़ा लग जाता है। सफलता वही मिलती है, जहां पर कर्तव्यों का मेला लगता है। जिस कीचड़ में अधिकतर लोग उतरना नहीं चाहते हैं, उसी कीचड़ में कमल खिलता है। इसका अर्थ यह है कि कर्तव्य पथ पर चलकर ही सफलता का स्वर्ग मिलता है क्योंकि कमल सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। यह बातें बुद्धिमान लोगों को हिलाने के लिए काफी हैं। इसलिए कर्तव्यों की कलम से सफलता का चित्रांकन करो। सफलता सदाबहार हो जाएगी

जिस प्रकार एक पेड़ अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है और अपनी शाखाओं का विस्तार करता है। उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जड़ों का सम्मान करते हुए अपनी विचारधारा का विस्तार करना चाहिए और अपने विचारों को तराशकर लोगों के सामने पेश करना चाहिए। जिससे नए-नए सफलता के अवसर मिल सकें, स्वतंत्रता के अवसर मिल सकें और नए-नए सिद्धांतों के निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त हो सके। जब आपकी सफलता शोर मचाती है, तब आपकी स्वतंत्रता का ध्वज पूरी दुनिया को संदेश देता है। परंतु जो लोग अपनी सफलता को व्यक्तिगत समझ लेते हैं, वे एक दिन सीमित दायरे में सिकुड़ कर रह जाते हैं। लेकिन जो लोग अपनी सफलता को सार्वजनिक कर देते हैं, लोगों के साथ साझा कर लेते हैं; उनकी यह साझेदारी सफलता की कहानी लिखती है। जब आप अपनी सफलता में लोगों को साझेदार बना लेते हैं, तब आपकी सफलता अमर हो जाती है क्योंकि लोगों के सपने जुड़ जाते हैं, उम्मीदें जुड़ जाती हैं और उनका जीवन मंत्र सिद्ध हो जाता है।

इस दुनिया पर वही लोग राज करते हैं, जो मन से राजा होते हैं या मन से मालिक होते हैं। इसलिए यदि आप मन से मालिक हैं, तो सफलता के अध्याय लिखेंगे, सफलता का ध्वज फहराएंगे। शेर और गाय के उदाहरण से आपको एक सीख मिलती है। यदि आप मन से मालिक नहीं है, तो अपने सिद्धांतों को अपना मालिक बनाइए; आपके सिद्धांत आपके मार्गदर्शन बन जाएंगे, आपके मित्र और सहयोगी बन जाएंगे। इसलिए जहां पर सफलता का संचार होता है, वहां पर मालिक मानसिकता या बॉस मानसिकता का डंका बजता है। जो व्यक्ति स्वयं को मालिक नहीं, बल्कि नौकर की नजर से देखा है, वह पूरा जीवन दूसरों की गुलामी में गुजारता है। लेकिन जो लोग शेर की तरह मन से मालिक होते हैं, वे हर परिस्थिति में मालिक की तरह व्यवहार करते हैं, मालिक की तरह निर्णय करते हैं, मालिक की तरह विचार करते हैं और मालिक की तरह भविष्य की विजन को फॉलो करते हैं। जो मन से मालिक होता है, वह अपने सिद्धांत स्वयं बनाता है और अपने सिद्धांतों को सदैव सर्वोच्च स्थान देता है क्योंकि सिद्धांतों से बड़ा कोई नहीं होता है। तो सफलता का बड़ा होना तय हो जाता है।

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