दीदी मनमोहिनी जी | Hindi Short Video | Inspiring Life Story | Didi Manmohini ji

Описание к видео दीदी मनमोहिनी जी | Hindi Short Video | Inspiring Life Story | Didi Manmohini ji

#manmohinididi #didimanmohini #brahmakumaris

A D I R A T A N.. Inspiring Life Stories

Hindi Videos हिन्दी वीडियोज :
Mamma :    • मम्मा | Hindi Video | Inspirational L...  
Jagdish bhai:    • जगदीश भाईजी के बारे में | Inspiring s...  
Brijshanta dadi:    • बृजशांता दादी | Brijshanta dadiji | I...  
Shatamani dadi:    • शान्तामणि दादीजी |Shantamani dadi ji ...  
Shilendra dadi:    • शीलइंद्रा दादी | Short Video | Inspir...  
Bhoori dadi:    • भूरि दादि | Short Video | Bhoori Dadi...  
Hridayapushpa dadi:    • ह्रदयपुष्पा दादी | Short Video | Hrid...  
Manmohini didi:    • दीदी मनमोहिनी जी | Hindi Short Video ...  
Manmohini didi at Hyderabad :    • हैदराबाद में मनमोहिनी दीदी | Manmohin...  


Telugu Videos తెలుగు వీడియోలు :
Mamma :    • మమ్మా | Telugu video | Mamma Inspirat...  
Jagdish bhai:    • జగదీశ్ అన్నయ్యగారి గురించి | Brief in...  
Brijshanta dadi:    • బృజశాంత దాదీగారు | Brijshanta dadiji ...  
Shatamani dadi:    • శాంతమణి దాదీ గారు | Shantamani dadiji...  
Shilendra dadi:    • శీలీంద్రా దాదీ | Short Video | Inspir...  
Bhoori dadi:    • భూరి దాది | Short Video | Bhoori Dadi...  
Hridayapushpa dadi:    • దాదీ హృదయ పుష్పా | Short Video | Hrid...  
Manmohini didi :    • మన్‌మోహిని దీదీ  | Telugu Short Video...  
Manmohini didi at Hyd :    • హైదరాబాదు లో మన్ మోహినీ దీదీ | Manmoh...  


28 जुलाई विशेष
आज दिदि मनमोहिनी जी की पुण्यतिथि है …दिदि जी विशेष आत्मा थीं .. गुणमूर्त बन सभी के गुण देखती थीं। उनका कहना था कि ….विशेष आत्मा बन, विशेषता को ही देखो और विशेषता का ही वर्णन करो।आज हम यही अभ्यास करेंगे।

मैं विशेष आत्मा हूं — शिव परमात्मा की प्यारी संतान हूं — सदा मोती चुनने वाली होली हंस हूं —मैं सदा सबकी विशेषताएँ ही देखती हूं और उनका ही वर्णन करती हूं– इससे मेरी विशेषता भी बढ़ जाती है और उस आत्मा को भी प्रेरणा मिलती है।

दिदि जी कहती थीं कि अगर हम किसी की कमजोरी मन में रखेंगे तो वो हमारी कमजोरी बन जायेगी… तो हम किसी की कमजोरी देखे ही क्यों?… मैं आत्मा तो सर्व की विशेषता देखने वाली विशेष आत्मा हूँ… जब मैं आत्मा किसी की विशेषता देखती हूँ… तो वो मेरी भी विशेषता बन जाती हैं… और उस आत्मा को भी मुझ से पॉजिटिव एनर्जी मिलती हैं… और उनकी विशेषता और ही वृद्घि को पाती हैं।

दिदि जी का कहना था कि सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान मे रहो …… मैं गुणमूर्त आत्मा हूँ… सम्बन्ध-सम्पर्क में आने वाली हर आत्मा के गुण और विशेषता ही देखो… उनकी विशेषताओं का ही वर्णन करो …… मैं बाप समान आत्मा… मास्टर प्रेम का सागर हूँ… हर आत्मा प्रति कल्याण की भावना लिए हुये… हर आत्मा की विशेषताओं को उजागर कर… उनका उमंग-उत्साह बढ़ाती हूँ ।

दिदि जी कहती थीं — सदा सोचो कि मैं सर्व की स्नेही आत्मा बन गई हूँ… समाने की शक्ति द्वारा… सर्व की कमी कमजोरियों का विनाश कर… उनके गुणों और विशेषताओं को देख उन्हें आगे बढ़ाने की निमित्त आत्मा हूँ… सभी के पुरुषार्थ को तीव्र करने वाली बाप समान आत्मा हूँ ।

दिदि जी की मान्यता थी कि….यदि विशेष आत्मा बनना है तो सबकी विशेषता देखो। दिदि जी की मान्यताओं का अनुसरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना है।

www.shantisarovar.org

Комментарии

Информация по комментариям в разработке