मात्र 7 मिनट में सीखे सँध्या करना! यज्ञ व सँध्या हमारे लिए कितनी जरूरी BY आचार्य योगेश भारद्वाज जी

Описание к видео मात्र 7 मिनट में सीखे सँध्या करना! यज्ञ व सँध्या हमारे लिए कितनी जरूरी BY आचार्य योगेश भारद्वाज जी

दैनिक यज्ञ करने की पूर्ण विधि (8 मिनट में सीखे) :-    • अग्निहोत्र कैसे करे!! मात्र 8 मिनट मे...  


ओउम् भूर्भुव: स्व: । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

ओ३म् शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिस्रवन्तु नः।

इन्द्रियस्पर्श मंत्र :-

ओं वाक् वाक्। ( इससे मुख )
ओं प्राण: प्राण:। ( इससे नासिका छिद्र )
ओं चक्षु: चक्षु:। ( इससे नेत्र )
ओं श्रोत्रम् श्रोत्रम्। ( इससे श्रोत )
ओं नाभि:। ( इससे नाभि )
ओं हृदयम्। ( इससे ह्रदय )
ओं कण्ठ:। ( इससे कंठ )
ओं शिर:। ( इससे मस्तक )
ओं बहुभ्यां यशोबलम् । ( इससे दोनों भुजाओं के मूल स्कन्ध )
ओं करतल कर पृष्ठे। ( इससे दोनों हाथों के ऊपर तले स्पर्श करें )

मार्जन मंत्र :-
ओं भू: पुनातु शिरसि। ( शिर पर छींटा देवे )
ओं भुवः पुनातु नेत्रयो:। ( दोनों नेत्रों पर छींटा देवे )
ओं स्व: पुनातु कण्ठे। ( कण्ठ पर छींटा देवे )
ओं मह: पुनातु हृदये। ( हृदय पर छींटा देवे )
ओं जन: पुनातु नाभ्याम्। ( नाभि पर छींटा देवे )
ओं तप: पुनातु पादयो:। ( दोनों पगों पर छींटा देवे )
ओं सत्यं पुनातु पुनः शिरसि। ( पुनः मस्तक पर छींटा देवे )
ओं खं ब्रह्म पुनातु सर्वत्र। ( सब अंगों पर छींटा देवे )

प्राणायाम मन्त्र :-
ओं भू:। ओं भुवः। ओं स्व:। ओं मह:। ओं जन:। ओं तप:। ओं सत्यम्।
उपरोक्त रीति से प्राणायाम की क्रिया करते जावे ओर प्राणायाम मन्त्र का जप भी करते जावे। कम से कम तीन ओर अधिक से अधिक 21 प्राणायाम करे

अघमर्षण मन्त्र :-
ओम् ऋतञ्च सत्यञ्चाभीद्धात् तपसोSध्यजायत।
ततो रात्र्यजायत तत: समुद्रो अर्णव:।।१।।

ओं समुद्रादर्णवादधि संवत्सरो अजायत।
अहोरात्राणि विदधद्विश्वस्य मिषतो वशी।।२।।

ओं सूर्य्याचन्द्रमसौ धाता यथापूर्वमकल्पयत्।
दिवञ्च पृथिवीञ्चान्तरिक्षमथो स्वः।।३।।

ओं शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिस्रवन्तु नः।

मनसापरिक्रमा-मन्त्र :-
विधि इस मन्त्र से तीन आचमन करके निम्नलिखित मन्त्रो से सर्वव्यापक परमात्मा की स्तुति प्रार्थना करे।

ओं प्राची दिगग्निधिपतिरसितो रक्षितादित्या इषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।१।।

ओं दक्षिणा दिगिन्द्रोऽधिपतिस्तिरश्चिराजी रक्षिता पितर इषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।२।।

ओं प्रतीची दिग्वरुणोऽधिपति: पृदाकू रक्षितान्नमिषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।३।।

ओं उदीची दिक् सोमोऽधिपति: स्वजो रक्षिताशनिरिषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।४।।

ओं वीरुध दिगि्वष्णुरधिपति: कल्माषग्रीवो रक्षिता विरुध इषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।५।।

ओं ऊर्ध्वा दिग्बृहस्पतिरधिपति: श्वित्रो रक्षिता वर्षमिषव:।
तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु। यो३स्मान द्वेष्टि यं वयं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्म:।।६।।

उपस्थान मंत्र :-
ओं उद्वयं तमसस्परि स्व: पश्यन्त उत्तरम्।
देवं देवत्रा सूर्यमगन्म ज्योतिरुत्तमम्।।

उदुत्यं जातवेदसं देवं वहन्ति केतव:।
दृशे विश्वाय सुर्यम्।।

चित्रं देवानामुदगादनिकं चक्षुर्मित्रस्य वरुणस्याग्ने:।
आप्रा द्यावापृथिवीऽअन्तरिक्षं सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च स्वाहा।।

तच्चक्षुर्देव हितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्। पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं श्र्णुयाम शरद: शतं प्रब्रवाम शरद: शतमदीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात्।।

ओउम् भूर्भुव: स्व: । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

समर्पण :-
हे ईश्वर दयानिधे! भवत्कृपयाऽनेन जपोपसनादिकर्मणा धर्मार्थकाममोक्षाणां सद्य: सिद्धिर्भवेन्न:।।

नमस्कार मन्त्र :-
ओं नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शङ्कराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ।।

ओ३म् शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।


वैदिक भजन व वैदिक उपदेश के कार्यक्रम की कवरेज के लिए व अन्य वीडियो हमारे पास भेजने के लिए सम्पर्क करें।
Harshit Sharma (+91 88148-35357) WHATSAPP OR TELEGRAM


प्रतिदिन अन्य वैदिक प्रचार के कार्य्रकम देखने के लिए हमारे वैदिक प्रचार के FACEBOOK व YOUTUBE के चैनल से जुड़े।

Thankyou For Visit "Vaidik Prachar" Channel
Vaidik Prachar Team 🙏🙏

Комментарии

Информация по комментариям в разработке