प्रेम भक्ति गुरु दीजै, देवन को देवा।

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संध्या में प्रतिदिन इस प्रार्थना को करने से मन में शांति मिलती है ।


जहाँ न चाँद है,न सूरज है, न तत्व है और न प्रकृति ,
वहाँ केवल अमि का प्रकाश है ।
   • जहाँ न चाँद है, न सूरज है, न तत्व है ...  

प्रथम वंदौं सतगुरु चरण जिन, अगम गम्य लखाइया ।
   • प्रथम वंदौं सतगुरु चरण जिन, अगम गम्य ...  

मन नेकी करले दो दिन का मिजमान रे ।
   • मन नेकी करले दो दिन का मिजमान रे ।#ch...  

गुरु दया सागर ज्ञान आगर शब्द स्वरूपी सद्गुरुं ।
   • गुरु दयासागर ज्ञान आगर शब्द स्वरूपी स...  

सतगुरु चारों वर्ण विचारी।
   • सद्गुरु चारो वर्ण विचारी।#sadguruchar...  

संध्या सुमिरन आरती भजन भरोसे दास ।
   • संध्या सुमिरन आरती, भजन भरोसे दास ।#s...  

प्रेम भक्ति गुरु दीजै, देवन को देवा ।
   • प्रेम भक्ति गुरु दीजै, देवन को देवा।#...  

गुरु दुखित तुम बिन रटत द्वारे प्रगट दर्शन दीजिए ।
   • गुरु  दुखित तुम बिन रटत द्वारे, प्रगट...  

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