satyanarayan vrat katha।सत्यनारायण भगवान व्रत कथा।

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सत्यनारायण कथा || Satyanarayan Katha || Purnima Vrat Katha
आज मैं आप सभी के समक्ष सत्यनारायण कथा प्रस्तुत कर रही हूं। आइए शुरू करते हैं सत्यनारायण कथा
आज चैत्र पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा | Satyanarayan Katha | Purnima ki katha | Vaishakh Purnima Katha
This Satyanarayan kata video on the occasion of Vaishakh Purnima includes all 5 chapters of the Satyanarayan katha. Satyanarayan vrat is performed on full moon (purnima ) but Satyanarayan ki katha on chaitra purnima has special significance. After vishnu puja we should listen Satyanarayan katha.
Those who pledge to worship Satyanarayana should observe fast throughout the day. Make an alpana there by consecrating the place of worship with cow dung and place a worship post on it. Plant a banana tree near the four finds of this outpost. Establish a statue of Shaligram or Thakurji or Shri Satyanarayana at this post. While worshiping, first of all worship Ganapati, then of Indradi Dashadikpal and of Pancha Lokpal, Sita with Ram, Lakshman and Radha Krishna respectively. After worshiping them, worship Thakurji and Satyanarayana. After this, worship Lakshmi Mata and finally Mahadev and Brahma ji. After the worship story of Satyanarayana God perform aarti to all the Gods and distribute Charanamrit with Prasad. Offer Dakshina and clothes to the priest and provide food. After the food of Purhit ji, after taking blessings from him, you should eat yourself. On the occasion of chaitra Purnima, Let us watch and listen Satyanarayan Katha, satyanarayan puja

सत्यनारायण भगवान का व्रत किसी भी दिन किया जा सकता है । हमारे देश में ज्यादातर लोग पूर्णमासी के दिन सत्यनारायण भगवान का व्रत करते हैं ।व्रत के दिन प्रातः काल संकल्प लेकर दिनभर निराहार रहना चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान और गुणगान करना चाहिए । साएकाल होने पर स्नान करके पूजा की तैयारी करनी चाहिए।
केले के खंभों और आम के पत्तों के बंदनवार से सुंदर मंडप बनाकर चौकी पर भगवान की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। पास ही गणेश जी और नवग्रह भी स्थापित करें और विधिवत पूजन करें। पूजन के पश्चात सत्यनारायण कथा सुननी चाहिए। जो व्यक्ति सत्यनारायण की पूजा का संकल्प लेते हैं उन्हें दिन भर व्रत रखना चाहिए। पूजन स्थल को गाय के गोबर से पवित्र करके वहां एक अल्पना बनाएं और उस पर पूजा की चौकी रखें। इस चौकी के चारों पाये के पास केले का वृक्ष लगाएं। इस चौकी पर शालिग्राम या ठाकुर जी या श्री सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें। पूजा करते समय सबसे पहले गणपति की पूजा करें फिर इन्द्रादि दशदिक्पाल की और क्रमश: पंच लोकपाल, सीता सहित राम, लक्ष्मण की, राधा कृष्ण की। इनकी पूजा के पश्चात ठाकुर जी व सत्यनारायण की पूजा करें। इसके बाद लक्ष्मी माता की और अंत में महादेव और ब्रह्मा जी की पूजा करें।सत्यनारायण भगवान की पूजा कथा के बाद सभी देवों की आरती करें और चरणामृत लेकर प्रसाद वितरण करें। पुरोहित जी को दक्षिणा एवं वस्त्र दे व भोजन कराएं। पुराहित जी के भोजन के पश्चात उनसे आशीर्वाद लेकर आप स्वयं भोजन करें।
26 मई 2021 वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर आइए सुनते हैं सत्यनारायण भगवान की कथा , सत्यनारायण कथा

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Satyanarayan Vrat Katha :-
श्री सत्यनारायण व्रत कथा से वंशजों को सुख, समृद्धि, संतान, यश, कीर्ति, वैभव, पराक्रम, संपत्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य और शुभता का वरदान मिलता है। यह कथा सुनने और घर में कराने से पूर्वजों को भी शांति और मुक्ति मिलती है। वे प्रसन्न होकर आशीष देते हैं।#Dharm Inspired

भगवान सत्यनारायण पूजा के लिए कलश और दीपक की भी स्थापना करें. सबसे पहले गौरी गणेश और नवग्रहों का पूजन करें इसके बाद सत्यनारायण भगवान की पूजा करें. और उन्हें फल, पंचामृत, पंजीरी, वस्त्र और तुलसी दल जरूर अर्पित करें. फिर उनकी व्रत कथा कहें या सुनें और आरती करें.#dgarm inspired

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