Bhagwan Naam ki Kathayen | HG Amogh Lila Prabhu ji | Bhagwan Naam ki Shakti | Hari Naam ki Mahima

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भगवान का नाम क्या नहीं कर सकता? भगवान का मंगलकारी नाम दुःखियों का दुःख मिटा सकता है, रोगियों के रोग मिटा सकता है, पापियों के पाप हर लेता, अभक्त को भक्त बना सकता है, मुर्दे में प्राणों का संचार कर सकता है। भगवन्नाम-जप से क्या फायदा होता है? कितना फायदा होता है? इसका पूरा बयान करने वाला कोई वक्ता पैदा ही नहीं हुआ और न होगा। नारदजी पिछले जन्म में विद्याहीन, जातिहीन, बलहीन दासीपुत्र थे। साधुसंग और भगवन्नाम-जप के प्रभाव से वे आगे चलकर देवर्षि नारद बन गये। साधुसंग और भगवन्नाम-जप के प्रभाव से ही कीड़े में से मैत्रेय ऋषि बन गये। परंतु भगवन्नाम की इतनी ही महिमा नहीं है। जीव से ब्रह्म बन जाय इतनी भी नहीं, भगवन्नाम व मंत्रजाप की महिमा तो लाबयान है। 'जो मनुष्य परमात्मा के दो अक्षरवाले नाम 'हरि' का उच्चारण करते हैं, वे उसके उच्चारणमात्र से मुक्त हो जाते हैं, इसमें शंका नहीं है। भगवान के कीर्तन की प्रणाली अति प्राचीन है। चैतन्य महाप्रभु ने सामूहिक उपासना, सामूहिक संकीर्तन प्रणाली चलायी। इनके कीर्तन में जो भी सम्मिलति होते वे आत्मविस्मृत हो जाते, आनंदावेश की गहरी अनुभूतियों में डूब जाते और आध्यात्मिक रूप से परिपूर्ण व असीम कल्याण तथा आनंद के क्षेत्र में पहुँच जाते थे। श्री गौरांग द्वारा प्रवर्तित नामसंकीर्तन ईश्वरीय ध्वनि का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण आध्यात्मिक रूप है। इसका प्रभाव क्षणभंगुर नहीं है। यह न केवल इन्द्रियों को ही सुख देता है, वरन् अंतःकरण पर सीधा, प्रबल और शक्तियुक्त प्रभाव डालता है। नर-नारी ही नहीं, मृग, हाथी व हिंसक पशु व्याघ्र आदि भी चैतन्य महाप्रभु के कीर्तन में तन्मय हो जाते थे। वेदों के गान में पवित्रता तथा वर्णोच्चार छन्द और व्याकरण के नियमों का कड़ा ख्याल रखना पड़ता है अन्यथा उद्देश्य भंग होकर उलटा परिणाम ला सकता है। परंतु नाम-संकीर्तन में उपरोक्त विविध प्रकार की सावधानियों की आवश्यकता नहीं है। शुद्ध या अशुद्ध, सावधानी या असावधानी से किसी भी प्रकार भगवन्नाम लिया जाय, उससे चित्तशुद्धि, पापनाश तथा परमात्म-प्रेम की वर्षा होगी ही।

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We focus on Krishna Consciousness and follow in the footsteps of International Society of Krishna Consciousness. Our flagship firm Bhakti Aashray Television also caters to preaching, kirtans and other events related to Lord Krishna and the Krishna Consciousness


हम कृष्ण भावना पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) की राह पर चलते हैं। हमारी प्रमुख फर्म भक्ति आश्रय टेलीविजन भी भगवान कृष्ण और कृष्ण भावना से संबंधित उपदेश, कीर्तन और अन्य कार्यक्रमों को पूरा करती है।

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