🌟 दीपावली विशेष माता लक्ष्मी कथा🌟दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का सबसे प्रमुख और प्रकाशमय त्योहार है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर और असत्य से सत्य की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है। इस दिन माँ लक्ष्मी, धन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी, का विशेष पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली की रात माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जहाँ स्वच्छता, प्रकाश और भक्ति होती है, वहाँ वे वास करती हैं।
🌼 कथा प्रारंभ 🌼बहुत पुरानी बात है। एक नगर में एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था। वह बड़ा ही धार्मिक और कर्मठ था। प्रतिदिन प्रभु की आराधना करता, परंतु फिर भी उसका जीवन दरिद्रता में व्यतीत हो रहा था। एक दिन उसने संकल्प लिया कि वह माँ लक्ष्मी की कठोर तपस्या करेगा।
ब्राह्मण ने एक एकांत स्थान पर जाकर माँ लक्ष्मी का व्रत और पूजन प्रारंभ किया। कई दिनों तक बिना अन्न-जल के केवल माँ लक्ष्मी का ध्यान करता रहा। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर माँ लक्ष्मी प्रकट हुईं और बोलीं:
"वत्स! मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं। वर मांगो।"
ब्राह्मण ने विनम्रतापूर्वक कहा, "हे माँ! मुझे इतना धन दो कि मैं अपने परिवार के साथ सम्मानपूर्वक जीवन जी सकूं और धर्म-कर्म कर सकूं।"
माँ लक्ष्मी ने कहा, "वत्स! दीपावली की अमावस्या की रात को जब तुम विधिपूर्वक मेरा पूजन करोगे, तब मैं स्वयं तुम्हारे घर आऊँगी। अपने घर को स्वच्छ और दीपों से प्रकाशमान करना, ताकि मुझे वहाँ वास करने में आनंद आए।"
ब्राह्मण ने वैसा ही किया। दीपावली की रात उसने घर की सफाई की, दीप जलाए, रंगोली बनाई और विधिपूर्वक माँ लक्ष्मी का पूजन किया। रात्रि में माँ लक्ष्मी स्वयं उसके घर पधारीं और उसे आशीर्वाद दिया। उसके घर में धन, अन्न और समृद्धि की वर्षा हुई।
🪔 एक अन्य कथा – समुद्र मंथन की कथा 🪔
एक और प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तब उस मंथन से अमृत के साथ अनेक रत्न और देवी-देवता प्रकट हुए। उन्हीं में से एक थीं – देवी लक्ष्मी। वे समुद्र से कमल पुष्प पर विराजमान होकर प्रकट हुईं और भगवान विष्णु को पति रूप में स्वीकार किया।
यह दिन कार्तिक अमावस्या का था, और तभी से इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करके धन, ऐश्वर्य, और सुख की कामना की जाती है। लोग दीप जलाकर माँ लक्ष्मी का स्वागत करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे समुद्र मंथन के बाद सभी देवताओं ने उनका स्वागत किया था।
🌺 लक्ष्मी पूजन की विशेषताएँ 🌺
दीपावली की रात को विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन किया जाता है। पूजा की विधि में मुख्यतः निम्न कार्य किए जाते हैं:
1. घर की संपूर्ण सफाई और शुद्धि की जाती है।
2. दरवाजे और आंगन को रंगोली व तोरण से सजाया जाता है।
3. दीपक और मोमबत्तियों से पूरा घर रोशन किया जाता है।
4. माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की मूर्ति या चित्र स्थापित कर विधिपूर्वक पूजन किया जाता है।
5. पूजा में केसर, हल्दी, कमलगट्टा, चांदी के सिक्के, मिठाइयाँ, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
6. लक्ष्मी जी के पैरों के चिन्ह दरवाजे से भीतर की ओर बनाना शुभ माना जाता है।
📿 लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु 📿
जो भी भक्त श्रद्धा भाव से दीपावली की रात माँ लक्ष्मी का पूजन करता है, उसके जीवन में—दरिद्रता का नाश होता है,सुख-समृद्धि का वास होता है,व्यापार और व्यवसाय में वृद्धि होती है,घर में शांति और सद्भाव बना रहता है।
दीपावली केवल धन प्राप्ति का पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक प्रकाश फैलाने का पर्व है। माँ लक्ष्मी की सच्ची कृपा उसे प्राप्त होती है जो कर्मयोगी होता है, स्वच्छता रखता है, और धर्म के मार्ग पर चलता है।
इस दीपावली, माँ लक्ष्मी आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रकाश भरें।✨ शुभ दीपावली! ✨श्री शिवाये नमस्तुभ्यम् 🙏🏻🙏🏻🙏🏻😇😇😇🥰❤️😍✨✨
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