दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
1) इसके सिवा मिलता है, चैन कहीं ना..
यहीं बीत जाएं मेरे दिन और रैना..
इसके सिवा मिलता है, चैन कहीं ना..
यहीं बीत जाएं मेरे दिन और रैना..
देवलोक से सुंदर, आबू का ये संसार..
देवलोक से सुंदर, मधुबन का ये संसार..
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
2) तेरे पनाह में देह की, दुनिया को भूला..
हर सुख से बढ़कर तेरे प्रेम का झूला..
तेरे पनाह में देह की, दुनिया को भूला..
हर सुख से बढ़कर तेरे प्रेम का झूला..
तुमसे ही जुड़े हैं, मेरी यादों के तार..
तुमसे ही जुड़े हैं, मेरी यादों के तार..
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
3) तुम जो ना मिलते तो मैं, यूं ही भटकता..
राहों से तूफानों का अंत ना होता..
तुम जो ना मिलते तो मैं, यूं ही भटकता..
राहों से तूफानों का अंत ना होता..
तुम पर मेरे बाबा, जीवन ये बलिहार..
तुम पर मेरे बाबा, जीवन ये बलिहार..
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
4) सब तीर्थों में आबू, तीर्थ है महान..
आकर यहां मिलते बच्चों से भगवान..
सब तीर्थों में आबू, तीर्थ है महान..
आकर यहां मिलते बच्चों से भगवान..
यहीं से पूरा करते, जग परिवर्तन का कार्य..
यहीं से पूरा करते, जग परिवर्तन का कार्य..
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
यहां है सबकुछ पाया, तुम्हें पाके मेरे सरकार
ईश्वर को परमात्मा कहा जाता है, अथवा यथार्थ रूप में परमात्मा को ही भगवान, रचता सर्वशक्तिमान के रूप में जाना जाता है l इसका अर्थ है कि वह सभी आत्माओं में सर्वोच्च आत्मा है। परमात्मा हम सर्व आत्माओ के पिता (father) है, जो हमे सुख और शांति का अविनाशी वर्षा देते है l आत्माओं की तरह, भगवान प्रकाश का ही एक सूक्ष्म बिंदु है, लेकिन मानव आत्माओं के विपरीत, वो आत्मा जन्म और मृत्यु के चक्र से परे है, अर्थात चक्र मे नही आते और कर्मों के फल - सुख वा दुख की अनुभूति नही करते, अर्थात वो अकर्ता है, सत्य है। भगवान सभी मानव आत्माओं का सर्वोच्च पिता, माता, शिक्षक, सखा और सतगुरु है। हम उनको केवल कठिन समय में ही याद है, यह हमारे भीतर ऐसा अंतर्निहित है। हम परमपिता को अपने दुख के समय मे ही याद करते है, यह हुमारे मन बुद्धि मे इतने तक बैठा हुआ है की वो ही हमारा शांति-दाता है।
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