अनिरुद्ध आचार्य || भाइयों भाइयों में झगड़ा होने का कारण माता पिता होते हैं क्या नहीं तो सुनिए यह कथा

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अनिरुद्ध आचार्य | भाइयों भाइयों में झगड़ा होने का कारण [माता पिता होते हैं क्या नहीं तो सुनिए यह कथा]



|| अनिरुद्ध आचार ||


●~~~~~●~~~~●~~~~~●~~~~~●~~~~~●हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे नर सेवा नारायण सेवा यही जीवन का सत्य धर्म है जो आएगा वह जाएगा जो पाया यही पाया जो दिया यहीं पर दिया कोई साथ नहीं लेकर जाता यही बात सभी को समझ नहीं आती



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ओम श्री कृष्ण वासुदेवाय हर परमात्मने पार्थ क्लेशनशा गोविंद है नमो नमः




पूज्य महाराज जी के पावन सानिध्य में श्री धाम वृंदावन की पावन पवित्र भूमि पर एक ऐसे आश्रम की नींव रखी गई जहां संपूर्ण मातृशक्ति को सम्मान तो मिलेगा ही साथ ही वहां अपनों का प्यार भी पूज्य महाराज श्री जी से मिलेगा और उस आश्रम का नाम रखा गया गौरी गोपाल वृद्धाश्रम ..
बदलते समाज की अवधारणा ने पूज्य महाराज श्री तक पहुंची तब उन्होंने ऐसा संकल्प लिया कि हम ऐसे अपनों के द्वारा ठुकराए हुए सताए हुए वृद्धजनों की सेवा करेंगे और एक संकल्प के साथ में आश्रम की नींव रखी गई जहां लगभग 262 से कहीं ज्यादा वृद्ध मां अभी भी रह रहीं हैं। पूज्य महाराज श्री जी का सपना है कि हम 1000 से कहीं ज्यादा वृद्धमाताओं को आश्रय देते हुए आदर भाव, सम्मान सहित सभी माताओं की सेवा करें।


गौरी गोपाल सेवा

अन्न दानं समं दानं, ना भूतो ना भविष्यति। देवर्षि-पित्र-भूतानां, तृप्तिरन्नेन जायते ।
अन्य क्षेत्र के समान दान ना तो पूर्व में हुआ है ना अब है ना आगे भविष्य में होगा क्योंकि देवताओं की ऋषियों की पितरों की इत्यादि सभी की तृप्ति अन्न से ही होती है । अन्नदान से बढ़कर दूसरा कोई दान हो ही नहीं सकता इसलिए पूज्य महाराज श्री जी ने श्री धाम वृंदावन में वितरण कर ठाकुर जी की भक्ति कर रह और आशीर्वाद देते हुए जाते हैं ।

गौरी गोपाल रसोई
श्री धाम वृंदावन में चल रही नित्य गौरी गोपाल अन्यक्षेत्र के पावन सेवा के साथ गौरी गोपाल जी की रसोई की सेवा भी प्रारंभ की गई जहां अन्यक्षेत्र में तो लोग प्रसादी पाते ही हैं गौरी गोपाल जी की पावन रसोई की सेवा से अपने आप को जोड़ सकते हैं और हजारों लोगों को प्रसादी अपने हाथों से पवा सकते हैं

गौरी गोपाल गौशाला
अनादि काल से ही मानवजाति गौवंश की सेवा कर अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, निरोगी और सौभाग्यशाली बनाती आ रही है क्योंकि गौमाता एक जीता जागता जागृत भगवान ही है जिसके अंदर सभी देवी देवताओं का वास है और कहते हैं कि एक मात्र गौ सेवा करने से मनुष्य अपनी समस्त मंगल कामनाओं की पूर्ति कर सक कर सकता है। पूज्य श्री महाराज जी




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