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Скачать или смотреть क्यों है भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा? | mahashivratri | 2023

  • Cosmos vedic World
  • 2023-02-16
  • 1025
क्यों है भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा? | mahashivratri | 2023
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Описание к видео क्यों है भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा? | mahashivratri | 2023

क्यों है भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा?
उस पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन किया गया था तो उसमें से हलाहल विष भी निकला था। जिससे पूरी सृष्टि की रक्षा के लिए स्वयं भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले उस विष का पान किया। ... लेकिन अन्य देवताओं के निवेदन के बाद शिव इसके लिए मान गए और उन्‍होंने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण कर लिया।

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चन्द्रमा को जब दक्ष ने श्राप दिया कि वो जीर्ण रोग से मृत्यु को प्राप्त हो जाय तब उनके माता पिता ने शिव जी से प्रार्थना की उनके पुत्र को बचाने की।तब शिव जी ने चन्द्र को अपने शीश पे धारण किया कि वो श्राप को टाल नहीं सकते लेकिन उसकी अवधि को कम कर सकते हैं जिससे 15 दिन चन्द्रमा घटेगा और अमावस को लुप्त हो जाएगा और फिर 15 दिन चंद्रमा बढ़ेगा पूर्णिमा तक।

चंद्रमा भगवान शिव के सिर में क्यों मौजूद है?
चंद्र का मतलब होता है खुबसूरत होता हैं और साथ ही चंद्र भी बहोत खुबसूरत थे ।

चंद्रमा काविवाह दक्ष प्रजापति की 27नक्षत्र कन्याओ के साथ हुआ था लेकीन 27 नक्षत्र कन्याओ में से सबसे आधिक सुन्दर कन्या सिर्फ रोहिणी थी इसलिए चंद्रमा सबसे अधिक रोहिणी को पसंद करते थे ।

यह बात चंद्रमा की दूसरी पत्नियों को बरदास्त नहीं थी,इसलिए चंद्रमा की बाकी पत्नियों ने अपने पिता श्री दक्ष प्रजापति से की,दक्ष प्रजापति ने गुस्से में आकर चंद्रमा को क्षय का श्राप दिया ।

क्षय के श्राप के कारण चंद्रमा क्षय से ग्रसित हो गये और उन्की शक्तियाँ धीरे धीरे कम होने लगी थी ।

चंद्रमा की हालत को देखकर नारद जी ने उन्हे मृत्युंजय भगवान आशुतोष की आराधना करने को और चंद्रमा आराधना करने के लिए मान गए ।

जिसका असर यह हुआ की भगवान शिव ने चंद्रमा को नया जीवन देने के लिए चंद्रमा को अपने मस्तिक पर ग्रहण कर लिया ।

तब से चंद्रमा भगवान शिव के मस्तिक पर मौजूद हैं ।

Content credit :- Charmi patel(qoura)
http://surl.li/dzabz

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