Khatu Shyam Bhajan सांवरिया कर दे बेड़ा पार हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा

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खाटू श्याम मंदिर भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले में सीकर शहर से सिर्फ 43 किमी दूर खाटू गांव में एक हिंदू मंदिर है। यह देवता कृष्ण और बर्बरीक की पूजा करने के लिए एक तीर्थ स्थल है, जिन्हें अक्सर कुलदेवता के रूप में पूजा जाता है। भक्तों का मानना है कि मंदिर में बर्बरीक का असली सिर है, जो एक महान योद्धा थे, जिन्होंने कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण के कहने पर अपना सिर काटकर उन्हें गुरु दक्षिणा के रूप में अर्पित कर दिया था और बाद में श्री कृष्ण ने उन्हें श्याम नाम से पूजित होने का आशीर्वाद दिया।

हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी ने द्वापरयुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे। बर्बरीक जी का शीश खाटू नगर (वर्तमान राजस्थान राज्य के सीकर जिला) में इसलिए उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है। कथा के अनुसार एक गाय उस स्थान पर आकर रोज अपने स्तनों से दुग्ध की धारा स्वतः ही बहा रही थी। बाद में खुदाई के बाद वह शीश प्रकट हुआ, जिसे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सूपुर्द कर दिया गया। एक बार खाटू नगर के राजा को स्वप्न में मन्दिर निर्माण के लिए और वह शीश मन्दिर में सुशोभित करने के लिए प्रेरित किया गया। तदन्तर उस स्थान पर मन्दिर का निर्माण किया गया और कार्तिक माह की एकादशी को शीश मन्दिर में सुशोभित किया गया, जिसे बाबा श्याम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मूल मंदिर 1027 ई. में रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कँवर द्वारा बनाया गया था। मारवाड़ के शासक ठाकुर के दीवान अभय सिंह ने ठाकुर के निर्देश पर १७२० ई. में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया...

बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाते हुए भटक रहे थे, तब भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ...

खाटू श्याम जाने का सबसे अच्छा समय

सीकर घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च सबसे अच्छे महीने हैं। राजस्थान में पड़ने वाले सीकर में ज्यादातर गर्मी और ह्यूमिडिटी का एहसास होता है, इस दौरान यहां का तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।


श्रीकृष्ण का कलयुग अवतार है खाटू बाबा

आज पूरा भारत जिन्‍हें खाटू श्याम बाबा के रूप में पूजता है, असल में वे श्रीकृष्ण का कलयुग अवतार हैं। इसलिए उनका जन्‍म भी कार्तिक शुक्‍ल देवउठनी ग्‍यारस के दिन मनाया जाता है। इस दिन परिसर में विशाल मेला लगता है , जो ग्‍यारस मेला के नाम से मशहूर है।


ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि उन्होंने जिस व्यक्ति के नसीब में दुख लिख दिए, उन्हें कोई नहीं दूर कर सकता. लेकिन सिर्फ खाटू श्याम बाबा के दर पर कदम रखने वाले व्यक्ति को ही उसके दुखों और पापों से छुटकारा मिल सकता है. तब से ही खाटू श्याम बाबा की पूजा का महत्व लोगों के बीच बढ़ गया.


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैसे तो सप्ताह के सातों दिन में से किसी भी खाटू श्याम जी के दर्शन किए जा सकते हैं. लेकिन फिर भी कुछ दि न और तिथि ऐसी हैं जिन पर दर्शन कर मनोकामना करने से जल्द ही सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर खाटू श्याम जी के दर्शन करना शुभ फलदायी माना गया है.

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