वर्षा ऋतु में - जानिए आहार के महत्वपूर्ण नियम! 🌧️ #facts #trending #motivation #viral #rainyseasonवर्षा ऋतु में - क्या करें ? क्या न करें*
क्या करें?
1.भोजन में मधुर, खट्टे व लवण रसवाले, चिकनाईयुक्त, वातशामक, जठराग्निरक्षक द्रव्यों की प्रधानता हो | ( चरकसंहिता, भावप्रकाश)
2.पुराने जौ, गेहूँ, चावल, काला-नमक युक्त मूँग का सूप, शहद व अन्य सुपाच्य पदार्थों का सेवन करें | ( चरक संहिता, अष्टांगह्रदय )
3.सोंठ, काली मिर्च, तेजपत्ता, दालचीनी, जीरा, धनिया, अजवायन, राई, हींग, पपीता, नाशपाती, सूरन, परवल, तोरई,बैंगन, सहजन, मूँग दाल, कुलथी, नींबू, करेला, पुनर्नवा, पुदीना, आँवला व तुलसी का सेवन लाभदायी है |
4.पहले का खाया हुआ पच जाने पर जब खुलकर भूख लगे व शरीर में हलकापन लगे तभी दूसरा भोजन करें | (अष्टांगह्रदय आदि )
5.गर्म करके ठंडा या गुनगुना किया हुआ पानी पीना चाहिए | (अष्टांगह्रदय, चरक संहिता )
6.सूखे स्थान पर रहें | घर में नमी न रहे इसका ध्यान रखें |
7.हलके, सूती कपड़े पहने | सफेद वस्त्र विशेष लाभदायी है |
🔹क्या न करें❌
1. हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, पत्तागोभी, मेथी आदि तथा पचने में भारी, वातवर्धक एवं बासी पदार्थ का सेवन न करें |
2. उड़द, चना, अरहर, चौलाई, आलू, केला, आम, अंकुरित अनाज, मैदा, मिठाई, शीतल पेय, आइसक्रीम, दही व सत्तू का सेवन न करें |
3.दिन में सोना, ओस गिरते समय उसमें बैठना या घूमना, बारिश में भीगना, अधिक व्यायाम एवं मैथुन छोड़ देना चाहिए | ( चरक संहिता आदि )
4. रात्रि में खुले आकाश के नीचे न सोयें |
5. स्नान के बाद या बारिश में भीगने के बाद गीले शरीर कपड़े न पहनें | शरीर को अच्छे-से पोछकर ही कपड़े न पहने |
6. खुले बदन न घूमें |
7. देर रात को भोजन न करें |
8.रात्रि-जागरण न करें |
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