हमारा पर्यावरण one shot,Our Environment one shot,कक्षा 10,हमारा पर्यावरण,Our Environment,science,hamara paryavaran class 10 in hindi,hamara paryavaran 10th class,hamara paryavaran in hindi,hamara paryavaran ncert,hamara paryavaran hindi mai,aahar shrinkhla se aap kya samajhte hain,aahar shrinkhla in hindi,hamara paryavaran class 10th,hamara paryavaran class 10th lesson plan,hamara paryavaran class 10th one shot,hamara paryavaran class 10th notes
हमारा पर्यावरण – विवरण (Class 10 Biology)
पर्यावरण क्या है?
पर्यावरण वह प्राकृतिक परिवेश है जिसमें हम रहते हैं। इसमें जीव (जैविक घटक) और निर्जीव (अजैविक घटक) दोनों शामिल होते हैं। उदाहरण: वायु, जल, मिट्टी, पौधे, जानवर, सूर्य का प्रकाश आदि।
पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem)
पारिस्थितिक तंत्र जीव और उनके वातावरण के बीच अंतःक्रिया (interactions) की एक इकाई है। इसमें सभी जैविक और अजैविक घटक एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और ऊर्जा का प्रवाह तथा पोषक चक्र चलता है।
मुख्य घटक:
जैविक घटक (Biotic components):
उत्पादक (Producers): पौधे, शैवाल – प्रकाश संश्लेषण से भोजन बनाते हैं।
उपभोक्ता (Consumers):
प्राथमिक उपभोक्ता – शाकाहारी (जैसे हिरण)
द्वितीयक उपभोक्ता – मांसाहारी (जैसे मेंढ़क)
तृतीयक उपभोक्ता – शीर्ष मांसाहारी (जैसे बाघ)
अपघटक (Decomposers): जीवाणु और फफूंदी जो मृत जीवों को विघटित करते हैं।
अजैविक घटक (Abiotic components):
सूर्य का प्रकाश, जल, मिट्टी, वायु, तापमान आदि।
खाद्य शृंखला (Food Chain)
खाद्य शृंखला ऊर्जा के प्रवाह को दर्शाती है। इसमें एक जीव दूसरे जीव को खाकर ऊर्जा प्राप्त करता है।
उदाहरण:
घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज
खाद्य जाल (Food Web)
जब एक से अधिक खाद्य शृंखलाएँ आपस में जुड़ जाती हैं, तो वह खाद्य जाल बनाती हैं। यह पारिस्थितिक तंत्र को अधिक स्थिर और संतुलित बनाता है।
ऊर्जा प्रवाह (Energy Flow)
ऊर्जा का प्रवाह केवल एक दिशा में होता है – सूर्य से उत्पादकों की ओर, फिर उपभोक्ताओं की ओर, और अंत में अपघटकों की ओर।
केवल 10% ऊर्जा अगले ट्रॉफिक स्तर पर स्थानांतरित होती है।
शेष 90% ऊर्जा जीव की जैविक क्रियाओं में खर्च हो जाती है।
अपघटक (Decomposers) की भूमिका
मृत पौधों और जानवरों को विघटित कर मिट्टी में पोषक तत्व लौटाते हैं।
पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाए रखते हैं।
मानव क्रियाओं का प्रभाव
अत्यधिक प्लास्टिक का उपयोग
वनों की कटाई
प्रदूषण (जल, वायु, भूमि)
रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग
ये सभी हमारे पारिस्थितिक तंत्र को असंतुलित करते हैं।
अपघटित न होने वाले पदार्थ (Non-Biodegradable Substances)
ऐसे पदार्थ जो प्राकृतिक रूप से विघटित नहीं होते।
उदाहरण: प्लास्टिक, काँच, धातु के टुकड़े आदि।
ये पदार्थ पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं और लंबे समय तक मौजूद रहते हैं।
पारिस्थितिक असंतुलन (Ecological Imbalance)
जब जैव और अजैविक घटकों के बीच संतुलन बिगड़ता है तो उसे पारिस्थितिक असंतुलन कहते हैं। इसके कारण:
जैव विविधता में कमी
जलवायु परिवर्तन
प्राकृतिक आपदाओं की वृद्धि
पर्यावरण संरक्षण के उपाय:
वृक्षारोपण करें
प्लास्टिक का प्रयोग कम करें
कूड़े का सही निपटान करें
पुनर्चक्रण (Recycling) को अपनाएँ
ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों (solar, wind) का उपयोग करें
जल और ऊर्जा की बचत करें
निष्कर्ष:
पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। इसका संरक्षण करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यदि हमने आज ध्यान नहीं दिया, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र को बचाए रखना हमारे लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
Информация по комментариям в разработке