#devduttpattanaik #garudapurana #hinduideas #immoratality #aghori #journeyofthedead #ritualsforthedead #GarudaPuranaandOtherHinduIdeasonDeathRebirthandImmortality #bookcafe424 #godsofthedead #jaiprakashpandey #hindibookreview #hindisahitya #sahityatak #sahityaaajtak #ep38
जीवन और मृत्यु का रहस्य क्या है? जीवन सत्य है या मृत्यु? आत्मा के रहस्य क्या हैं? मरने के बाद आत्मा का अस्तित्व बचा रह जाता है, तो वह जाती कहां है? पितृ पक्ष में पूर्वजों को लेकर भारतीयों की मान्यता और दुनिया के दूसरे धर्मों में क्या लिखा है. चर्चित लेखक देवदत्त पट्टनायक इस बार इसी विषय पर अपनी पुस्तक 'Garuda Purana and Other Hindu Ideas on Death, Rebirth and Immortality' के साथ हाजिर हुए हैं. पट्टनायक जाने-माने पौराणिक कथाकार, नेतृत्व सलाहकार, लेखक और संचारक भी हैं. पट्टनायक का काम धर्म, पुराण, मिथक, इतिहास और मुख्य रूप से प्रबंधन के क्षेत्रों पर केंद्रित रहा है. पट्टनायक का मत है कि "कोई भी समाज मिथक के बिना मौजूद नहीं हो सकता क्योंकि यह सही और गलत, अच्छे और बुरे, स्वर्ग और नरक, अधिकारों और कर्तव्यों की धारणा बनाता है.' अंग्रेजी में लिखी अपनी पुस्तक 'गरुण पुराण और मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरता पर अन्य हिंदू विचार' पर चर्चा करते हुए देवदत्त पट्टनायक कहते हैं कि 'गरुण पुराण' लोग तब पढ़ते हैं जब उनका कोई करीबी मरता है. उस समय पढ़ने पर यह बड़ी पीड़ा उत्पन्न करता है. लोग आज भी रामायण और महाभारत की ही बात करते हैं जबकि हिन्दू शास्त्रों में और भी बहुत कुछ है जिसके बारे में जाना जाना चाहिए, पढ़ा जाना चाहिए और 'गरुण पुराण' ऐसा ही एक ग्रंथ है. लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं और इसी कारण पट्टनायक कहते हैं कि उनकी भी जिज्ञासा थी कि वो इस बारे में जानें. उनकी इसी इच्छा ने उन्हें बाध्य किया गरुण पुराण पढ़ने के बाद यह पुस्तक लिखने के लिए. पुनर्जन्म से लेकर पट्टनायक पितृपक्ष के बारे में भी बताते हैं. वह कहते हैं कि तमाम पौराणिक परंपराएं यह मानती हैं कि जब तक इनसान धरती पर अपना ऋण नहीं चुकाता तब तक उसे मोक्ष नहीं मिलता. हिंदू अपने पूर्वजों को खाना क्यों खिलाते हैं? हिंदू धर्म में कब्रों के निर्माण की तुलना में मृतकों को जलाना क्यों पसंद किया जाता है? क्या जन्नत और दोजख़ हिंदू स्वर्ग और नर्क के समकक्ष नहीं हैं? क्या हिंदू धर्म में भी जजमेंट डे जैसी अवधारणा है? स्त्रीत्व और जाति की हिंदू धारणाओं पर मृत्यु का क्या प्रभाव है? क्या मृत्यु के लिए वैदिक दृष्टिकोण तांत्रिक मत से भिन्न है? भूत, पिशाच, प्रेत, पितृ और वेताल में क्या अंतर है? जैसी चीज़ों के पीछे क्या राज़ हैं, क्या कहानियां हैं, इन्हीं को लेकर इस पुस्तक में बात की गई है. पट्टनायक कहते हैं कि मोक्ष मिलना लेन देन पर निर्भर करता है कि कौन किसका कितना ऋणी है? और कौन किसको कितना दे रहा है? मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरता के विचार हिंदू मन में अनुष्ठान और कहानी के माध्यम से अंतर्निहित हैं. मृत्यु न केवल दुखद है, बल्कि अस्पष्ट भी है. यह एक यात्रा का अंत है, और दूसरी की शुरुआत भी. मृत पूजनीय हैं, फिर भी मृत्यु अशुभ है, अशुद्धता का स्रोत है. इन्हीं विषयों पर वेस्टलैंड बुक्स से देवदत्त पट्टनायक की पुस्तक 'Garuda Purana and Other Hindu Ideas on Death, Rebirth and Immortality' प्रकाशित हुई है. इस पुस्तक में कुल 160 पृष्ठ हैं और इसका मूल्य है 399 रुपए. 'शब्द-रथी' कार्यक्रम में देवदत्त पट्टनायक ने वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से अपनी पुस्तक 'Garuda Purana and Other Hindu Ideas on Death, Rebirth and Immortality' पर लंबी बातचीत की. इस दौरान पट्टनायक ने यह भी कहा कि स्वर्ग और नर्क स्थायी नहीं हैं. इसके पीछे उनका क्या तर्क हैं जानने के लिए सुनिए यह बतकही.
............................
क्लिक कर देखें लेटेस्ट TAK फोटो गैलरी: https://www.tak.live/photogallery
About the Channel
Sahitya Tak आपके पास शब्दों की दुनिया की हर धड़कन के साथ I शब्द जब बनता है साहित्य I वाक्य करते हैं सरगोशियां I जब बन जाती हैं किताबें, रच जाती हैं कविताएं, कहानियां, व्यंग्य, निबंध, लेख, किस्से व उपन्यास I Sahitya Tak अपने दर्शकों के लिये लेकर आ रहा साहित्य के क्षेत्र की हर हलचल I सूरदास, कबीर, तुलसी, भारतेंदु, प्रेमचंद, प्रसाद, निराला, दिनकर, महादेवी से लेकर आज तक सृजित हर उस शब्द की खबर, हर उस सृजन का लेखा, जिससे बन रहा हमारा साहित्य, गढ़ा जा रहा इतिहास, बन रहा हमारा वर्तमान व समाज I साहित्य, सृजन, शब्द, साहित्यकार व साहित्यिक हलचलों से लबरेज दिलचस्प चैनल Sahitya Tak. तुरंत सब्स्क्राइब करें व सुनें दादी मां के किस्से कहानियां ही नहीं, आज के किस्सागो की कहानियां, कविताएं, शेरो-शायरी, ग़ज़ल, कव्वाली, और भी बहुत कुछ I
Sahitya Tak - Welcome to the rich world of Hindi Literature. From books to stories to poetry, essays, novels and more, Sahitya Tak is a melting pot where you will keep abreast of what's the latest in the field of literature. We also delve into our history and culture as we explore literary gems of yesteryears from Surdas, Kabir, Tulsi, Bhartendu, Premchand, Prasad, Nirala, Dinkar, Mahadevi, etc. To know more about how literature shapes our society and reflects our culture subscribe to Sahitya Tak for enriching stories, poems, shayari, ghazals, kawali and much more. Subscribe Sahitya Tak now.
Follow us on Facebook:
/ sahityatakofficial
Follow us on Twitter:
/ sahitya_tak
Информация по комментариям в разработке