रुद्राक्ष का माहात्म्य | Rudraksh Ka Mahatmya

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मनुष्य के जीवन की तीन एषणाएँ होती हैं। प्रथम- प्राण एषणा, द्वितीय- लोक एषणा और तृतीय- धन एषणा। ये तीनों एषणाएँ रुद्राक्ष के धारण करने से पूर्ण होती हैं। यह रुद्राक्ष चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देने में समर्थ है। आठों सिद्धि व नवों निधियों का सुख रुद्राक्ष के धारण करने से प्राप्त होता है। ऐसा शास्त्रों का मत है।

शिव, ऊँ नमः शिवाय, रुद्राक्ष, पार्वती, भक्त, वृक्ष, शिवा मिशन न्यास, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, आठों सिद्धि, नवों निधि, भूत, प्रेत, निशाच, डाकिनी, गाय, पाप, ज्ञान, वेद, पुराण, तीर्थ, विद्या, ऊर्जा, शोध, अद्भुत।

All wishes can be fulfilled by wearing Rudraksha. This Rudraksha is capable of giving all the four Purushartha Dharma, Artha, Kama, and Moksha. Therefore, the happiness of the eight siddhis and the nine funds is obtained by wearing Rudraksha. Such is the opinion of the scriptures.

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