BOOND BOOND MILKE BANE LAHER|| TRTC GIRLS GROUP||•

Описание к видео BOOND BOOND MILKE BANE LAHER|| TRTC GIRLS GROUP||•

Boond boond milke bane laher aur laher..
Laher laher milke bane sagar..
wo bane sagar..
wo bane saagar..
Dur paas teri daya milti nirantaar..
Bharte rahe apne man ki gaagar..
wo man ki gaagar..
wo man ki gaaagar..

Tune hume diya jo baghban se paya..
Diya hume ek naye man ka ujjala ..
Tune hume sikhlayi hume pyaar ki sewa..
Jab kahi girne lage tune smabhala..
Wo sarb dharm, samnbaym ,samnbaym, samnbaym..
oho ho..oho ho..


Boond boond milke bane laher aur laher..
Laher laher milke bane sagar..
wo bane sagar..
wo bane saagar..
Dur paas teri daya milti nirantaar..
Bharte rahe apne man ki gaagar..
wo man ki gaagar..
wo man ki gaaagar..

Sabke liye prem ka ghar tumne banaya..
Layi tumhi sabke liye shanti bhara man..
Khol diye sabke liye dwara daya ke..
Chae koi bada ho ya chota ya nirdhan..
Wo sarb dharm, samnbaym ,samnbaym , samnbaym..
oho ho..oho ho..


Boond boond milke bane laher aur laher..
Laher laher milke bane sagar..
wo bane sagar..
wo bane saagar..
Dur paas teri daya milti nirantaar..
Bharte rahe apne man ki gaagar..
wo man ki gaagar..
wo man ki gaaagar..

Dhup jaha humko lage, chao kare tu..
Tere kadam jaha pade , Sish jhukaye..
Pyaar mile, nya mile, naam se tere..
Jo bhi mile usko gale apne lagaye..
Wo sarb dharm, samnbaym ,samnbaym , samnbaym..

oho ho..oho ho..


Boond boond milke bane laher aur laher..
Laher laher milke bane sagar..
wo bane sagar..
wo bane saagar..
Dur paas teri daya milti nirantaar..
Bharte rahe apne man ki gaagar..
wo man ki gaagar..

wo man ki gaaagar..

बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर

तूने हमें दिया जो भगवान से पाया
दिया हमें एक नए मन का उजाला
तूने ही हमें सिखलाई हमें प्यार की सेवा
जब भी कही गिरने लगे तूने संभाला
वो सर्वधर्म , समन्वयं, समन्वयं, समन्वयं
ओह हो.. ओह हो...
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर

सबके लिए प्रेम का घर तुम ने बनाया
लाई तुम्हीं सब के लिए शान्ति भरा मन
खोल दिए सबके लिए द्वार दया के
चाहे कोई बड़ा हो या छोटा या निर्धन
वो सर्वधर्म , समन्वयं, समन्वयं, समन्वयं
ओह हो.. ओह हो...
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर

धुप जहां हमको लगे छांव करे तू
तेरे कदम जहाँ पड़े, शीश झुकाये
प्यार मिले, न्याय मिले, नाम से तेरे
जो भी मिले उसको गले अपने लगाये
वो सर्वधर्म , समन्वयं, समन्वयं, समन्वयं
ओह हो.. ओह हो...
बूँद बूँद मिल के बने लहर और लहर
लहर-लहर मिल के बने सागर,
वो बने सागर,
वो बने सागर,
दूर पास तेरी दया मिलती निरंतर
भरते रहे अपने मन की गागर,
वो मन की गागर
वो मन की गागर
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु

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