ऊब छठ व्रत की कहानी। ऊब छठ की पूजा विधि Ub chhath Pooja Vidhi |ऊब छठ व्रत कथा

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ऊब छठ व्रत की कहानी
Ubchat Vrat Katha / Khadi Chat Vrat Katha | ऊबछट व्रत कथा / खडी छट व्रत कथा/ चन्द्रमा षष्ठी व्रत कथा
ऊबछठ व्रत और कथा। ऊब छठ की पूजा विधि Ub chhath Pooja Vidhi। ऊब छठ । Ub chhath katha |ऊब छठ व्रत कथा
Ub chhath 9 August 2020 # ऊब छठ,हलचंदनषष्ठी व्रत कथा,पूजा विधी,उद्यापन,और क्यों खड़े रहनें विधान है
ऊब छठ का व्रत और पूजा विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए तथा कुंआरी लड़कियां अच्छे पति कामना में करती है। भाद्र पद महीने की कृष्ण पक्ष की छठ (षष्टी तिथि) ऊब छठ होती है। ऊब छठ को चन्दन षष्टी Chandan chath , चन्ना छठ Channa Chath और चाँद छठ Chand Chath के नाम से भी जाना जाता है।ऊब छठ का व्रत रखने वाली महिलाए और कुंआरी लड़कियां सूर्यास्त के बाद से चंद्रोदय तक खड़े रहकर पौराणिक कथाओं का श्रवण करेंगी। साथ ही मंदिरों में ठाकुरजी के दर्शन कर पूजा अर्चना की जाएगी।ऊब छठ की पूजा विधि – Ub chhath Pooja Vidhi
स्त्रियां इस दिन पूरे दिन उपवास रखती है। शाम को दुबारा नहाती है और नए कपड़े पहनती है। मंदिर जाती है। वहाँ भजन करती है। चन्दन घिसकर टीका लगाती है। कुछ लोग लक्ष्मी जी और और गणेश जी की पूजा करते है। कुछ अपने इष्ट की ।

भगवान को कुमकुम और चन्दन से तिलक करके अक्षत अर्पित करते है। सिक्का , फूल , फल , सुपारी चढ़ाते है। दीपक , अगरबत्ती जलाते है। फिर हाथ में चन्दन लेते है। कुछ लोग चन्दन मुँह में रखते है। इसके बाद ऊब छट व्रत की कहानी सुनते है। और गणेशजी की कहानी सुनते है।
#ऊबछठ# व्रत की#कहानी 9 August 2020
इसके बाद पानी भी नहीं पीते जब तक चाँद न दिख जाये। इसके अलावा बैठते नहीं है। खड़े रहते है । चाँद दिखने पर चाँद को अर्ध्य दिया जाता है। चाँद को जल के छींटे देकर कुमकुम, चन्दन, मोली, अक्षत चढ़ाएं। भोग अर्पित करें। जल कलश से जल चढ़ायें। एक ही जगह खड़े होकर परिक्रमा करें। अर्ध्य देने के बाद व्रत खोला जाता है।
लोग व्रत खोलते समय अपने रिवाज के अनुसार नमक वाला या बिना नमक का खाना खाते है।

ऊब छठ के व्रत की उद्यापन विधि – Ub Chath Ka Udyapan
इस व्रत के उद्यापन के लिए पाव पाव भर के आठ लडडू बनाये जाते है। ये लडडू एक प्लेट में रखकर व्रत करने वाली आठ स्त्रियों को दिए जाते है। साथ में एक नारियल भी दिया जाता है। नारियल पर कुमकुम के छींटे दिए जाते है। एक प्लेट में लडडू और नारियल विनायक को दिया जाता है।

ये प्लेट घर पर जाकर दे सकते है या उनको भोजन के लिए निमंत्रण देकर भोजन कराके भी दे सकते है। प्लेट देते समय पहले लड़की या महिला को तिलक करें। फिर प्लेट दें । नारियल भी दें।
हलषष्टी व्रत कथा

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