श्रीमद्भगवद्गीता सार: अध्याय 5 कर्म सन्यास योग | Shrimad Bhagwad Geeta Saar 5,Gita Saar,MANOJ MISHRA

Описание к видео श्रीमद्भगवद्गीता सार: अध्याय 5 कर्म सन्यास योग | Shrimad Bhagwad Geeta Saar 5,Gita Saar,MANOJ MISHRA

🙏जय श्री कृष्ण🙏 श्रीमद्भगवद्गीता सार कर्म सन्यास योग: अध्याय 5 - कर्म सन्यास योग🙏 भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद भगवद गीता अध्याय ५ में कर्म सन्यास योग की परिभाषा को व्यक्त किया गया है। ज्ञान योगियों द्वारा जो परम धाम प्राप्त किया जाता है, कर्मयोगियों द्वारा भी वही प्राप्त किया जाता है । इसलिये जो पुरुष ज्ञान योग और कर्म योग को फलरूप में एक देखता है, वही यथार्थ देखता है अर्थात जो मनुष्य केवल सन्यास को ना अपनाते हुए अपने कर्त्तव्य का पालन सत्मार्ग पर चलते हुए बिना किसी आशा के करता है वो योगियों द्वारा की गई तपस्या के तुल्य ही माना जाता है अतः उसे ज्ञान योगियों के कार्य का और कर्मयोगियों के कार्य का फलरूप एकसाथ प्राप्त होता है ऐसा मनुष्य संसार से विमुख ना होकर अपने कर्म को निरंतर करता रहता है उसे किसी भी स्थिति में केवल समाज के कल्याण का विचार होता है | ऐसा पुरुष किसी भी परिस्थिति में अपने कर्मों का त्याग नहीं करता है कर अपने कर्मों के सभी फलों को परमात्मा को अर्पण कर देता है। वो किसी से द्वेष नहीं करता है और न किसी से अपेक्षा करता है, वह कर्मयोगी सदा संन्यासी के सामान ही है, क्योंकि राग-द्वेषादि द्वन्द्वों से रहित पुरुष सुखपूर्वक संसारबन्धन से मुक्त हो जाता है। ज्ञानयोगियों द्वारा जो परम धाम प्राप्त किया जाता है, कर्मयोगियों द्वारा भी वही प्राप्त किया जाता है इसलिए जो पुरुष ज्ञानयोग और कर्मयोग को फलरूप में एक देखता है, वही यथार्थ देखता है। जिसका मन अपने वश में है, जो जितेन्द्रिय और विशुद्ध अन्तःकरण वाला तथा सम्पूर्ण प्राणियों का आत्मरूप परमात्म ही जिसका आत्मा है, ऐसा कर्मयोगी कर्म करता हुआ भी लिप्त नहीं होता। जो पुरुष सब कर्मों को परमात्मा में अर्पण करके और आसक्ति को त्यागकर कर्म करता है, वह पुरुष जल से कमल के पत्ते की भाँति पाप से लिप्त नहीं होता। कर्मयोगी ममत्वबुद्धिरहित केवल इन्द्रिय, मन, बुद्धि और शरीर द्वारा भी आसक्ति को त्यागकर अन्तःकरण की शुद्धि के लिए कर्म करते हैं।

भगवद् गीता:-
भगवद् गीता एक महान ग्रन्थ है। युगों पूर्व लिखी यह रचना आज के धरातल पर भी सत्य साबित होती है। जो व्यक्ति नियमित गीता को पढ़ता या श्रवण करता है, उसका मन शांत बना रहता है। आज के कलयुग में भगवद् गीता पढ़ने से मनुष्य को अपनी समस्याओं का हल मिलता है आत्मिक शांति का अनुभव होता है। आज का मनुष्य जीवन की चिंताओं, समस्याओं, अनेक तरह के तनावों से घिरा हुआ है। यह ग्रन्थ भटके मनुष्यों को राह दिखाता है। गीता को, धर्म-अध्यात्म समझाने वाला अनमोल काव्य कहा जा सकता है। सभी शास्त्रों का सार एक स्थान पर कहीं एक साथ मिलता हो, तो वह स्थान है-गीता। गीता रूपी ज्ञान नदी में स्नान कर अज्ञानी सद्ज्ञान को प्राप्त करता है। पापी पाप-ताप से मुक्त होकर संसार सागर को पार कर जाता है। मन को शांति मिलती है, काम, क्रोध, लोभ, मोह दूर होता है। गीता का अध्ययन करने वाला व्यक्ति धीरे धीरे कामवासना, क्रोध, लालच और मोह माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है। आज भी राजनीतिक या सामाजिक संकट के समय लोग इसका सहारा लेते हैं। मन नियंत्रण में रहता है। सच और झूठ का ज्ञान होता है। आत्मबल बढ़ता है। सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है तो आइये हम सभी इस अद्भुत ज्ञान को प्राप्त करें | भगवद् गीता के इस सार को श्रवण करने से आशा है हम सभी को अवश्य आत्मज्ञान और आत्मिक सुख की अनुभूति होगी | आशा है हमारा ये प्रयास आप सभी को लाभ प्रदान करेगा |

Video Link:    • श्रीमद्भगवद्गीता सार: अध्याय 5 कर्म स...  
Bhagwad Geeta All Parts:    • श्रीमद् भगवद् गीता सार Shrimad Bhagwa...  
Geeta Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता सार: अध्याय ५ कर्म सन्यास योग | Shrimad Bhagwad Geeta Saar Part 5 | Karm Sanyas Yog
Vaachak: Manoj Mishra
Explainer: Shardul Rathod
Music: Shardul Rathod
Lyrics: Traditional
Mix & Mastered By: Dattatray Narvekar
Album: श्रीमद्भगवद्गीता सार: अध्याय ५ कर्म सन्यास योग | Shrimad Bhagwad Geeta Saar Part 5 | Karm Sanyas Yog
Music Label: T-Series

#TSeriesBhaktiSagar #manojmishra #shrimadbhagwatkatha #geetasaar #geetasaarinhindi #bhagavadgita #bhagwadgeeta #bhagwadgita #gulshankumar #devotionalsongsvideo #devotionalvideo #bhaktisongs #bhaktibhajan #religious #spiritual

If You like the video don't forget to share with others & also share your views.
Stay connected with us!!!
► Subscribe:    / tseriesbhakti  
► Like us on Facebook:   / bhaktisagartseries  
► Follow us on Twitter:   / tseriesbhakti  

For Spiritual Voice Alerts, Airtel subscribers Dial 589991 (toll free)
To set popular Bhakti Dhun as your HelloTune, Airtel subscribers Dial 57878881

Комментарии

Информация по комментариям в разработке