पत्रिका में संन्यास योग- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, राहु-केतु विशेषज्ञ)

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हरे कृष्ण, इस श्रृंखला में मैंने कुछ आध्यात्मिक योग और संन्यास योग के विषय में चर्चा की है आप अपनी पत्रिका के अनुसार यह देख सकते हैं कि क्या आपकी पत्रिका में संन्यास योग बनता है या नहीं। इस श्रृंखला में मैंने कुछ भौतिक सुखों और आध्यात्मिक सुखों के विषय में चर्चा की है, वैदिक ज्योतिष में ऐसे कौन से योग होते हैं जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं और संन्यास की ओर ले जाते हैं। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति और शनि को आध्यात्मिक महत्व से जोड़ा गया है यदि आपकी पत्रिका में देवगुरु बृहस्पति और शनि देव प्रबल अवस्था में है तो आप संन्यास की ओर अग्रसर हो सकते हैं। वैदिक ज्योतिष में चतुर्थ भाव का एक विशेष महत्व है यदि आपकी पत्रिका में चतुर्थ भाव से शनि या बृहस्पति का संबंध हो या चतुर्थ भाव के स्वामी या कारक स्वामी चंद्रमा और बुध पर बृहस्पति का प्रभाव हो तो यह व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान कर सकते हैं बुध और चंद्रमा का नवम भाव से संबंध भी व्यक्ति को आंतरिक आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं। संन्यास और आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुक्र का भी विशेष महत्व है यदि आपकी पत्रिका में शुक्र बहुत अधिक प्रबल अवस्था में नहीं है तो आप भौतिक सुखों को कोई विशेष महत्व नहीं देंगे ऐसी स्थिति में आपकी ईश्वर में प्रगाढ़ आस्था होगी और आप भक्ति में लीन रहेंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।

आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ) राहु- केतु विशेषज्ञ
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e-mail - [email protected]
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रविवार- अवकाश
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