विरह की स्थिति भाग-२ , virah ki sthiti bhag-2(shri rajanswami ji) श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ, सरसावा

Описание к видео विरह की स्थिति भाग-२ , virah ki sthiti bhag-2(shri rajanswami ji) श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ, सरसावा

ग्रन्थ - shri khatiruti
विरह की स्थिति भाग-२ , virah ki sthiti bhag-2(shri rajanswami ji) श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ, सरसावा

Live Telecast from Shri Prannath Jyanpeeth, Sarsawa

Please subscribe to our channel at: https://goo.gl/maqz3p

PS: Please Don't Forget to SUBSCRIBE to our "SPJIN" channel for an abundant wealth of spiritual discourses, devotional music and thought-provoking discussions. Widen your knowledge on Supreme Truth God, True Master (Satguru), True purpose of life, Jeeva & Soul, Meditation, Moral ethics and more. New videos are added regularly. So Keep watching, learning and sharing. Pranam Ji.

नोट: कृपया हमारे "SPJIN" चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें (आप यहाँ क्लिक करके सब्सक्राइब करें - https://goo.gl/maqz3p) । आध्यात्मिक चर्चा, भजन - कीर्तन के इस अपार सागर रुपी चैनल के द्वारा आत्मा - परमात्मा, सतगुरु, मानव जीवन के परम लक्ष्य, ध्यान - समाधि, नैतिक मूल्यों आदि विषयों में अपना ज्ञान और बढ़ाएं । यहाँ पर नए वीडियो नियमित रूप से अपलोड होते रहते हैं । तो देखते रहिये , सीखते रहिये व दूसरों के साथ शेयर भी करते रहिये । प्रणाम जी ।

Social Links (Please FOLLOW & LIKE) -
Facebook:   / shri.rajan.swami  
Facebook:   / shri.prannath.jyanpeeth  
Twitter:   / raajanswami  
Google+: https://plus.google.com/u/0/+SPJIN
Website: https://www.spjin.org
WhatsApp: +91-7533876060

Thanks for watching the video. Please SUBSCRIBE and press the Bell icon.

Find more about us at:
https://www.spjin.org

श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के मुख्य उद्देश्य -
ज्ञान, शिक्षा, उच्च आदर्श, पावन चरित्र व भारतीय संस्कृति का समाज में प्रचार करना तथा वैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित आध्यात्मिक मूल्य द्वारा मानव को महामानव बनाना और श्री प्राणनाथ जी की ब्रम्हवाणी के द्वारा समाज में फ़ैल रही अंध-परम्पराओं को समाप्त करके सबको एक अक्षरातीत की पहचान कराना।

अति महत्वपूर्ण नोट :-
यह पंचभौतिक शरीर हमेशा रहने वाला नहीं है।
प्रियतम परब्रह्म को पाने के लिये यह सुनहरा अवसर है।
अतः बिना समय गवाएं उस अक्षरातीत पाने के लिये प्रयास करना चाहिये।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке