maa narmada aarti | नर्मदा आरती | narmada ji ki aarti
नर्मदा माई शिव की द्वारपाल है । गुरु महाराज अर्धनारीश्वर और द्वारपाल को मनाए बिना शिव के दर्शन नहीं हो सकते , इसी भाव से दशकों से श्री दादा दरबार जोधपुर में सुबह सांय सद्गुरु श्री श्री १०८ श्री नारायण प्रभु की समाधि की नित्य आरती से पहले नर्मदा आरती होती है तत्पश्चात् समाधि के द्वार/ कपाट खोले जाते है ।
श्री सद्गुरु चरण कमलेभ्यो नमः । । जय श्री दादाजी की । । श्री नर्मदा जी की आरती श्री गौरी शंकर जी महाराज की जय । श्री धूनी वाले दादाजी महाराज की जय । श्री सद्गुरु नारायण प्रभु की जय । श्री हरिहर गोले भगवान की जय । श्री गुरु नेपाली दादा जी महाराज की जय । श्रीमात् नर्मदे हर ।ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं , संसारसारं , भुजगेन्द्रहारम् । सदा वसन्तं हृदयारविन्दे ,भवं भवानी सहितं नमामि । ॐ मन्दारमाला कुलितालकायै , कपालमाला शिव शंकराय । दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय , नमः शिवायै च नमः शिवाय।श्री अखण्डानन्दबोधाय , शोकसंतापहारिणे । सच्चिदानन्दस्वरूपाय, शिव शिवायै नमो नमः । जय जगदानन्दी ओ मैया जय आनन्दकरणी रेवा जय मंगल मूरति ।ब्रह्मा हरिहर शंकर , रेवा शिवहर शंकर , रुद्री पालन्ती । हरि : ॐ जय जगदानन्दी ।१।देवी , नारद शारद , तुम वर दायक , अभिनव रखी । ओ मैया अभिनव पदचंडी , ओ रेवा अभिनव पदवंदी सुर नर मुनिजन सेवत सुर नर मुनिजन ध्यावत शारद पदवंदी । हरिःॐ जय जगदानन्दी ।२।देवी, धूम्रक वाहन राजत,वीणा वादयन्ती,ओ मैया वीणा वादयन्ती , ओ रेवा वीणा वादयन्ती । झुमकत झुमकत झुमकत झननन झननन झननन रमती राजन्ती । हरि : ॐ जय जगदानन्दी । । ३ । । देवी , बाजत ताल मृदंगा , सुर - मंडल रमती । ओ मैया सुरमंडल रमती , ओ रेवा सुरमंडल रमती । तुड़ितां तुड़ितां तुड़ितां तुडडड़ तुड़ड़ड़ तुडडड़ , रमती सुरवन्दी । हरि : ॐ जय जगदानन्दी । । ४ । । देवी , सकल भुवन पर आप विराजत निशदिन आनन्दी । ओ मैया सब दिन आनन्दी , ओ रेवा युग युग आनन्दी । गावत गंगाशंकर , सेवत रेवाशंकर , भव भय मेटन्ती । हरि : ॐ जय जगदानन्दी । । ५ । । देवीजी की आरती , मैयाजी की आरती , रेवाजी की आरती । निशदिन पढ़ गावे ओ मैया , सब दिन रट गावे , ओ मैया युग युग पढ़ गावे । भणत शिवानन्द स्वामी गुरु जपत हरीहर स्वामी , गुरु कैलाश में जावे । हरिः ॐ जय जगदानन्दी । । ६ । ।
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आवाज :- राजेन्द्र वैष्णव , अगस्त्य आचार्य और राजेंद्र कुमार व्यास (पालजी)
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