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Скачать или смотреть इतिहास से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य जो आपको भी जरूर जाना चाहिए। amazing fact for history...

  • Today News Hindi
  • 2022-12-19
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इतिहास से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य जो आपको भी जरूर जाना चाहिए। amazing fact for history...
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Описание к видео इतिहास से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य जो आपको भी जरूर जाना चाहिए। amazing fact for history...

अशोक स्तंभ कैसे बना भारत का राष्ट्रीय प्रतीक? आपको भी जानना चाहिए।आज से लगभग 2400 वर्ष पहले प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य का राज हुआ करता था। मौर्य साम्राज्य का पूरी दुनिया में नाम प्रसिद्ध था। प्राचीन भारत के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम बिन्दुसार था।बालक बिन्दुसार के जन्म के पहले ही विषैले खाने के कारण उसकी माता दुर्धरा की मृत्यु हो गई। वह अपने पिता की इकलौती संतान थे क्योंकि उनके बड़े भाई केशनाक भी जन्म के तुरंत बाद ही मृत्यु को प्राप्त हो गए थे।बिन्दुसार एक मौर्य सम्राट थे जिन्होंने 297 ईसा पूर्व से लेकर 273 ईसा पूर्व तक प्राचीन भारत पर राज किया। उनका जन्म 320 ईस्वी पूर्व में पाटलिपुत्र मे हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रगुप्त मौर्य और माता का नाम दुर्धरा था। उनकी माता दुर्धरा धनानंद की पुत्री थी।बिंदुसार अपने माता-पिता की इकलौती जीवित संतान थे क्योंकि उनके बड़े भाई केशनाक जन्म लेते ही मृत्यु को प्यारे हो गए।जब बिन्दुसार अपनी माता की कोख में थे तब उनकी माता का देहांत हो गया। परंतु बिन्दुसार को आचार्य चाणक्य ने किसी तरीके से बचा लिया। और उसके बाद उसकापालन पोषण शाही दासियों द्वारा राज महल में ही किया गया।बिन्दुसार को “बिन्दुसार” नाम आचार्य चाणक्य ने दिया था। इसके पीछे एक कहानी है। आचार्य चाणक्य रोजाना चंद्रगुप्त के भोजन में कुछ मात्रा में जहर मिला देते थे ताकि चंद्रगुप्त की जहर के प्रति इम्यूनिटी बनी रहे। एक दिन चंद्रगुप्त ने जहर मिला हुआ भोजन अपनी गर्भवती पत्नी दुर्धरा के साथ खा लिया। दुर्धरा की प्रसीभूति होने में 7 दिन बचे थे। तो उस जहर के कारण दुर्धरा की मौत हो गई और बिन्दुसार अभी तक पेट में था।जब आचार्य चाणक्य को यह बात पता चली तब बहुत देर हो चुकी थी। फिर भी चाणक्य ने दुर्धरा के पेट को चीर के गर्भ से बच्चे को निकाल लिया। परंतु बच्चे के सिर में जहर की कुछ बूंदें पहुंच चुकी थी पर आचार्य चाणक्य ने बड़ी ही कुशलता पूर्वक उसे जहर से मुक्त कर दिया और उसे बचा लिया।इस जहर की बूंद की वजह से आचार्य चाणक्य ने इस बच्चे का नाम बिन्दुसार रखा था।बिन्दुसार ने 16 महिलाओं से विवाह किए थे जबकि चंद्रगुप्त ने दो महिलाओं से विवाह किए थे। बिन्दुसार के 101 पुत्र थे। जिनमें अशोक, विताशोक और सुसीम का नाम प्रचलित रहा है। अशोक व विताशोक दोनों एक ही माता के पुत्र थे। उनकी माता का नाम सुभद्रांगी था जो कि एक ब्राह्मण थी। जब सुभद्रांगी का जन्म हुआ था तब एक ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी की थी कि उसका पुत्र महान राजा बनेगा।जब सुभद्रांगी बड़ी हो गई तो उसे एक दिन उसके पिता पाटलिपुत्र में बिन्दुसार के महल में लेकर गए थे। वहां राजा की पत्नियां उसकी सुंदरता से जलती थी और इसलिए उन्होंने सुभद्रांगी को नाई का काम सौंप दिया।बिन्दुसार सुभद्रांगी के बनाए हुए बालों से प्रसन्न हुए और उसको कुछ मांगने का विकल्प दिया। सुभद्रांगी ने उनकी रानी बनने की इच्छा जाहिर की। बिन्दुसार ने पहले सोचा कि वह निम्न वर्ग की लड़की है परंतु बाद में पता चला कि यह ब्राह्मण हैं तो दोनों ने विवाह कर लिया।बिन्दुसार ने मौर्य साम्राज्य का शासन 297 ईसा पूर्व में संभाला था। 297 में ईसा पूर्व में ही उसके पिता चंद्रगुप्त चन्द्रागिरि (कर्नाटक) की पहाड़ियों में चले गए थे। उस समय मौर्य साम्राज्य चंद्रगुप्त के अधीन था जो कांधार से लेकर पाटलिपुत्र तक और तक्षशिला से लेकर सुवर्णगिरी तक फैला हुआ था। लगभग पूरे प्राचीन भारत पर मौर्य साम्राज्य का झंडा फहरा रहा था। वर्तमान समय के बांग्लादेश, केरल, कर्नाटक और उड़ीसा इत्यादि क्षेत्र ही मौर्य साम्राज्य के अधीन नहीं थे। जब बिन्दुसार को खबर मिली कि तक्षशिला के लोग उसके खिलाफ रोष जता रहे हैं। तो उसने अपने पुत्र अशोक को तक्षशिला भेजा। परंतु, बिन्दुसार ने अशोक को हथियार और रथ नहीं दिए। तब अशोक बिना अस्त्र-शस्त्र के ही गए थे। ऐसा माना जाता है कि देवताओं ने उनके लिए सेना और हथियार उपलब्ध करवाये। जब अशोक तक्षशिला पहुंचे तो वहां के लोग आकर बोले कि हमें राजा एवं राजकुमार से कोई समस्या नहीं है। हमें तो मंत्रियों से समस्या है। अशोक ने यह बात स्वीकार कर ली और लोगों को शांत कराया। तब देवताओं ने घोषणा की कि 1 दिन अशोक पूरे भारत का राजा बनेगा।जब चंद्रगुप्त ने राजा के पद का त्याग कर दिया था तब चाणक्य ने उसे संन्यास लेने के लिए कहा। चंद्रगुप्त वन में जाकर रहने लग गए। परंतु, आचार्य चाणक्य बिन्दुसार के प्रधानमंत्री बने रहे। तो एक दिन चाणक्य ने बिन्दुसार को कहा कि “सुबन्धु” को आप मंत्री बना लो।
परंतु, सुबन्धु चाणक्य से जलता था और उच्च पद का मंत्री बनना चाहता था तो उसने बिन्दुसार को बता दिया कि उसकी माता दुर्धरा का चाणक्य ने पेट चीर दिया था। तो बिन्दुसार ने इस बात की स्त्री नर्सों (दाइयों) से जाँच पड़ताल की। और उसने इस बात को सत्य पाया।इसके बाद बिन्दुसार ने चाणक्य से घृणा करनी शुरू कर दी। चाणक्य उस समय वृद्ध हो चुके थे और इस घृणा की वजह से उन्होंने सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद उन्होंने समाधि लेने की सोची।परंतु जब बिन्दुसार को पूरी बात का पता चला कि उसे बचाने के लिए चाणक्य ने ये सब किया था। तो उसने चाणक्य से विनती की कि आप दोबारा प्रधानमंत्री बन जाइए। परंतु, चाणक्य ने मना कर दिया। बिन्दुसार ने सुबन्धु को चाणक्य को शांत कराने के लिए भेजा।इतिहासकार यह बताते हैं कि सुबन्धु ने वृद्ध चाणक्य के आवास में जाकर उनको जलाकर मार दिया। इसके बाद सुबन्धु भी पागल हो गए और सेवानिवृत्ति ले ली।जब अशोक की माता सुभद्रांगी छोटी थी तब एक ज्योतिषी ने कहा कि उसका एक पुत्र महान राजा बनेगा। सुभद्रांगी का विवाह होने के बाद, एक दिन पिंगल वत्स नामक ज्योतिषी महल में आये थे। बिन्दुसार ने पूछा कि आने वाला सम्राट कौन सा राजकुमार बनेगा? तब पिंगल वत्स ने अशोक को सबसे योग्य शासक ठहराया था। परंतु, उसने बिन्दुसार को एक निश्चित उत्तर नहीं दिया क्योंकि उन्हें भय था कि कहीं।🙏😱🥰

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