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हाल के दिनों का यह सबसे विवादित और अप्रिय मसला था, जिसका संबंध हिंदी जगत की वरिष्ठ रचनाकार मन्नू भंडारी के निधन के बाद 'साहित्य तक' के मंच पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा से जुड़ा है. इस मंच पर उपस्थित कुछ रचनाकारों ने जाने-अनजाने मन्नू भंडारी को याद करने के बहाने, मन्नू भंडारी और राजेंद्र यादव; राजेंद्र यादव और मैत्रेयी पुष्पा के बीच के संबंधों की बात उठा दी...साहित्य तक के दो दिनों के लंबे LIVE SHOW में मैत्रेयी पुष्पा बतौर साहित्यकार नहीं, बल्कि एक खलनायिका सदृश निशाने पर थीं. साहित्य तक पर इस बात की नैतिक जिम्मेदारी थी कि वह इस मसले पर मैत्रेयी पुष्पा का पक्ष जाने और आपके समक्ष रखे.
हाल ही में जब हमने इस मंच पर वरिष्ठ कथाकारों से लंबी बतकही का कार्यक्रम 'बातें-मुलाकातें' शुरू किया तो मैत्रेयी पुष्पा का परिचय कुछ यों लिखा था- "वह एक बड़ी कथाकार हैं. किस्सागोई, चर्चित किताबें, सोशल मीडिया पोस्ट और विवाद उनके साथ साथ घूमते हैं. पर वे कभी अपने विचारों को छिपाती नहीं. उनमें यह साहस है कि वे यह सवाल कर सकती हैं कि ऐसा कौन है जिसे कभी प्यार न हुआ? वे शादी के बाद अपने प्रेम पत्रों को साथ लेकर न केवल आईं, बल्कि पति को बता भी दिया. कथित नारीवादियों को उनकी बातें किसी नश्तर की तरह चुभती हैं, और जब सभी मिलकर उनपर हमलावर होती हैं, तो वे कह पड़ती हैं कि चवन्नी-अठन्नियों की मैंने छंटनी कर दी... मैत्रेयीजी एक ऐसी लेखिका हैं, जो दिल्ली में रहकर भी कभी शहरी नहीं हुईं. न मन से, न विचारों से, न लेखनी से. वह एक ऐसी लेखिका हैं, जो शहर की चकाचौंध में भी खुद को गांव में पाती हैं. साहित्यकार, उपन्यासकार, कहानीकार के रूप में वह गांव की स्त्रियों के दर्द को महसूस करती हैं और 'औरत' बिना किसी फतवे और झंडे के अपने घरेलू रूप में भी उनके कथानकों में नायिका के रूप में स्थापित होती है. अपनी लेखनी से ग्रामीण भारत को साकार करने वाली मैत्रेयी पुष्पा के लेखन में ब्रज और बुंदेली संस्कृतियों की झलक दिखाई देती है. कथा जगत और उनके प्रशंसक उन्हें रांगेय राघव और फणीश्वर नाथ 'रेणु' की श्रेणी की रचनाकार मानते हैं. दिल्ली हिंदी अकादमी की उपाध्यक्ष रह चुकीं मैत्रेयी पुष्पा को अब तक कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिनमें 'सुधा स्मृति सम्मान', 'कथा पुरस्कार', 'साहित्य कृति सम्मान', 'प्रेमचंद सम्मान', 'वीरसिंह जू देव पुरस्कार', 'कथाक्रम सम्मान', 'हिंदी अकादमी का साहित्य सम्मान', 'सरोजिनी नायडू पुरस्कार' और 'सार्क लिटरेरी अवार्ड' प्रमुख हैं." ...
इसीलिए 'साहित्य तक' ने अपने मंच पर उठे सवालों को लेकर वरिष्ठ साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा से अब तक का सबसे 'विस्फोटक साक्षात्कार' किया, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने मैत्रेयीजी से उनसे जुड़े सभी विवादों, संबंधों पर खुल कर बातचीत की. इस बातचीत में राजेंद्र यादव भी हैं, तो मन्नू भंडारी भी- और मैत्रेयी पुष्पा के अपने पति व परिवार तो है ही. तो साहित्य तक पर सुनिए हिंदी साहित्य जगत के अब तक के सबसे अनसुलझे पर संवेदनशील रिश्ते पर एक बेलौस साक्षात्कार. हम मैत्रेयी पुष्पा के साहस की तारीफ करते हैं.
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