बजबारस कथा बछबारस की कहानी Baj Baras katha Bachh Baras Kahani पुत्रप्राप्ति मंगल कामना के लिए

Описание к видео बजबारस कथा बछबारस की कहानी Baj Baras katha Bachh Baras Kahani पुत्रप्राप्ति मंगल कामना के लिए

बजबारस कथा बछबारस की कहानी Baj Baras katha Bachh Baras Kahani पुत्रप्राप्ति मंगल कामना के लिए

भादवा महीने में कृष्ण पक्ष की बारस यानि द्वादश को बछ बासर या वत्स द्वादशी के रूप में मनाया जाता है।
यह व्रत संतान की लंबी आयु और उसके उज्जवल भविष्य के लिए किया जाता है। हर वर्ष भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की द्वादशी ( को बछ बारस मनाया जाता है। इस दिन गाय तथा बछड़े की पूजा की जाती है। पूजन तथा उपवास कर संतान की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है।
इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। गाय के दूध से बने उत्पादों का उपयोग नहीं किया जाता है। इस दिन गेहूं और चाकू से कटी हुई वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। सुई का उपयोग नहीं किया जाता है।
बछ बारस देश के कई हिस्सों में मनाई जाती है। इसे मनाने के तरीके भी अलग—अलग है। लेकिन, एक बात सामान्य है वह है कि इस दिन गाय और उसके बछड़े की पूजा की जाती है। घर में मोठ, बाजरा, चौला, मूंग आदि को भिगोया जाता है और इस अंकुरित अनाज से पूजा होती है। गाय और बछड़े की पूजा के बाद कहानी सुनी जाती है। शादी और पुत्र के जन्म के बाद आने वाली पहली बछ बारस को विशेष तौर पर मनाया जाता है। इस दिन पूजा में नवविवाहिता और नवजात को भी शामिल किया जाता है। गेहूं का उपयोग नहीं किया जाता है और इसके स्थान पर बाजरा या मक्का से बनी खाद्य वस्तुओं का उपयोग होता है।
बछ बारस का त्यौहार जन्माष्टमी के चार दिन बाद भाद्रपद (भादों) द्वादशी को मनाया जाता हैं। बछ बारस के दिन विवाहित महिलाये पुत्र प्राप्ति और मंगल कामना के लिए व्रत करती है। इस दिन व्रत रखने वाले स्त्री को गाय के बछड़े की पूजा करनी चाहिए। अगर किसी के यहाँ गाय का बछड़ा ना हो तो किसी दूसरे की गाय के बछड़े की पूजा की जाती हैं। किसी भी सूरत में गाय का बछड़ा ना मिले तो बछबारस की पूजा के लिए मिट्टी का गाय का बछड़ा बनाकर भी पूजा की जाती हैं।
#गोवत्स_द्वादशी_बछबारस_की_पौराणिक_कथा
बछबारस की कहानी
बछबारस पूजन विधि और कहानी
#गोवत्स_द्वादशी_बछबारस_की_पौराणिक_कथा
यह व्रत संतान की लंबी आयु और उसके उज्जवल भविष्य के लिए किया जाता है। हर वर्ष भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की द्वादशी ( को बछ बारस मनाया जाता है। इस दिन गाय तथा बछड़े की पूजा की जाती है। पूजन तथा उपवास कर संतान की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है।
और पूजा विधि 24th October 2024 Monday
गोवत्स पूजन कथा | गोवत्स द्वादशी | Bach Baras ki Katha in Hindi -24 October 2024 Monday
Govatsa Dwadashi (Bach Baras) Vrat Katha | गोवत्स द्वादशी व्रत कथा | गोवत्स द्वादशी पूजन कथा
बज बारस की कथा | बछ बारस की कहानी | Baj Baras ki katha | Bachh Baras ki Kahani
बछ बारस की कथा जो हर लेती है जीवन की हर व्यथा | बछ बारस की कहानी | Bach Baras 2024

Комментарии

Информация по комментариям в разработке