kahan aa ke rukne the raaste kahan mod tha use bhool ja - Sung by Ghulam Ali

Описание к видео kahan aa ke rukne the raaste kahan mod tha use bhool ja - Sung by Ghulam Ali

Written by Amzad Islam Amzad

कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा
वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा

वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
दिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा

मैं तो गुम था तेरे ही ध्यान में तिरी आस तेरे गुमान में
सबा कह गई मिरे कान में मिरे साथ आ उसे भूल जा

किसी आँख में नहीं अश्क-ए-ग़म तिरे बअ'द कुछ भी नहीं है कम
तुझे ज़िंदगी ने भुला दिया तू भी मुस्कुरा उसे भूल जा

कहीं चाक-ए-जाँ का रफ़ू नहीं किसी आस्तीं पे लहू नहीं
कि शहीद-ए-राह-ए-मलाल का नहीं ख़ूँ-बहा उसे भूल जा

क्यूँ अटा हुआ है ग़ुबार में ग़म-ए-ज़िंदगी के फ़िशार में
वो जो दर्द था तिरे बख़्त में सो वो हो गया उसे भूल जा

तुझे चाँद बन के मिला था जो तिरे साहिलों पे खिला था जो
वो था एक दरिया विसाल का सो उतर गया उसे भूल जा

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