अक्षय तृतीया से नरसिंह चतुर्दशी तक के चन्दन के पद कीर्तनChandan ke Pad Akshay Tritiya Dr Bhagwan das

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(वैशाख सुदी 3 अक्षय तृतीया से वैशाख सुदी 13 तक)

चन्दन के पद

पुष्टिमार्गीय कीर्तन प्रणालिका अनुसार

1.चंदन सुगंध अंग लगाय आये मेरे गृह हम ही मग जोवत लाल तिहारौ है (राग सामन्त सारंग)
2.सखी सुगंध जल घोर कें चंदन हरि अंग लगावत (सामन्त सारंग)
3.आज गोपाल पाहुने आये आनंद मंगल गाऊंगी (सामन्त सारंग)
4.चंदनकी खोर किये चंदन घस अंग लगावै सोंधे की लपट झपट पवन फहरन में (सामन्त सारंग)
5.चन्दन पहर आय हरि बैठे कालिंदी के कूल (सारंग)
6.चंदन पहर नाव हरि बैठे संग वृषभान दुलारी हो (हमीर)

1.चंदन सुगंध अंग लगाय आये मेरे गृह हम ही मग जोवत लाल तिहारौ है ॥
ढीले ढीले पग धरत घाम के सताये लाल बोलहु न आवै बैन कौन के बचन पारे हो ॥
बैठौ लाल सीतल छांह श्रमहु कौ निवारन होय सीतल जल यमुना कौ अनेक भांति पीजिये ।
नंददास प्रभु प्रिय हम तौ दरसकी प्यासी ऐसी नीकी करौ कृपा मोहि दरस दीजिये

2.सखी सुगंध जल घोर कें चंदन हरि अंग लगावत ॥
बदन कमल अलकें मधुपन सी टेढी पाग मन भावत ॥
कोउ बिंजना कुसुमन के ढोरत कुसुम भूषन लै लै पहरावत मृदु बेलि सीयरी तर क्रीडत व्रजाधीश गुन गावत ॥

3.आज गोपाल पाहुने आये आनंद मंगल गाऊंगी ॥
जल गुलाब सों घोर अरगजा आंगन भवन लिपाऊंगी ॥ सीतल सदन सुखदके साधन कुच भुज बीच बसाऊंगी ॥ कुंभनदास लाल गिरिधर कों जो एकांत कर पाऊंगी

4.चंदनकी खोर किये चंदन घस अंग लगावै सोंधे की लपट झपट पवन फहरन में
प्यारी के पिया को नेम पिय के प्यारी सों प्रेम अरस परस रीझ रिझावै जेठ की दुपहरी में ॥
चहुं ओर खस सँवार जल गुलाब डार डार सीतल भवन कीयौ कुंज महल में।
सोभा कछु कही न जाय निरख नैन सचुपाय पवन ढुरावै परमानंददास टहलमें

5.चन्दन पहर आय हरि बैठे कालिंदी के कूल ॥
सघन कुंज द्रुम चहुं दिश फूल ललित लता के मूल ॥ कुंदमाल श्रीकंठ बनी और विच विच विविध भांत के फूल । रुचिर प्रवाह वहत यमुना मध्य तरु तमालके झूल ।।
नाचत गावत वेणु बजावत सकल सखा लियें संग। गोविंद प्रभु पियकी छवि निरखत होत नयन गति पंग

6.चंदन पहर नाव हरि बैठे संग वृषभान दुलारी हो ।
यमुना पुलिन फूल शोभित तहां खेलत लाल बिहारी हो || त्रिविध पवन बहत सुखदायक सीतल मंद सुगंधा हो।
कमल प्रकाश कुसुम बहु फूले जहां राजत नंदनंदा हो ॥ अक्षय तृतीया अक्षय लीला संग राधाका प्यारी हो ॥
करत बिहार सबे सखी सों नंददास बलिहारी हो।।

डॉ भगवान दास कीर्तनकार, कामवन
(अष्टछाप के श्रीगोविंदस्वामीजी के वंशज)
ડૉ ભગવાન દાસ કીર્તનકાર, કામવન
(અષ્ટછાપ કે શ્રીગોવિંદસ્વામીજી કે વંશજ)
सम्पर्क 9828737151
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