Gup Chup Gup Chup Full video song | Karan Arjun | alka Yagnik & ila Arun | Gaana4u

Описание к видео Gup Chup Gup Chup Full video song | Karan Arjun | alka Yagnik & ila Arun | Gaana4u

Song – Gup Chup Gup Chup
Movie – Karan Arjun
Singer – Ila Arun, Alka Yagnik
Lyrics – Indeevar
Music – Rajesh Roshan
Label – Tips Official


Gup Chup Gup Chup
Lyrics in Hindi
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप




लाम्बा लाम्बा घूँघट काहे को डाला
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

लाम्बा लाम्बा घूँघट काहे को डाला
क्या कहीं कर आई तू मुंह काला रे
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

कानों में बतियाँ करती हैं सखियाँ
रात किया रे तूने कैसा घोटाला
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

छत पे सोया था बहनोई
छत पे सोया था बहनोई
मैं तन्ने समझ कर सो गयी
मुझको राणा जी माफ़ करना
ग़लती म्हारे से हो गयी
मुझको राणा जी माफ़ करना
ग़लती म्हारे से हो गयी

गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

छत पे सोया था बहनोई
छत पे सोया था बहनोई
मैं तन्ने समझ कर सो गयी
मुझको राणा जी माफ़ करना
ग़लती म्हारे से हो गयी
मुझको राणा जी माफ करना
गलती मारे से हो गयी



(संगीत)

गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

हाय बहनोई था बहनोई ठहरा
क्यों ना पहचाना तूने पिया जी का चेहरा
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

बहनोई ने ओढ़ रखी थी चादर
रखी थी चादर, रखी थी चादर
मैं समझी पिया का है बिस्तर
पिया का है बिस्तर, पिया का है बिस्तर

आधे बिस्तर पे वो सोया था
आधे पे मैं भी सो गई

मुझको राणा जी माफ़ करना
ग़लती म्हारे से हो गयी
मुझको राणा जी माफ करना
गलती मारे से हो गयी

(संगीत)

गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

दीपक अटारी पे जलाता तो होगा
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

दीपक अटारी पे जलाता तो होगा
छिटकी तो होगी छत पे चाँदनीय
अपनो परायो नज़र ना आया
भूल कैसे हो गई तुझसे दुलरिया



गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

भूल हुई मुझसे तो कैसा अचम्भा
कैसा अचम्भा, कैसा अचम्भा
बहनोई था पीया जितना लम्बा
पिया जितना लम्बा, पिया जितना लम्बा

चूर थी मैं दिन भर की थकान से
पड़ते ही बिस्तर पे सो गई

मुझको राणाजी माफ़ करना
ग़लती म्हारे से हो गयी
मुझको राणाजी माफ़ करना
ग़लती म्हारे से हो गयी

गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

सोच रहे थे हम सब जैसा
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
तूने किया नहीं कुछ वैसा
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

मुखड़े पे तेरे सजका उजाला
रात किया नहीं मुंह तूने काला

गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप
गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप गुप-चुप

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