Logo video2dn
  • Сохранить видео с ютуба
  • Категории
    • Музыка
    • Кино и Анимация
    • Автомобили
    • Животные
    • Спорт
    • Путешествия
    • Игры
    • Люди и Блоги
    • Юмор
    • Развлечения
    • Новости и Политика
    • Howto и Стиль
    • Diy своими руками
    • Образование
    • Наука и Технологии
    • Некоммерческие Организации
  • О сайте

Скачать или смотреть क्यों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही जीवन की पूर्ण सिद्धि है?

  • BHAGAT PREMM
  • 2025-11-22
  • 1211
क्यों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही जीवन की पूर्ण सिद्धि है?
  • ok logo

Скачать क्यों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही जीवन की पूर्ण सिद्धि है? бесплатно в качестве 4к (2к / 1080p)

У нас вы можете скачать бесплатно क्यों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही जीवन की पूर्ण सिद्धि है? или посмотреть видео с ютуба в максимальном доступном качестве.

Для скачивания выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Cкачать музыку क्यों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही जीवन की पूर्ण सिद्धि है? бесплатно в формате MP3:

Если иконки загрузки не отобразились, ПОЖАЛУЙСТА, НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если у вас возникли трудности с загрузкой, пожалуйста, свяжитесь с нами по контактам, указанным в нижней части страницы.
Спасибо за использование сервиса video2dn.com

Описание к видео क्यों भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही जीवन की पूर्ण सिद्धि है?

संस्कृत अनुवाद :
भागवद्गीतायाः द्वितीयाध्याये भगवद्भक्तेः महत्त्वं एवं वर्णितम् यत् सा अत्यूत्कृष्टा भवति। मनुष्याणां श्रेष्ठो धर्मः स एव, यस्मिन् भगवान् श्रीकृष्णस्य प्रति अनन्यभक्तिः भवति, या निःस्वार्था नित्यश्च भवेत्। तादृशी भक्त्या जीवात्मा परमआनन्दरूपं भगवन्तं प्राप्नोति। भक्तौ सति स्वयमेव ज्ञानवैराग्ययोः उदयः भवति।
यदि कश्चन मनुष्यः स्वजीवने धर्मपालनं करोति, किन्तु भगवान् श्रीकृष्णस्य लीलाकथासु अनुरागः नास्ति, तर्हि तस्य धर्मपालनं केवलं परिश्रममात्रं भवति। स्वस्ववर्णाश्रमधर्मपालनस्य परिपूर्णसिद्धिः तदा एव भवति यदा भगवान् तुष्यन्ति। अतः भगवतः निरन्तरं श्रवणकीर्तनध्यानपूजनादिकं एकचित्तेन कर्तव्यम्।
कर्मबन्धनानि दृढानि भवन्ति, किन्तु तानि भगवद्चिन्तनखड्गेन छिद्यन्ते। पुण्यतीर्थसेवनं, मातृसेवा, श्रद्धा, ततः पश्चात् भगवद्गाथायां रुचिः—एतेषां माध्यमेन मानवीयजीवनं पवित्रं भवति। भगवान् श्रीकृष्णस्य यशः—श्रवणकीर्तनम् उभयं पावनं भवति, तथा कथा–श्रवणेन अशुभवासनानां नाशः भवति।
हिंदी अनुवाद =भागवत गीता के दूसरे अध्याय में भगवद्भक्ति का महत्त्व इस प्रकार वर्णित है कि वह अत्यंत उत्तम है। मनुष्यों के लिए सर्वोत्तम धर्म वही है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति हो, और वह भक्ति ऐसी हो कि उसमें कोई भी लालसा न हो और जो लगातार बनी रहे। ऐसी भक्ति से आत्मा परम आनंदस्वरूप भगवान को प्राप्त करती है। भक्ति होने पर ज्ञान और वैराग्य का उदय स्वतः ही हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में धर्मपालन तो हो, लेकिन भगवान की लीलाओं में अनुराग न हो, तो वह धर्मपालन केवल श्रम ही बन जाता है। अपने-अपने वर्ण और आश्रम के अनुसार जो धर्म का पालन किया जाता है, उसकी पूर्ण सिद्धि तब ही होती है जब भगवान प्रसन्न हों। इसलिए, एकाग्र मन से भगवान के निरंतर श्रवण, कीर्तन, ध्यान और आराधना करनी चाहिए। कर्मों के बंधन कठिन होते हैं, लेकिन भगवान के चिंतन की तलवार से उन बंधनों को काटा जा सकता है। पवित्र तीर्थों का सेवन, मातृसेवा, श्रद्धा और फिर भगवद्कथा में रुचि, इन सबके माध्यम से मानव जीवन पवित्र होता है। भगवान श्रीकृष्ण के यश का श्रवण और कीर्तन दोनों ही पवित्र करने वाले हैं, और कथा श्रवण से असुभ अवासनाओं का नाश होता है।

Комментарии

Информация по комментариям в разработке

Похожие видео

  • О нас
  • Контакты
  • Отказ от ответственности - Disclaimer
  • Условия использования сайта - TOS
  • Политика конфиденциальности

video2dn Copyright © 2023 - 2025

Контакты для правообладателей [email protected]