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Скачать или смотреть Polity most important questions। भारतीय संविधान।Constitution of india।Polity gk in hindi। संविधान gk

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  • 2023-06-21
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Polity most important questions। भारतीय संविधान।Constitution of india।Polity gk in hindi। संविधान gk
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Описание к видео Polity most important questions। भारतीय संविधान।Constitution of india।Polity gk in hindi। संविधान gk

-: भारतीय संविधान सभी महत्वपूर्ण तथ्य -:
संविधान मे मौलिक अधिकार अमेरिकी संविधान से प्रेरित।
मौलिक अधिकार संविधान के भाग III मे उल्लेखित है।

संविधान मे मूल अधिकार अनुच्छेद 12-35 मे उल्लेखित।

संविधान के भाग III को भारत का मैग्नाकार्ट कहते है।
मूल अधिकारों का उदेश्य राजनीतिक लोकतंत्र के आदर्शो
की स्थापना है।
मूल अधिकार देश में व्यवस्था बनाए रखने और राज्य के
कठोर नियमो से नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करते है।
मूल अधिकारों का उदेश्य कानून की सरकार की स्थापना
करना है ना कि व्यक्तियों की।
मूलतः संविधान में 7 मौलिक अधिकार थे।
1. समता का अधिकार
2. स्वतंत्रता का अधिकार
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
6. संपत्ति का अधिकार
7. संवैधानिक उपचारों का अधिकार
प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
राष्ट्रपति को मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाता है।
भारत सरकार के मंत्रियों को नियुक्ति प्रधानमंत्री की
सलाह पर राष्ट्रपति करता है।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है।

राष्ट्रपति बनने वाली योग्यता -
भारत का नागरिक।
कम से कम 35 वर्ष की आयु।
लोक सभा सदस्य चुने जाने योग्य।
सरकार के किसी लाभ के पद को ग्रहण नहीं किया
होना चाहिए ।
भारतीय संविधान में आपातकाल की व्यवस्था जर्मनी के
संविधान से प्रेरित है।
भारत में आपातकाल सिर्फ राष्ट्रपति ही लगा सकता है।
आपातकाल संबंध में संविधान में भाग 18 में वर्णन है।
राष्ट्रीय आपात काल अनुच्छेद 352।
राजकीय आपातकाल अनुच्छेद 356।
वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360।

मौलिक अधिकार न्यायोचित अधिकार होते है।
प्रस्तावना संविधान के परिचय अथवा भूमिका को कहते है।

एन ए पालकीवाला ने प्रस्तावना को संविधान का परिचय
पत्र कहा।

भारतीय संविधान मे प्रस्तावना पंडित नेहरू द्वारा बनाए
गए उदेश्य प्रस्ताव पर आधरित है।
प्रस्तावना में शंसोधन किया जा सकता है।
सर्वप्रथम अमेरिका ने प्रस्तावना को संविधान में अपनाया।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना पंडित नेहरू द्वारा पेश किएगए उदेश्य प्रस्ताव पर आधारित है।
भारतीय संविधान को 26 Nov 1949 को अपनाया गया।
संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे।
प्रारूप समिति का कार्य संविधान की रचना करना था।
प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ बीआर अंबेडकर थे।
बीआर अंबेडकर को आधुनिक भारत का मनु भी कहते है।
संविधान निर्माण मे कुल 64 लाख रूपये खर्च हुए।
संविधान निर्माण में 60 देशों के संविधान का अवलोकन
42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा संविधान की
प्रस्तावना में तीन शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और
अखंडता जोड़े गए।
संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत एक संप्रभु,
समाजवादी, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष गणतांत्रिक
राज्यव्यावस्था वाला देश है।
भारत किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं है।
भारत किसी अन्य देश का डोमिनियन नहीं है।
भारत अपने बाहरी और आंतरिक मामलों का निस्तारण करनेके लिए स्वतंत्र है।
भारत का विभिन्न संगठनों का सदस्य होने से संप्रभुता सीमित नहीं होती है।
एक संप्रभु राज्य होने के नाते भारत किसी विदेशी सीमा काअधिग्रहण कर सकता है।
भारतीय समाजवाद लोकतांत्रिक समाजवाद है ना कि साम्यवादी।
साम्यवादी समाजवाद को राज्याश्रित समाजवाद कहते है।
साम्यवादी समाजवाद मे उत्पादन और वितरण के सभी साधनों का राष्ट्रीयकरण हो जाता है तथा निजी संपत्ति का उन्मूलन।
लोकतांत्रिक समाजवाद मिश्रित अर्थव्यवस्था में विश्वास रखता है।
मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों होते है।
लोकतांत्रिक समाजवाद का उद्देश्य गरीबी, उपेक्षा, बीमारी
बेरोजगारी को समाप्त करना है।
भारतीय समाजवाद मार्क्सवाद और गांधीवाद का मिला जुला रूप।
सामाजिक न्याय का अर्थ- प्रत्येक व्यक्ति के साथ जाति, रंग,धर्म, लिंग के आधार पर बिना भेदभाव किए समान व्यवहार।
राजनीति न्याय का अर्थ- प्रत्येक व्यक्ति को समान राजनीति अधिकार प्राप्त होंगे।
आर्थिक न्याय का अर्थ- आर्थिक कारणों के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जाएगा।
*भारत में संविधान सभा में गठन का विचार 1934 मे सर्वप्रथम एम एन राय ने रखा था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1935 मे संविधान निर्माण के लिए आधिकारिक रूप से संविधान सभा में निर्माण का प्रस्ताव पास किया।
1938 मे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से जवाहर लाल नेहरू ने घोषणा की की स्वतंत्र भारत का संविधान का निर्माण वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनी गई संविधान सभा क्या द्वारा किया जाएगा।
पंडित नेहरू की मांग को ब्रिटिश सरकार ने अंत में मान लिया।
1940 मे ब्रिटिश सरकार ने सैद्धांतिक रूप से जवाहर लाल नेहरू की संविधान निर्माण तथा संविधान सभा को मांग को मान लिया।संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 389 थी।
389 सीट मे 93 सीट देसी रियासतों को आवंटित।
389 सीट मे 296 सीट ब्रिटिश भारत।
देसी रियासतों के प्रतिनिधियों का चुनाव रियासत
के प्रमुखों द्वारा किया जायेगा।
ब्रिटिश सरकार के 1940 के स्वीकृत प्रस्ताव को अगस्त प्रस्ताव का नाम दिया गया।1942 ब्रिटिश सरकार के एक केबिनेट मंत्री सर स्टैफॉर्ड क्रिप्स

& मत्रिमंडल के एक सदस्य भारत में एक स्वतंत्र संविधान निर्माण के ब्रिटिश सरकार के एक प्रारूप प्रस्ताव के साथ भारत आए।
इस संविधान को दूसरे विश्व युद्ध के बाद अपनायाजाना था।
क्रिप्स प्रस्ताव को मुस्लिम लीग ने अस्वीकार कर दिया।
*फ्रांस की तरह संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य
डॉ सचिदानंद सिंह को संविधान सभा का प्रथम अध्यक्ष
चुना गया था
*फ्रांस की तरह संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य
डॉ सचिदानंद सिंह को संविधान सभा का प्रथम अध्यक्ष
चुना गया था

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