राष्ट्रपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज || दत्तोपंत ठेंगड़ी || DATTOPANT THENGADI

Описание к видео राष्ट्रपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज || दत्तोपंत ठेंगड़ी || DATTOPANT THENGADI

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग जोधपुर में 'हिन्दू साम्राज्यदिनोत्सव' के अवसर पर श्रद्धेय दत्तोपंत जी ठेंगड़ी का यह उद्बोधन अत्यंत महत्व का है। श्रद्धेय दत्तोपंत जी ठेंगड़ी की 'राष्ट्रपुरुष छत्रपति शिवराय' नामक पुस्तिका मूल मराठी में प्रकाशित है लेकिन इस बौद्धिक में शिवाजी महाराज के अनेक दुर्लभ आयामों पर बोले है।इस कारण यह भाषण अत्यंत एतिहासिक महत्व का हो जाता है। दुर्भाग्य से भाषण के अंतिम 5 मिनट का आवाज अत्यन्त खराब होने के कारण अपलोड नहीं किया जा रहा है।
भाषण का ध्वनि-फीत संघ कार्यालय जोधपुर के तत्कालीन कार्यालय प्रमुख श्री हरिओम जी भाईसाहब ने उपलब्ध करवाया तथा Audio Restoration and Digitization का कार्य स्वदेशी विचार केंद्र, जोधपुर द्वारा किया गया।
Official website- https://dbthengadi.in




0:00 Introduction
0:58 सिकन्दर, जूलियस सीज़र और नेपोलियन से शिवाजी महाराज की तुलना
02:07 सिकंदर अपने सिपाहियों में आदर्शवाद का निर्माण नहीं कर पाया।
03:30 सिकन्दर का अच्छी तरह से संगठित साम्राज्य का खत्म होना
03:58 शिवाजी की मृत्यु के पश्चात हिन्दूसमाज द्वारा लंबी लड़ाई लड़ते हुए साम्राज्य सत्ता का विध्वंस करना
06:55 जुलियस सीजर की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और अपने ही लोगों का विरोध
08:03 शिवाजी महाराज के लिए आत्मार्पण की होड़
08:39 नेपोलियन की वाटरलू में हार और शिवाजी की आगरा में गिरफ्तारी दोनों एक जैसे घटनाक्रम
09:00 वाटरलू की लड़ाई के पश्चात नेपोलियन के प्रति फ्रेंच जनता की श्रद्धा का नष्ट होना
10:09 आगरा कारावास के पश्चात द्विगुणित उत्साह से शिवाजी के नेतृत्व में स्वराज की लड़ाई जारी रखना
12:22 हिंदवी स्वराज होना चाहिए ऐसी भगवती की इच्छा है
13:06 राज्य 'धर्म' का है शिवबा का नहीं
13:18 चंद्रराव मोरे को शिवाजी का पत्र
14:18 "हमें यह राज्य श्री शंभू ने दिया है"
15:20 शिवाजी की राज्य के प्रति अलालसा
15:40 बीजापुर शासन के द्वारा शाहोजी की गिरफ्तारी
16:36 सन्त तुकाराम जी का शिवाजी को राजधर्म का उपदेश
18:04 शिवाजी में वैराग्य का प्रादुर्भाव और राज्य का समर्थ रामदास को समर्पण
20:29 भगवा ध्वज के प्रतिनिधि के रूप में शिवाजी को राज्य संचालन का उपदेश
22:20 हिन्दुस्तान का इतिहास केवल विदेशी आक्रमणों का इतिहास नहीं
23:08 राजा दाहिर से लेकर 1857 की क्रांति तक हिंदुओं का अखंड प्रतिकार संग्राम चलता रहा है
25:46 धर्म स्थापना के लिए संतों का जनजागरण और उसके परिपक्व फल के रूप में शिवाजी का होना
28:20 अष्टप्रधान मंडल की नियुक्ति एवं हिंदू पद्धति से लैंड रिवेन्यू
29:05 स्वभाषा के जागरण के बिना स्वदेश भक्ति का जागरण नहीं हो सकता
30:00 शिवाजी महाराज हिंदू जल शक्ति के निर्माता
30:49 परम पूजनीय श्री गुरुजी कहा कि हिंदू जल शक्ति के निर्माता इस नाते उनके चित्र प्रचलित होने चाहिए
31:35 एडमिरल कान्होजी आंग्रे का विदेशी नाविक शक्तियों से संघर्ष
32:44 मुसलमान बने नेताजी पालकर व बालाजी निंबालकर को पुनः हिंदू बनाना

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