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----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- समय से पहले लड़कियों में यौवनारम्भ में दिखाई देने वाले लक्षण! Symptoms of puberty in girls |
समय से पहले लड़कियों में यौवनारम्भ में दिखाई देने वाले लक्षण! Symptoms of puberty in girls |
लड़कियों में यौवनारम्भ के समय में अनेको लक्षण दिखाई देते हैं, जब छोटी बच्ची एक स्त्री के रुप में विकसित हो रही होती है तो उसके शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं,तब यौवन की शुरुआत में, लड़की का शरीर अधिक आनुपातिक हो जाता है और आदर्श ऊंचाई और वजन मिलता है। इसलिए, उसके शरीर के विभिन्न अंगों जैसे हाथों और पैरों के आकार और आकृतियों में परिवर्तन होंगे, ऊंचाई बढ़ जाएगी। उसका वजन भी बढ़ने लगता है। आमतौर पर, वे लड़कों की तुलना में उनके शरीर में अधिक फैट जमा होता है, जो उनके विकास और बढ़ने के लिए आवश्यक हैं। इस समय हो रहे हार्मोनल परिवर्तनों के परिणामस्वरूप ब्रेस्ट, बाहों, जांघों और पेट पर अधिक फैट जमा होना शुरू हो जाता है।
लड़कियों में यौवनारम्भ में दिखाई देने वाले कुछ सामान्य लक्षण
1.बॉडी हेयर में परिवर्तन: जन्म के समय हम सबके शरीर पर थोड़े-बहुत बाल होते हैं। लेकिन यौवन शुरु होते ही शरीर के बाल तेज़ी से बढ़ने लगते हैं और यही वजह है कि आपको अपने हाथों और पैरों पर बाल दिखायी देने लगते हैं। इसी तरह होठों के ऊपर होंठ, माथे और अंडरआर्म्स पर बाल आने लगते हैं। बालों का इस तरह का विकास हार्मोनल परिवर्तनों का संकेत है।
2.प्यूबिक हेयर: जननांग क्षेत्र या प्राइवेट एरिया में बालों का विकास यौवन का एक आम लक्षण है। प्यूबिक हेयर आर्मपिट्स के बालों और ब्रेस्ट के साथ धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं। लेकिन कुछ लड़कियों में, ब्रेस्ट्स का विकास होने से पहले प्यूबिक हेयर भी बढ़ सकते हैं। बालों को पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 2-3 साल का समय लग सकता है। प्यूबिक हेयर आमतौर पर घुंघराले होते हैं और लगभग पूरे वैजाइनल एरिया को कवर करते हैं।
3.ब्रेस्ट का आकार बढ़ना: यह यौवन के सबसे स्पष्ट लक्षणों में से एक है। कुछ लड़कियों में 8 साल की उम्र में ही ब्रेस्ट का आकार बढ़ने लगता है और कुछ के विकास में देरी हो सकती है। जैसे-जैसे शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, स्तन ग्रंथियां इस क्षेत्र में वसा बढ़ाने और जमा करने लगती हैं। ब्रेस्ट का आकार इस बात पर निर्भर करता है कि आसपास के क्षेत्र में कितना फैट जमा हुआ है।
4.मुंहासे और स्किन प्रॉब्लम्स: मुंहासे के कारण प्री-टिन और टीनएज या किशोरावस्था में आपको परेशानी हो सकती हैं, लेकिन शायद ही इससे बचने का कोई रास्ता है। मुंहासे भी हार्मोनल बदलाव का एक परिणाम है जो इस समय होते हैं। त्वचा के पोरों में वसामय ग्रंथियां होती हैं जिनसे सीबम (sebum) निकलता है। यह एक तरह का तेल है जो त्वचा और बालों दोनों के लिए ज़रूरी है। हालांकि, कभी-कभी सीबम का अतिरिक्त स्राव होता है और मृत त्वचा कोशिकाओं के साथ यह पोर्स में भर जाते हैं। इसकी वजह से आपके बच्चे के चेहरे और पीठ पर मुंहासे हो सकते हैं। इसी सीबम कि वजह से उसके बाल चिपचिपे और बेजान दिखते हैं।
5.जननांगों का विकास: इनमें से कुछ दिखाई देते हैं और कुछ आंतरिक रूप से होने के कारण दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन परिवर्तन होने पर वैजाइना का बाहरी हिस्सा या वल्वा में पयूबिक हेयर बढ़ने लगते हैं। जबकि वैजाइना लंबा है और गर्भाशय बड़ा हो जाता है।
6.वैजाइनल डिस्चार्ज: अगर आपके बच्चे के अंडरगार्मेंट्स पर पीले या सफेद दाग दिखायी दें तो यह बिल्कुल सामान्य बात है। दरअसल यह वैजाइनल डिस्चार्ज एक संकेत है कि बच्ची के पीरियड्स जल्दी ही शुरू हो सकते हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में बहुत अधिक नमी भी यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकती है। तो सावधान रहें और अगर आपका बच्चा खुजली, चिड़चिड़ापन या दर्द के साथ पेशाब जैसी समस्याओं के बारे में शिकायत करता है तो उसे गंभीरता से लें।
7.पीरियड्स: माहवारी आमतौर पर तब होती है जब ब्रेस्ट विकसित हो जाते हैं और प्यूबिक हेयर बढ़ने लगते हैं। पीरियड्स की शुरुआत लड़कियों में यौवन का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। हालांकि, पीरियड्स का एक चक्र निर्धारित होने के लिए कम से कम 2 साल लगते हैं और यह साइकल ज़िंदगी भर बदलते रहते हैं। पीरियड्स की अवधि आमतौर पर लगभग 3 से 8 दिन होती है और साथ में ऐंठन, सिरदर्द और मतली की शिकायतें भी हो सकती है।
हालांकि ये यौवन के विशिष्ट लक्षण हैं, लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि हर बच्चे का विकास अलग समय और गति से होता है। हालांकि, अगर 17 साल की उम्र तक आपकी बेटी के पीरियड्स शुरु नहीं होते या उसके ब्रेस्ट्स के विकास के लक्षण नहीं दिखाती देते हैं, तो बेहतर है कि आप किसी डॉक्टर को दिखाएं।
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