16 साल की स्मृति मंधाना | नाम दर्ज किया क्रिकेट रिकॉर्ड |

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16 साल में डेब्यू करने से लेकर दुनिया की सबसे महंगी महिला क्रिकेटर बनने तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम की धाकड़ ओपनिंग बल्लेबाज स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ था. स्मृति ने अपने भाई को देखकर क्रिकेट खेलना शुरू किया था. algवैसे तो भारत में हज़ारों खेल खेले जाते हैं , मगर क्रिकेट को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। क्रिकेट खेल को भारत के हर शहर, हर गांव और हर घर में देखा जाता है। क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी इस कदर है कि कोई भी मैच हो हज़ारों की तादाद में लोग इसे देखने जाते हैं। पुरुष क्रिकेट तो बहुत सालों से लोकप्रिय था लेकिन अब कुछ सालों से महिला क्रिकेट को भी लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। महिला क्रिकेट टीम और इनकी खिलाड़ियों पर हमे गर्व है।


नमस्कार दोस्तों आपका सुआगत है हमारे यूट्यूब चेंनल गेम विमिंग मंत्र मै जिसमे हम बताते गेम से जुड़े विशेष मुद्दों को और गेम जितने केअनेक मंत्रों को | तो आज हम अपनी इस वीडियो में बात करने वाले है भारतीय मशहूर महिला क्रिकेटर स्मिता मंदना से जुडी खबरों की जहां हाल में उन्होंने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है जिनसे अभी तक आपसभी अनजान होंगे लेकिन दोस्तों वीडियो शुरू करने से पहले अगर आपने हमारे यूट्यूब चेंनल गेम विनिंग मंत्र को अभी तक सब्सक्राइब नहीं किया है तो जल्दी जाके पहले लाइक और सब्सक्राइब कीजिये और नोटिफिकेशन बेल्ल आइकॉन को दबाना मत भूलियेगा ताकि हमारे चेंनलसेजुडी अपडेट आपको टाइम पर मिलती रहे तो इसी के साथ चलिए फ्रेंड्स जानते हे के मशहूर महिला क्रिकेटर स्मिती मंदना से जुडी खबरों को तो फ्रेंड्स, बाएं हाथ की बल्लेबाज और दाएं हाथ की ऑफ ब्रेक गेंदबाज स्मृति मंधाना को मात्र 11 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के लिए चुन लिया गया था। इसके बाद स्मृति मंधाना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।


स्मृति का पूरा नाम स्मृति श्रीनिवास मंधाना है। वह फिलहाल भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा है। शांत स्वभाव और ओपनर खिलाड़ी के तौर पर आक्रामक बल्लेबाजी उनकी पहचान है। गौरतलब है कि स्मृति मंधाना एकदिवसीय क्रिकेट में मिताली राज के बाद भारत के लिए दूसरी सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाने वाली खिलाड़ी है। हालांकि वर्तमान में वुमेंस प्रीमियर लीग में स्मृति का बल्ला बेशक सही नहीं चल रहा हो, लेकिन भारतीय टीम में इनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम श्रीनिवास मंधाना है, जो जिला स्तर पर क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके हैं।


स्मृति के पिता और भाई श्रवण दोनों ने महाराष्ट्र के जिला सांगली के लिए जिला स्तर पर क्रिकेट खेला है। एक बार अपने भाई को महाराष्ट्र अंडर-16 टूर्नामेंट में खेलते हुए देखकर स्मृति मंधाना ने भी क्रिकेट में ही अपना करियर बनाने की ठानी। एक इंटरव्यू में स्मृति मंधाना ने कहा कि मैं अपने भाई श्रवण मंधाना के साथ खेलने जाती थी। मैं उनकी नकल करती थी और उनके साथ बल्लेबाजी करती थी। इस तरह यह सब शुरू हुआ। मैंने अपने करियर के रूप में क्रिकेट को चुना। जब मैं 15 या 16 साल की थी तब मैंने महाराष्ट्र के लिए अपना पहला शतक बनाया था। मेरे सपने से ज्यादा यह मेरे परिवार का सपना था कि मैं भारत के लिए खेलूं।


स्मृति चिंतामनराव कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बैचलर ऑफ कॉमर्स की स्टूडेंट है। क्रिकेट खेलने केंकरण स्मृति को कई बार लोगों के तानों को झेलना पड़ा है। स्मृति मंधाना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरी मां चाहती थीं कि मैं क्रिकेट की जगह टेनिस खेलूं। बाद में उन्हें जब एहसास हुआ कि मेरे अंदर क्रिकेट को लेकर एक अलग तरह का जुनून है तो तब जाकर मेरी मां ने क्रिकेट को लेकर फैसला किया। इसके बाद मेरे माता-पिता पूरी तरह मेरे साथ रहे।


स्मृति मंधाना को समाज के तानों का भी सामना करना पड़ा। शुरू में लोग कहते थे कि लड़की है, दिन भर धूप में खेलेगी तो काली हो जाएगी और फिर इससे शादी कौन करेगा। राहुल द्रविड़ के गिफ्ट किए बैट से खेलती हैं मंधाना महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए स्मृति मंधाना ने गुजरात के खिलाफ वेस्ट जोन अंडर-19 टूर्नामेंट में 150 गेंदों में ही नाबाद 224 रन बनाए थे।


उस समय मंधाना की उम्र केवल 17 वर्ष थी। इस मैच में उन्होंने भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ द्वारा गिफ्ट किए गए बल्ले का इस्तेमाल किया था। मैच के बाद उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि जब से मैंने द्रविड़ सर के बल्ले से खेलना शुरू किया है, तब से मैं बहुत अच्छा स्कोर कर रही हूं। स्मृति ने बताया कि एक बार बैंगलोर दौरे के दौरान उनके भाई ने राहुल द्रविड़ को मेरे बारे में बताया था तब राहुल द्रविड़ ने मुझे अपना बल्ला उपहार में दिया और तब से मैं इससे खेल रही हूं।


क्रिकेट के शुरुआती दौर में स्मृति के खेल पर लोग मजाक उड़ाते थे। कहते थे कि भारत में महिलाओं का क्रिकेट कोई नहीं देखता और इसका कोई भविष्य नहीं है। लेकिन स्मृति ने इन बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और खेलना जारी रखा । 10 अप्रैल 2013 को 16 वर्षीय स्मृति मंधाना ने बांग्लादेश के खिलाफ अपने वनडे क्रिकेट का डेब्यू किया था। इस दौरान उन्होंने 35 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 25 रन बनाए थे।


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