👇
🌕 YouTube चैनल विवरण (Shard Purnima Puja Vidhi 6 October 2025)
जय श्रीकृष्ण 🙏
प्रिय दर्शकों, आप सभी का स्वागत है हमारे इस पवित्र चैनल पर जहाँ हम आपको लेकर आते हैं धार्मिक कथाएँ, व्रत-पूजन विधि, देवी-देवताओं की महिमा और शुभ मुहूर्तों की सम्पूर्ण जानकारी।
आज हम बात करेंगे शरद पूर्णिमा की — जो कि साल में केवल एक बार आती है और अत्यंत शुभ व पवित्र मानी जाती है।
6 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को शरद पूर्णिमा का यह पावन पर्व पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाएगा।
यह पूर्णिमा न केवल चंद्र दर्शन के लिए शुभ मानी जाती है बल्कि लक्ष्मी माता की आराधना, चंद्रमा की पूजा और खीर अर्पण से जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन स्वयं देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और जो भी भक्त इस रात पूजा, ध्यान, जप और भक्ति भाव से आराधना करता है, उसके घर में सदा लक्ष्मी का वास होता है।
🌼 शरद पूर्णिमा का महत्व
शास्त्रों में शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा गया है।
“को जागर्ति इति कोजागरी” अर्थात — "कौन जाग रहा है" — ऐसा कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि में भ्रमण करती हैं और देखती हैं कि कौन जाग रहा है, कौन उनका ध्यान कर रहा है।
जो व्यक्ति इस रात जागरण, भजन-कीर्तन और पूजन करता है, उसके घर में कभी धन की कमी नहीं रहती।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह दिन अत्यंत खास है क्योंकि इस रात चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी किरणों में अमृत तत्व पाया जाता है। इसीलिए इस दिन चाँदनी में रखी खीर को अमृत समान माना गया है।
🪔 शरद पूर्णिमा की पूजा विधि
प्रातः काल स्नान करें:
सूर्योदय से पहले शुद्ध होकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर की सफाई करें:
देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
दीपक जलाएँ:
घी का दीपक जलाकर पूजा की शुरुआत करें।
पूजन सामग्री तैयार करें:
रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीपक, मिठाई, खीर, तुलसी पत्ते, जल से भरा कलश, और एक साफ चौकी।
व्रत का संकल्प लें:
हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत का संकल्प करें —
“मम सर्वपापक्षयपूर्वक श्रीलक्ष्मीप्राप्त्यर्थं शरदपूर्णिमाव्रतं करिष्ये।”
लक्ष्मी पूजन करें:
श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें, रोली, फूल और चावल चढ़ाएँ।
भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें और माता लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करें।
चंद्रमा की पूजा:
रात को चाँद निकलने के बाद बालकनी या आँगन में खीर रखें और चाँद को अर्घ्य दें।
अर्घ्य देते समय मंत्र बोलें —
“ओम सोम सोमाय नमः”
फिर चाँद को नमन करें और आरती करें।
खीर का सेवन (प्रसाद):
खीर को रात भर चाँदनी में रखें और अगली सुबह परिवार सहित प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
🌸 इस दिन के नियम और सावधानियाँ
इस दिन भोजन में प्याज-लहसुन का प्रयोग न करें।
रात में जागरण करें और भगवान का नाम लेते रहें।
माता लक्ष्मी की आरती अवश्य करें।
दूसरों की सहायता करें — दान देना अत्यंत शुभ होता है।
खीर में तुलसी पत्ती डालना न भूलें — यह पवित्रता और आयु वृद्धि का प्रतीक है।
🕉️ शरद पूर्णिमा व्रत कथा
पुराणों के अनुसार, एक बार एक गरीब ब्राह्मणी थी जो बहुत धर्मपरायण थी। वह हर पूर्णिमा को व्रत रखती थी लेकिन एक दिन गलती से उसने व्रत तोड़ दिया। इसके परिणामस्वरूप उसका जीवन दुखों से भर गया। बाद में उसने ऋषियों के कहने पर शरद पूर्णिमा का व्रत किया और विधिवत पूजा की। कुछ ही दिनों में उसका जीवन बदल गया और उसके घर में धन-धान्य की वर्षा होने लगी।
इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से इस व्रत को करता है, उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
🌕 शरद पूर्णिमा के लाभ
लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है।
घर में धन, सौभाग्य और शांति का वास होता है।
रोगों से मुक्ति मिलती है।
चंद्रमा की अमृतमयी किरणें मन और शरीर को शुद्ध करती हैं।
वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
व्यापार और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
🌼 आध्यात्मिक रहस्य
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा और पृथ्वी के बीच ऐसी स्थिति बनती है जब उसकी किरणों से सकारात्मक ऊर्जा धरती पर उतरती है।
कहा जाता है कि इस रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास किया था। यह रात प्रेम, भक्ति और आत्मिक शुद्धता की प्रतीक मानी जाती है।
🌕 2025 में शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 6 अक्टूबर 2025, प्रातः 10:42 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 अक्टूबर 2025, प्रातः 08:18 बजे
चंद्र दर्शन: रात 08:15 बजे से मध्यरात्रि तक सबसे शुभ समय
🌼 मंत्र और आरती
लक्ष्मी माता मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
चंद्र देव मंत्र:
“ओम सोम सोमाय नमः।”
लक्ष्मी आरती:
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।।
🌺 निष्कर्ष
शरद पूर्णिमा का यह पवित्र पर्व केवल एक चंद्र दर्शन या खीर बनाने का दिन नहीं है — यह आत्मिक शांति, मानसिक संतुलन और भक्ति का संदेश देता है।
इस दिन की पूजा विधि का पालन करने से सुख, शांति, धन और आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है।
तो इस 6 अक्टूबर 2025 को, अपने घर में माँ लक्ष्मी का स्वागत करें, चाँद को अर्घ्य दें और इस अमृतमयी रात का आनंद लें।
🙏 जय माँ लक्ष्मी 🙏 जय श्री विष्णु 🙏 जय श्री कृष्ण 🙏
#SharadPurnima2025 #ShardPurnimaPujaVidhi #SharadPurnimaKatha #ShardPurnimaKabHai #KojagariPurnima2025 #LakshmiPuja2025 #ShardPurnimaKiKheer #PurnimaKeUpay #PurnimaPujaKaiseKare #SharadPurnimaKiMahima #ShardPurnimaDateAndTime #6October2025Purnima #HinduFestival2025 #ShardPurnimaNight #SharadPurnimaRituals #SharadPurnimaImportance #ChandraPuja #LakshmiMataPuja #ShardPurnimaFast #ShardPurnimaVrataKatha #ShardPurnimaSpecial #ShardPurnima2025Muhurat #ShardPurnimaKaMahattva #ShardPurnimaAarti #ShardPurnimaUpay #Shard
Информация по комментариям в разработке