ज़िंदगी की ठोकरें खा कर सीखो, या फिर ऐसे || आचार्य प्रशांत, गुरुगीता पर (2020)

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वीडियो जानकारी:
05.07.2020, गुरु पूर्णिमा संवाद, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत

प्रसंग:
शिवे रुष्टे गुरुस्त्राता गुरौ रुष्टे न कश्चन ।
लब्ध्वा कुलगुरुं सम्यग्गुरुमेव समाश्रयेत् ।।
यदि शिव जी नाराज हो जाए तो गुरुदेव बचाने वाले हैं, किन्तु यदि गुरुदेव नाराज़ हो जाए तो बचाने वाला कोई नहीं । अतः गुरुदेव को संप्राप्त करके सदा उनकी शरण में रहना चाहिए ।
~ श्री गुरुगीता (श्लोक ४४)

~ क्या गुरु शिव से भी बढ़कर हैं?
~ शिव कौन हैं?
~ शिव में और गुरु में क्या अंतर है?
~ शिष्य को गुरु पार कैसे लगाते हैं?
~ गुरु हमारे अंतर्मन की बात कैसे जान जाते हैं?
~ गुरु हमारी पीड़ा को कैसे जान जाते हैं?

संगीत: मिलिंद दाते
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