कानो में कुण्डल बाली धारण करने का वैज्ञानिक कारण Why Men Women Wear Earring in India

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|| जय चक्रधारी ||

कानों में यदि पुरुषो द्वारा कुण्डल धारण कर लिए जाये तो विरोध होने लगता है |
इसकी गहराई में जाने से पता चलता है, के यह लम्बे समय की योजना है, के कान में से कुण्डल हटा दो... इससे होता यह है - के वो सभी लाभ जो कर्ण छेदन से मिलते हैं, उससे व्यक्ति वंचित रह जाए |

आखिर यह योजना बनायीं किसने ??
यह योजना है अंग्रेज़ो की, बादमे इसे बढ़ावा दिया भारत में रह रहे काले अंग्रेज़ो ने...
भारतीय परंपरा अनुसार - कानों में छेद करने हेतु, जीवन में एक पूरा संस्कार बनाया गया है - जिसे कहते हैं - " कर्ण छेदन संस्कार " | इसका उल्लेख हैं - हमारे जीवन यापन के 16 संस्कारों में | अब सोचिये के यह कितना महत्वपूर्ण हैं |

इसका संज्ञान मुझे हुआ - गरुड़ पुराण पढ़ने पर, के कानों में छेद एक जीवन में कितना महत्वपूर्ण हैं |

इससे निम्नलिखित लाभ होते हैं -

स्मरण शक्ति का प्रबल होना |
मस्तिष्क में रक्त संचार का सामान्य होना |
बुध गृह का मजबूत होकर - वाणी पर संयम आना |
एकाग्रचित्तता का बढ़ना |
प्रदर्शन शक्ति का सुदृढ़ होना |
पाचन शक्ति का मजबूत होना |

वही स्त्रियों में - यह संस्कार - कान और नाक दोनों में छेद कर पूर्ण किया जाता है |
नासिका छेदन से - स्त्रीगत समस्याओ में उन्हें बहुत लाभ मिलता है |

इतनी वैज्ञानिक धरोहर है हमारे पास, हम सभी को उसका पूर्ण लाभ लेना चाहिए |

आप सोचेंगे यह सब कैसे ?? तो उत्तर यही हैं, के कानों में ही वो अकुपंक्चर के बिंदु होते हैं जो इन सब में सहायता करता हैं | यह खोज कुछ ही दिन पहले अंग्रेज़ो ने की हैं | और यहाँ हमारे देश के ऋषियों ने, इसे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया हुआ हैं |

और हम आपस में विरोध कर -- निचा देखने के लिए - कान छिदे व्यक्ति को गंवार कह बैठते हैं |

गंवार - वास्तव में गाँव में रहने वालो को कहा गया हैं | जो पढ़े लिखे शहरियों से बहुत ऊँचे पायदान पर आते हैं |
आपकी संस्कृति को यदि किसीने बचा रखा है तो वे यही हैं |
आपसी प्रेम, वाणी में मिठास, अतिथि देवो भवः का पूर्ण स्वरुप आज भी गाँवों में ही विद्यमान है |

क्या है शहरों में -
झूठ, पाखंड, धोखा, षड़यंत्र, शत्रुता, ईर्ष्या | और क्या... |

इस लेख को पढ़ थोड़ी भी चेतना आयी हो, तो आज से अपनी संस्कृति का सम्मान करना सीखिए | आप इतने सौभाग्यशाली हैं के आपने भारत भूमि पर जन्म लिया है |

कुछ वर्षों से - संसार के हर कोने से हमारे भारत भाइयो का लगातार फ़ोन आता है कई प्रकार की समस्याओ के निदान हेतु... वे यह कहते कहते नहीं थकते के - भारत में जीवन ही सबसे बड़ा सुख और सबसे बड़ा सौभाग्य है |

कही देर न हो जाए के आपमें भी ऐसी बीते और आप कुछ न कर पाएं |

|| ॐ का झंडा ऊँचा रहे ||

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