नालंदा विश्वविद्यालय 🇮🇳 - दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय 🎓 | Ashwat 2I #nalanda #bihar
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🎬 वीडियो स्क्रिप्ट: "नालंदा विश्वविद्यालय - दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय"
📌 स्क्रिप्ट टोन: शुद्ध हिंदी, रोचक, ज्ञानवर्धक, YouTube दर्शकों के अनुकूल
🕒 वीडियो लंबाई: लगभग 3.44 Sec
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🎙️**[INTRO | Music + Ancient Temple Visuals]**
Narrator/Voiceover:
क्या आप जानते हैं?
भारत में एक ऐसा विश्वविद्यालय था जहाँ पूरी दुनिया से छात्र पढ़ने आते थे — वो भी 1500 साल पहले!
हम बात कर रहे हैं — नालंदा विश्वविद्यालय की।
एक ऐसा ज्ञान मंदिर, जिसने पूरी दुनिया को शिक्षा और बुद्धि का मार्ग दिखाया।
चलिए, चलते हैं इतिहास की उस स्वर्णिम गली में... जहाँ से शुरू होती है नालंदा की गाथा।
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🎙️**[PART 1 – स्थापना और गौरवशाली इतिहास]**
Voiceover:
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी 5वीं शताब्दी ईस्वी (427 AD) में, गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम के शासनकाल में।
यह विश्वविद्यालय बिहार के राजगीर और पटना के बीच स्थित था, और यह कोई साधारण शिक्षा केंद्र नहीं था —
बल्कि यह था विश्व का पहला आवासीय विश्वविद्यालय!
यहाँ पढ़ते थे 10,000 छात्र, और पढ़ाते थे 2,000 से अधिक आचार्य और विद्वान।
यहाँ तिब्बत, चीन, जापान, श्रीलंका, कोरिया, खुरासान (ईरान) से भी विद्यार्थी आते थे।
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🎙️**[PART 2 – पढ़ाई क्या होती थी?]**
Voiceover:
नालंदा में सिर्फ धर्म ही नहीं, बल्कि
📚 गणित,
📜 व्याकरण,
🧠 तर्कशास्त्र,
🩺 आयुर्वेद,
🌌 खगोलशास्त्र,
और यहाँ तक कि धातु विज्ञान भी पढ़ाया जाता था।
यहाँ का प्रवेश इतना कठिन था कि एक छात्र को पहले विद्वानों की एक सभा में वाद-विवाद कर के अपनी योग्यता साबित करनी होती थी।
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🎙️**[PART 3 – लाइब्रेरी और विश्व प्रसिद्ध यात्री]**
Voiceover:
नालंदा की सबसे बड़ी खासियत थी इसकी लाइब्रेरी —
जिसका नाम था धर्मगंज।
इसमें लाखों ताड़पत्रों की पांडुलिपियाँ थीं।
तीन भवनों में फैली यह लाइब्रेरी —
🔹 रत्नसागर
🔹 रत्नोद्धि
🔹 रत्नरंजन —
इतनी विशाल थी कि कहा जाता है, इसे जलने में महीनों लग गए।
चीनी यात्री ह्वेनसांग (Xuanzang) और ई-चिंग (Yijing) ने नालंदा में वर्षों तक अध्ययन किया और विश्वभर को इसके गौरव का वर्णन किया।
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🎙️**[PART 4 – विनाश की त्रासदी]**
Voiceover:
लेकिन हर स्वर्णिम युग को एक काला दिन देखना पड़ता है...
1193 ईस्वी में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने नालंदा पर हमला किया।
हजारों भिक्षुओं की हत्या कर दी गई, और धर्मगंज को जला दिया गया।
कहते हैं, वो पांडुलिपियाँ 6 महीने तक जलती रहीं... और साथ ही जल गया भारत का ज्ञान का एक अमूल्य कोना।
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🎙️**[PART 5 – पुनर्जन्म और आज का नालंदा]**
Voiceover:
आज भी नालंदा के खंडहर, UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट हैं।
और साल 2016 में भारत सरकार ने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित किया — एक आधुनिक, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में।
नया नालंदा अब फिर से दुनिया के विद्यार्थियों को जोड़ रहा है — उसी आत्मा, उसी परंपरा, और उसी विचार के साथ।
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🎙️**[OUTRO – संगीत के साथ अंत]**
Voiceover:
नालंदा सिर्फ एक विश्वविद्यालय नहीं था —
वो था भारत का ज्ञान-सागर,
एक ऐसी जगह जहाँ से शुरू हुआ था दुनिया को रोशन करने का सफर।
अगर आप भी गर्व महसूस करते हैं हमारे इस गौरवशाली अतीत पर —
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जय हिंद। जय ज्ञान।
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