"Stories of Lord Ram, The Sacred Tale of Ramayana | DigitalRahul"

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1. Divine stories and Ramayana episodes
2. Inspiring tales of Lord Ram and Sita
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5. Complete Ramayana story in simple language

ॐ श्री महा गणाधि पते नमः
ॐ श्री उमामहेश्वरा भ्या नमः

वाल्मीकि गुरुदेव के
कर पंकज तीर नाम

सुमिरे मात सरस्वती
हम पर हो हु सहाय

मात पिता की वंदना
करते बारंबार

गुरुजन राजा प्रजाजन
नमन करो स्वीकार

हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की

जंबू द्वीपे, भरत खंडे, आर्यावरते
भारत वर्षे एक नगरी है
विख्यात अयोध्या नाम की

यही जन्म भूमि है परम पूज्य श्री राम की
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की

चक्रवर्ती दशरथ पुण्यात्मा
संतति हेतु यज्ञ करवाया
धर्म यज्ञ का शुभफल पाया

नृप घर जन्मे चार कुमारा
रघुकुल दीप जगत आधारा

चारों भ्रातो के शुभ नामा
भरत शत्रुग्न लक्ष्मण रामा

गुरु वशीष्ठ के गुरुकुल जाके
अल्प काल विद्या सब पाके

पुरन हुई शिक्षा, रघुवर पुरन काम की
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की

रोचक प्रस्तुति ढंग
एक एक कर वर्णन करे
लव कुश राम प्रसंग

विश्वामित्र महामुनि राई
इनके संग चले दो भाई

कैसे राम तड़का मायी
कैसे नाथ अहिल्या तारी

मुनिवर विश्वामित्र तब
संग ले लक्ष्मण राम
सिया स्वयंवर देखने
पहुंचे मिथिला धाम

जनकपुर उत्सव है भारी
जनकपुर उत्सव है भारी

अपने वर का चयन करेगी
सीता सुकुमारी

जनकपुर उत्सव है भारी
सुनो सुनो सब कोई
जो तोड़े शिव धनुष को
सो सीता पति होई

जो तोड़े शिव धनुष कठोर
सब की दृष्टि राम की ओर
राम विनयगुण के अवतार
गुरुवर की आज्ञा सिरद्धार

सेहेज भाव से शिव धनु तोड़ा
जनक सुता संग नाता जोड़ा
सीता की समता नहीं होई
जो करे पराजित कान्ति कोटी रति काम की

हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की
ये रामायण है पुण्य कथा सिया राम की

मंत्रमुग्ध भए सब नर-नारी
यों दिन रैन जात है बीते
लव कुश ने सब के मन जीते

वन गमन, सीता हरण, हनुमत मिलन
लंका दहन, रावण मरण, अयोध्या पुनरागमन

सब विस्तार कथा सुनाई
राजा राम भए रघुराई
सुख समृद्धि श्री घर घर आई

ऐसा चक्र चलाया
राम सिया के जीवन में फिर
घोर अंधेरा छाया
अवध में ऐसा, ऐसा ऐक दिन आया

निष्कलंक सीता पे प्रजा ने
मिथ्या दोष लगाया

अवध में ऐसा, ऐसा ऐक दिन आया
सब स्नेह-नाते मोह के

पाषाण हृदयो में ना
अंगारे जगे विद्रोह के
ममतामयी माओं के

आँचल भी सिमट कर रह गए
गुरुदेव ज्ञान और नीति के

सागर भी घट कर रह गए
कोई ना सिया का हुआ सहायक

मानवता को खो बैठे जब
सभ्य नगर के वासी
तब सीता को हुआ सहायक
वन का एक सन्यासी

वाल्मीकि शुभ नाम
सीता को आश्रय दिया
ले आए निज धाम
राम के दो सूत सियने जाये

राजा रानी हो के दिन वन में बिताती हैं
रहती थी घेरी जिसे दास-दासी आठो यम
दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है

धरम प्रवीन सती परम कुलिन सब
विधि दोशहीन जीना दुख में सिखाती हैं
जगमाता हरी-प्रिय लक्ष्मी स्वरूपा सिया
कूटती है धान, भोज स्वयं बनाती है

कर्म लिखेको पर काट नहीं पाती है
फूल भी उठाना भारी जिस सुकुमारी को था

दुख भरी जीवन का बोझ वो उठाती है
अर्धांगी ने रघुवीर की वो धर धीर
भरती है नीर-नीर, जल में नेहलाती है

जिसके प्रजा के अपवादों कुचक्र में
वो पीसती है चक्की, स्वाभिमान बचाती है
स्वाभिमानी स्वावलंबी सफल बनाती हैं

निष्ठुर नियति को दया भी नहीं आती है

ओ… उस दुखिया के राज-दुलारे
हम ही सूत श्री राम तुम्हारे

ओ सीता माँ की आँख के तारे ऐ
लव-कुश है पितु नाम हमारे

हे पितु भाग्य हमारे जागे
राम कथा कही राम के आगे
लव कुश यह नहीं जानते थे कि राम ही उनके पिता है परन्तु माँ सीता लव और कुश को राम के बारे में इस गीत में बताती हैं। और वही गीत लव कुश राम के सम्मुख सुनाते है.
यह गीत आप कह सकते है पुरे रामायण का सार है, जिसमे राम जी के बचपन के राज पाट से लेकर वनवास, हनुमान मिलन, सीता माँ की खोज, रावण वध , अयोध्या का दीपावली यह सब सम्मिलित है|

रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है। इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।

निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
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