शीतला माता का अद्भुत मंत्र - 108 बार | SS Vastu & Tips

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इस मंत्र से शीतला माता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

‘वन्देहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम।
मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम॥’

इस श्लोक का अर्थ है- गर्दभ (गधा) पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाड़ और कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की मैं वंदना करता हूं।

इसके अलावा शीतला अष्टमी के दिन ‘शीतला: तू जगतमाता, शीतला: तू जगतपिता, शीतला: तू जगदात्री, शीतला: नमो नम:॥’ इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।

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