जाहरवीर चालीसा I Jaharveer Goga Ji Chalisa with Lyrics I जय जय जय जाहर रणधीरा I Arun Prajapati
Singer - Arun Prajapati 
Lyrics - Traditional
Music Composer - Dayanand Prajapati
Music Arranger - Tarun Arun Prajapati  
Video - Pramod Sharma
Presented By - KIRTAN YUG
© Copyright: Kirtan Yug
Label:- Kirtan Yug 
#JaharveerChalisa
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दोहा 
सुवन केहरी जेवर सुत , महाबली रणधीर 
बंदौ सुत रानी बाछला , विपत निवारण वीर 
जय जय जय चौहान वंश , गोगा वीर अनूप 
अनंग पाल को जीतकर , आप बने सुर भूप 
चौपाई 
जय जय जय जाहर रणधीरा , पर दुख भंजन बागड़ वीरा 
गुरु गोरख का है वरदानी , जाहरवीर जोधा लासानी 
गौरवरण मुख महाविशाला , माथे मुकुट घुँघराले बाला 
काँधे धनुष गले तुलसी माला , कमर कृपाण रक्षा को डाला 
जन्मे गोगावीर जग जाना , ईस्वी सन हजार दरमियाना 
बल सागर गुण निधि कुमारा , दुखी जनों का बना सहारा 
बागड़ पति बाछल नन्दन , जेवर सुत हरि भक्त निकन्दन
जेवर राव के पुत्र कहाये , माता पिता के नाम बढ़ाये 
पूरण हुई कामना सारी , जिसने विनती करी तुम्हारी 
संत उबार असुर संहारे , भक्त जनों के काज सँवारे 
गोगावीर की अजब कहानी , जिसको ब्याही सिरियल रानी  
बाछल रानी जेवर राणा , महादुखी थे बिन संताना
भंगिन ने जब बोली मारी , जीवन हो गया उनको भारी 
सूखा बाग पड़ा नौ लक्खा , देख देख जग को मन दुखा 
कुछ दिन पीछे साधु आये , चेला चेली संग में लाये 
जेवर राव ने कुआ बनवाया , उदघाटन जब करना चाहा  
खारी नीर कूप से निकला , राजा रानी का मन पिघला 
रानी तब ज्योतिष बुलवाये , कौन पाप हम पुत्र ना पाये 
कोई उपाय हमें बताओ , उन कहा गोरख गुरु मनाओ 
गुरु गोरख जो खुश हो जाये , संतान पाना मुश्किल नाये 
बाछल रानी गोरख गुण गावे , नेम धर्म को ना बिसरावे 
करती तपस्या दिन और राती , एक वक़्त खाये रूखी चपाती 
कार्तिक मास में करे स्नाना , व्रत एकादशी ना ही भूलाना 
पूर्णमासी व्रत नहीं छोड़े , दान पुण्य से मुख नहीं मोड़े 
चेलों के संग गोरख आये , नौलख में तम्बू तनवाये 
मीठा नीर कूप का कीना , सूखा बाग हरा कर दीना 
मेवा फल सब साधु खाये , अपने गुरु के गुण को गाये 
औघड़ भिक्षा मांगने आये , बाछल रानी दुखड़े सुनाये 
औघड़ जान लियो मनमाही , तप बल से कुछ मुश्किल नाही 
रानी होवे मंशा पूरी , गुरु शरण है बहुत ज़रूरी 
बारह बरस जपा गुरु नामा , तब गोरख ने मन में जाना 
पुत्र देन की हामी भर ली , पूरणमासी निश्चय कर ली 
काछल कपटिन गजब गुजारा , धोखा गुरु संग किया करारा 
बाछल बनकर पुत्र है पाया , बहन का दर्द ज़रा नहीं आया 
औघड़ गुरु को भेद बताया , तब बाछल ने गूगल पाया 
कर प्रसादी दिया गूगल दाना , अब तुम पुत्र जनो मर्दाना 
नीली घोड़ी और पंडितानी , लूना दासी ने भी जानी 
रानी गूगल बाँट के खाई , सब बांझो को मिली है दवाई 
नरसिंह पंडित नीला घोड़ा , कोतवाल भज्जु जना रणधीरा 
रूप विकट धर सब ही डरावै , जाहरवीर के मन को भावै 
भादों कृष्ण जब नोमी आई , जेवर राव के बाजी बधाई 
विवाह हुआ गोगा भये राणा , संगल दीप में बने मेहमाना 
रानी सिरियल संग फिरे फेरे , जाहर राज बागड़ का करे रे 
अरजन सरजन काछल जने , गोगावीर से रहे वो तने  
दिल्ली गये लड़ने के काजा , अनंगपाल जो चढ़े महाराजा 
उसने घेरी बागड़ सारी , जाहरवीर ना हिम्मत हारी 
अरजन सरजन जान से मारे , अनंगपाल ने शस्त्र ही डारे 
चरण पकड़कर पिंड छुड़ाया , सिंह भवन मांडी बनवाया 
उसमे ही गोगावीर समाये , गोरख टीला धूनी रमाये 
पुण्यवान सेवक वहाँ आये , तन मन धन से सेवा लाये 
मनसा पूरी उनकी होई , गोगावीर को सुमिरे जोई 
चालीस दिन पढे जो जाहर चालीसा , सारे कष्ट हरे जगदीशा 
दूध पूत उन को दे विधाता , कृपा करे गुरु गोरखनाथा
                         
                    
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