दोस्तों आयुर्वेद में परिवार नियोजन के बहुत से नियम बताये गए है जिसका पालन हमारे ऋषि मुनियों ने किया और फिर ये नियम बनाये. इन नियमों में इतनी गहरी जानकारी है कि संतान बेटा होगा या बेटी वो सब भी आपके हाथ में है.
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/ @rajivdixitjiofficial
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Rajiv Dixit was an Indian Orator. He started social movements in order to spread awareness on topics of Indian national interest through the Swadeshi Movement, Azadi Bachao Movement and various other works. He served as the National Secretary of Bharat Swabhiman Movement he was also founder of Bharat Swabhimaan Movement. He was a strong believer and preacher of Bharatiyata. He had also worked for spreading awareness about Indian history, Indian constitution and Indian economic policies. He was also Indian scientist and very few people know that he has worked with APJ Abdul Kalam. Being a Scientist he could have enjoyed his life very well in USA or UK but he sacrificed his life to bring awareness among the People against Black money, Loot of Multinational Companies, Corruptions, Benefits of Indian made items and Ayurveda. He was struggling past 20 years against multinational companies and wants to protect Indian freedom.
तेजस्वी संताप प्राप्ति हेतु समागम करने के लिए आदर्श दिन:
– पत्नी का मासिक शुरू होने वाले दिन से 10 दिन बाद और 18 दिन पहले, इस बीच का जो 7 दिन है वो संतान प्राप्ति के लिए सबसे अच्छा समय है. तेजस्वी और गुणी संतान होगी.
– इसमे 2 तरह के दिन आएँगे सम और विशॅम; जैसे 10 सम, 11 विषम, 12 सम, 13 विषम…. आदि; यदि सम दिन मे समागम करेंगे तो 99% पुत्र होगा, और विषम वाले दिन संसर्ग करेंगे तो पुत्री होगी. महिलाओं मे X और X गुण सूत्र होते हैं, और पुरुषों मे X और Y होते हैं, सम वाले दिन, Y अधिक सक्रिय हो जाता है, तब Y और X मिल कर पुत्र होते हैं, विषम दिन X सक्रिय होता है तो X और X मिल कर पुत्री होती है.
शुकलपक्ष के दिनो मे समागम करने से पुत्र या पुत्री 99% प्रतापी, तेजस्वी, लड़ने भिड़ने वाले होंगे, कृष्नपक्ष मे अच्छे साहित्यकार, वैग्यानिक, डॉक्टर्स, इंजिनीयर्स, सीए होंगे.
– छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप, भगत सिंग, उधम सिंग, आज़ाद. ये सब शुकलपक्ष वाले हैं. शुकलपक्ष माने चंद्रमा लगातार बढ़ता हुआ होता है.
– न्यूटेन, गगदीश चंद्रा खुराना, जगदीश चंद्र बोस आदि, सब कृष्नपक्ष वाले हैं.
– चंद्रमा के शरीर पर पड़ने वाली ऊर्जा का सब चक्कर है, आप जानते हैं कृष्णपाक्ष मे चंद्रमा नही होता और शुकलपक्ष मे चंद्रमा बहुत तीव्र होता है. चंद्रमा का प्रकाश अपना नही है. वो सूर्य से आता है, शुकलपक्ष मे सूर्य की तीव्रता है, तो सूर्य का तेज आता है संतानों मे.
– कृष्णपाक्ष मे सूर्य का प्रताप नही है तो वो दिमाग़ वाली संतान होंगी.
– अगर आप 2 बच्चे कर रहे हैं तो इस प्रकार नियोजन करें की एक संतान शुकलपक्ष की और एक संतान कृष्णपाक्ष की.
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