MAGNETIC FIELD DUE TO SOLONOID||धारावाही परिनालिका के कारण चुम्बकीय क्षेत्र ||

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परिनालिका (Solenoid) एक त्रिविमीय (three-dimensional) कुण्डली (coil) होती है, जिसमें तार को स्प्रिंग की भांति लपेटा जाता है। जब इस तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो यह एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है

मुख्य बिंदु:

संरचना: परिनालिका में तार किसी बेलनाकार आधार पर लिपटा होता है, जो प्लास्टिक या किसी अन्य अचुंबकीय पदार्थ का हो सकता है1.
चुंबकीय क्षेत्र: परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र समान रहता है और बाहर जाते ही तेजी से शून्य हो जाता है1.
उपयोग: परिनालिकाएँ विद्युतचुंबकों की तरह प्रयोग की जा सकती हैं और नियंत्रित चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने में सहायक होती हैं2.
क्रॉस (×) और डॉट (•) का उपयोग चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को दर्शाने के लिए किया जाता है:

डॉट (•): यह दर्शाता है कि चुंबकीय क्षेत्र या धारा आपके सामने की ओर आ रही है, जैसे कि तीर की नोक आपकी ओर आ रही हो।
क्रॉस (×): यह दर्शाता है कि चुंबकीय क्षेत्र या धारा आपसे दूर जा रही है, जैसे कि तीर की नोक आपसे दूर जा रही हो।

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