दोस्तों ज्योतिष मे नवमान्स कुंडली का बडा महत्व है,क्योंकि की इसी से,ग्रहों के स्ट्रेंगथ या बल का पता चलता है ,कोई भी ग्रह, जो लग्न चंद्र या कालपुरुष की कुंडली मे, जितने बलि दिखाई देते हैं ,वो वाकई मे उतने बलि हैं या नहीं ,ये नवमान्स कुंडली से देखा जाता है ,इसीलिए कोई ग्रह लग्न या चंद्र कुंडली मे उच्च का है, और नवमानक्ष कुंडली मे नीच का हो जाता है ,तो उस ग्रह को उच्च की तरह नहीं देखा जाता ,और कोई ग्रह लग्न कुंडली मे नीच का है ,और नवमानक्ष कुंडली मे उच्च का हो जाता है, तो उसे कमजोर नहीं माना जाता नीच की तरह नहीं देखा जाता ,यानि की नवमान्स कुंडली मे ग्रहों का जो बल है, उसको ज्यादा महत्व दिया जाता है, न की जन्म कुंडली के बल को दोस्तों इसिलए ज्योतिष शास्त्र मे भविष्य कथन के लिए या कुंडली देखने के लिए एक नहीं अनेक प्रकार की कुंडलियाँ बनाई जाती है जैसे लग्न कुंडली,चंद्र कुंडली,कालपुरुष की कुंडली,नवमान्स कुंडली,वर्ग कुंडली, प्रश्न कुंडली,सभी कुंडली का अलग अलग रोल है कुंडली प्रीडिक्शन मे, इसमें किसी भी कुंडली के महत्व को आप कम नहीं आंक सकते ,क्योंकि सिर्फ लग्न या चंद्र कुंडली से सभी चीजों का अध्ययन और सभी फल निकालना संभव ही नहीं है हर कुंडली का एक विशेष महत्व है इसीलिए इनका निर्माण भी हुआ है,अक्सर आप ये महसूस करेंगे की अगर आप सिर्फ लग्न या चंद्र कुंडली से प्रीडिक्शन करते हैं तो जो फल आप निकालते हैं उसमें कुछ खामियाँ रह जाती हैं या वो कभी कभी गलत भी साबित हो जाते हैं इसका कारण ये है की बाकी कुंडलियों का भी काफी महत्व होता है लग्न,चंद्र और कालपुरुष की कुंडली से बैसिक्ली हमारे कुंडली मे किस किस प्रकार के योग बन रहे हैं उसको देखा जाता है कोई भी योग अगर इन तीनों कुंडली मे बन रहा है तभी हम ज्यादा दावे के साथ कह सकते हैं की वो घटना व्यक्ति के साथ घटने की ज्यादा संभावना है कोई योग लग्न कुंडली मे तो बन रहा है लेकिन उस योग को चंद्र और कालपुरुष की कुंडली सपोर्ट नहीं कर रहे हैं तो उस योग के जीवन में घटित होने की संभावना कम ही होती है 16 प्रकार की वर्ग कुंडलियों से जीवन के अलग अलग क्षेत्रों जैसे विवाह धन, शिक्षा ,संतान और कैरियर का गहराई से अध्ययन किया जाता है वर्ग कुंडली से ग्रह किस भाव के क्या फल देंगे ये भी देखा जाता है दोस्तों इसी कड़ी मे आज हम बात करने वाले हैं प्रश्न कुंडली के बारे मे प्रश्न कुंडली का कुंडली प्रीडिक्शन मे कितना और क्या रोल होता है दोस्तों सबसे पहले सोचिए की प्रश्न कुंडली का नाम प्रश्न कुंडली ही क्यों रखा गया है ,आखिर इस नाम के पीछे कुछ तो कारण होगा क्योंकि हमारे ऋषियों ने ज्योतिष मे बिना किसी मतलब या आधार के किसी चीज को किसी से नहीं जोड़ा,ज्योतिष मे हर symbol और नाम के पीछे कुछ न कुछ लॉजिक है कारण है जैसे उन्होंने बैल को वृषभ राशि के साथ जोड़ा क्यों की वृषभ राशि वाले बैल की तरह मेहनती होते हैं मेहनत करने से थकते नहीं हैं मछली को मीन राशि के साथ जोड़ा क्यों की मीन राशि वाले का स्वभाव भी मछली की तरह बहुत ही चंचल होता है,सिंह राशि को शेर से जोड़ा क्योंकि सिंह राशि भी शेर की तरह सब पर राज करना चाहते हैं शेर की तरह सब के ऊपर अपना अधिकार चाहते हैं इसी तरह नक्षत्रों को भी किसी न किसी सिम्बल से जोड़ा जिसके पीछे भी परफेक्ट रीज़न थे ऐसे ही प्रश्न कुंडली के साथ प्रश्न को जोड़ा इसका मतलब है की प्रश्न कुंडली मे प्रश्न से सबंधित गहरा रहस्य छुपा है ,जी हाँ दोस्तों प्रश्न कुंडली के साथ प्रश्न इसलिए जोड़ा गया है क्यों के ये कुंडली प्रश्नों के जवाब देने के लिए बनी है प्रश्न कुंडली ज्योतिष शास्त्र की एक ऐसी शाखा है जिससे किसी भी प्रश्न का जवाब तुरंत निकलता है प्रश्न कुंडली का विशेष महत्व तब होता है जब हमारे पास किसी चीज के एक से अधिक विकल्प होते हैं और हमें उनमें से किसी एक विकल्प को चुनना होता है जब हमारे पास एक से अधिक विकल्प होते हैं तो हम दुविधा मे होते हैं की क्या करें और क्या न करें जैसे आपको विवाह का प्रस्ताव दो या तीन जगह से है और सभी प्रस्ताव लाजवाब हैं ऐसे मे हम दुविधा मे होते हैं की कीसे चुनें और कीसे रिजेक्ट करें किसी रिश्ते मे कुछ अच्छा होता है किसी मे कुछ किसी का जॉब अच्छा होता है तो किसी का नेचर किसी का फॅमिली बैक ग्राउन्ड अच्छा होता है तो कोई दिखने मे अच्छा होता है किस लड़के या लड़की से विवाह करना अच्छा रहेगा ये चुनना आसान नहीं होता ऐसे ही अगर आपके पास जॉब या नौकरी केऑफर भी एक से अधिक हैं उसमें से भी किसी एक को या बेस्ट को चुनना कठिन होता है यहाँ प्रश्न कुंडली हमारी मदद करती है
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