बच्चों के लिए छोटी हिंदी कहानी — पिंटू और मिठू का मस्ती भरा स्कूल
एक समय की बात है, एक छोटे से शहर में पिंटू नाम का एक लड़का रहता था। पिंटू को खेलने-कूदने, पतंग उड़ाने और टीवी देखने का बहुत शौक था। पर उसे किताबों से बिल्कुल प्यार नहीं था। जैसे ही पढ़ाई की बात आती, पिंटू के पेट में गुदगुदी होने लगती, और फिर नींद आ जाती। उसकी मम्मी बहुत परेशान थीं। वह कहतीं, "पिंटू, थोड़ा पढ़ ले!" पर पिंटू बहाने बनाता, "मम्मी, मेरे पेट में तितलियाँ उड़ रही हैं!" या "मेरा दिमाग आज छुट्टी पर है!"
एक दिन, मम्मी ने पिंटू को गणित की किताब पकड़ाई और बोलीं, "जब तक यह अध्याय खत्म न हो, टीवी नहीं!" पिंटू का चेहरा लटक गया। उसे लगा जैसे दुनिया खत्म हो गई हो। उसने किताब पकड़ी और धीरे-धीरे अपने कमरे से बाहर निकला। उसे लगा कि वह किसी जादुई तरीके से गायब हो जाए।
पिंटू अपनी बालकनी में आकर बैठ गया। सामने हरा-भरा बगीचा था। अचानक, उसने एक तोते को देखा। वह तोता बहुत रंगीन था। उसके पंख हरे, नीले और पीले थे। तोता एक आम के पेड़ पर बैठा कुछ खा रहा था। पिंटू को उसे देखकर थोड़ी खुशी हुई।
तोते ने आम का एक टुकड़ा नीचे गिराया। पिंटू को हंसी आ गई। "अरे, तुम कितने अनाड़ी हो!" पिंटू ने धीरे से कहा। अचानक, तोता बोला, "अनाड़ी मैं नहीं, अनाड़ी तो तुम हो! किताबों से भागते रहते हो!" पिंटू चौंक गया। उसने अपनी आँखें मलीं। क्या उसने सच में सुना? एक तोता बात कर रहा था!
पिंटू अपनी जगह से कूद पड़ा। "तुम... तुम बोल सकते हो?" उसने हकलाते हुए पूछा। तोता इतराते हुए बोला, "हाँ, मेरा नाम मिठू है। और मैं सिर्फ बोलता ही नहीं, मैं तो बहुत कुछ जानता हूँ! पर तुम, तुम तो बस सुस्त पड़े रहते हो।" पिंटू ने कभी ऐसा तोता नहीं देखा था। यह तोता तो बहुत मजेदार था!
पिंटू धीरे से मिठू के पास आया। "अच्छा मिठू, क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?" पिंटू ने पूछा। मिठू ने अपनी गर्दन टेढ़ी की, "दोस्त? हाँ, बन सकता हूँ। पर तुम्हें मेरी बात माननी पड़ेगी।" पिंटू ने सिर हिलाया। "ठीक है, ठीक है। बताओ, क्या करना होगा?" मिठू मुस्कुराया। उसकी आँखें चमक उठीं।
मिठू ने कहा, "ठीक है, आज से मैं तुम्हारा पढ़ाई का दोस्त हूँ। तुम्हें रोज थोड़ा पढ़ना होगा। और अगर तुम अच्छे से पढ़ोगे, तो मैं तुम्हें एक जादू दिखाऊँगा।" पिंटू को जादू शब्द बहुत पसंद आया। "कैसा जादू?" उसने उत्सुकता से पूछा।
मिठू ने आँख मारी, "वह जादू तो तुम्हें बाद में पता चलेगा। पहले गणित की किताब खोलो!" पिंटू ने मन मारकर किताब खोली। मिठू उसकी बगल में आकर बैठ गया। उसने पढ़ना शुरू किया। "दो गुना एक... दो!" मिठू ने जोर से कहा। पिंटू हैरान था। यह तोता तो सच में अलग था!
मिठू ने पिंटू से सवाल पूछे। जब पिंटू सही जवाब देता, तो मिठू खुशी से चहकता। और जब गलत जवाब देता, तो मिठू कहता, "फिर से कोशिश करो, आलसी!" धीरे-धीरे पिंटू को लगा कि गणित इतना भी मुश्किल नहीं था। मिठू के साथ उसे हंसी आती थी।
एक दिन, पिंटू ने एक मुश्किल सवाल का सही जवाब दिया। मिठू खुशी से झूम उठा। "शाबाश! अब देखो मेरा जादू!" मिठू ने अपनी आँखें बंद कीं और "चिक्की-बिक्की, भूक लगी!" बोला। अचानक, पिंटू के हाथ में एक गरम-गरम समोसा आ गया! पिंटू की आँखें फटी रह गईं। "मिठू, यह कैसे हुआ?"
मिठू ने समोसे को देखकर अपनी चोंच चटकारी। "यह मेरा पढ़ाई का इनाम है! पर सिर्फ पढ़ाई के बाद!" पिंटू खुशी से समोसा खा गया। अब उसे पढ़ाई में मजा आने लगा था। उसे पता था कि सही जवाब देने पर उसे कोई न कोई स्वादिष्ट चीज मिलेगी। कभी समोसा, कभी लड्डू, कभी जलेबी!
पिंटू की मम्मी ने देखा कि पिंटू अब खुद ही किताब खोलकर बैठ जाता है। वह हैरान थीं। उन्हें लगा कि शायद पिंटू को कोई भूत लगा है! एक दिन उन्होंने देखा कि पिंटू जोर-जोर से गणित के सवाल हल कर रहा है, और बगल में एक समोसे का टुकड़ा पड़ा है। पर कोई समोसा बनाने वाला नहीं था!
मम्मी ने छिपकर देखा। उन्होंने देखा कि मिठू पिंटू से सवाल पूछ रहा था, और जब पिंटू ने सही जवाब दिया, तो मिठू ने अपनी जादुई बोली बोली, और एक गरमा-गरम जलेबी प्रकट हो गई! मम्मी अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर पा रही थीं। वह खुशी से झूम उठीं। उनका बेटा अब पढ़ रहा था!
मम्मी पिंटू के पास आईं। "पिंटू, यह मिठू तो कमाल का है!" पिंटू थोड़ा शरमा गया। "हाँ मम्मी, अब पढ़ाई बहुत मजेदार हो गई है।" मिठू ने अपनी गर्दन टेढ़ी की और मम्मी को देखकर बोला, "आंटी, अब पिंटू को परेशान मत करना, यह अब मेरा स्टूडेंट है!" मम्मी और पिंटू दोनों हंस पड़े।
मिठू सिर्फ खाने-पीने का जादू ही नहीं करता था। वह पिंटू को कहानियां सुनाता, उसे मुश्किल शब्दों का मतलब समझाता, और यहाँ तक कि उसे गाने भी सिखाता। पिंटू ने स्कूल के एक फंक्शन में मिठू के सिखाए हुए गाने पर डांस किया। सबने तालियां बजाईं। मिठू स्टेज पर बैठा खुशी से झूम रहा था।
पिंटू का रिपोर्ट कार्ड आया। अब उसके नंबर बहुत अच्छे थे। उसकी टीचर ने कहा, "पिंटू, तुम तो बदल गए हो! पहले तुम्हें पढ़ाई से नफरत थी।" पिंटू मुस्कुराया और मन ही मन मिठू को धन्यवाद दिया। मिठू ने उसकी पूरी दुनिया बदल दी थी।
अब पिंटू को पढ़ाई से प्यार हो गया था। वह मिठू के साथ नए-नए विषय पढ़ता, सवाल पूछता, और हां, स्वादिष्ट इनाम भी पाता! मिठू भी खुश था। उसे एक अच्छा स्टूडेंट मिल गया था। पिंटू और मिठू की दोस्ती पूरे शहर में मशहूर हो गई। सब जानते थे कि पिंटू के पास एक जादुई और बहुत मजेदार दोस्त है।
*नैतिक शिक्षा:* अगर हम सही तरीके से और मजेदार ढंग से सीखें, तो कोई भी मुश्किल काम आसान और मजेदार बन सकता है। एक अच्छा दोस्त हमें हर चुनौती का सामना करने में मदद कर सकता है।
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