गुरु वचनो को रखना सँभाल के | Guru Vachno Ko Rakhna Sambhal Ke | Nirankari Bhajan | Guru Dev Bhajan |

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गुरु वचनो को रखना सँभाल के | Guru Vachno Ko Rakhna Sambhal Ke | Nirankari Bhajan | Guru Dev Bhajan |

सन्त निरंकारी मिशन कोई प्रचलित धर्म या सम्प्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है। सन्त निरंकारी मिशन निराकार-प्रभु की जानकारी प्राप्त करने के बाद भक्ति करते हुए मर्यादित जीवन जीने की एक पद्धति है।मिशन परमपिता परमात्मा का घट-घट में दर्शन करा कर विश्व-बन्धुत्व की स्थापना कर रहा है। ब्रह्म का ज्ञान प्रदान करने वाली विभूति सद्गुरु है। ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के बाद जो व्यक्ति निरंकार का कण-कण में दर्शन करके निरंकार के सुमिरण में, सत्य के ज्ञाताओं की संगति और प्राणी मात्र की सेवा में तल्लीन रहता है उसे हम ” निरंकार ” कहते हैं।

Songs:-Guru Vachno Ko Rakhna Sambhal Ke


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******lyrics*****
गुरु वचनो को रखना सँभाल के इक इक वचन में गहरा राज़ है,
जिसने जानी है महिमा गुरु की उसका डूबा कभी न जहाज़ है ।

दीप जले और अंधेरा मिटे न ऐसा कभी नहीं हो सकता,
ज्ञान सुने और विवेक न जागे ऐसा कभी नहीं हो सकता ।
जिसकी रोशनी से रोशन जहान है वो फरिश्ता बड़ा ही महान है,
जिसने जानी है महिमा गुरु की उसका डूबा कभी न जहाज़ है ॥

बीज पड़े और अंकुर न फूटे ऐसा कभी नहीं हो सकता,
कर्म करे और फल न भोगे ऐसा कभी नहीं हो सकता ।
कर्म करने को तूँ होशिआर है फल भोगने में बड़ा ही लाचार है,
जिसने जानी है महिमा गुरु की उसका डूबा कभी न जहाज़ है ॥

ठोकर लगे सतगुर न संभाले ऐसा कभी नहीं हो सकता,
जब हम पुकारे और वो न आए ऐसा कभी नहीं हो सकता ।
उसके हाथों में सौंप दे हाथ तूँ वो तो अंग संग तेरे साथ है,
जिसने जानी है महिमा गुरु की उसका डूबा कभी न जहाज़ है ॥
गुरु परिपूर्ण समर्पित तूँ हो जा धोखा कभी नहीं खा सकता,
लक्ष्मण रेखा सतसंग की हो तो रावण कभी नहीं आ सकता ।
अब तो हर पल होता आभास है गुरु सदा ही हमारे साथ है,

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